Smt. Saroj Jaiswal vs State Of U.P. & Ors. on 9 August, 2010

0
52
Allahabad High Court
Smt. Saroj Jaiswal vs State Of U.P. & Ors. on 9 August, 2010


वयव. पकीणर यािचका सं० १०६४ वषर २०१०
शीमती सरोज जयसवाल पित राजय उतर पदेश एवं अनय

माननीय यतीनद िसंह, नयायमूितर
माननीय राजेस कुमार,नयायमूितर
याची के िवरद उतर पदेश मोटर गाडी कराधान िनयमावली
१९९७ के अनतगरत कर का िनधाररण हो गया था। िजससे कुबध होकर
याची ने यािचका संखया ३१९ वषर २००८ इस नयायालय मे पसतुत
िकया था। यह यािचका िदनांक २६-२-२००८ को यह कहते हुए
िनणीत कर दी गयी िक यिद याची चाहे तो इस समबंध मे पतयावेदन
पसतुत कर सकता है। याची ने इसके अनुपालन मे िदनांक ११-३-
२००८ को एक पतयावेदन पसतुत िकया। ततपशचात इसी बीच याची के
िवरद एक अनय वसूली िदनांक १६-२-२००९ को िनगरत कर दी
गयी। िजससे कुबध होकर यह यािचका योिजत की गयी है।

हमने याची के अिधवका तथा सथायी अिधवका को सुना।

इस यािचका मे सथायी अिधवका को िनदेश पाप करने हेतु
समय िदया गया था। ततपशचात सथायी अिधवका ने नयायालय के
समक आदेश िदनांक ३-८-२०१० को पसतुत िकया। इस आदेश की
पित याची के अिधवका को दे दी गयी है। इस आदेश मे याची के
पतयावेदन को िनणीत कर िदया गया है। इस आदेश मे आज तक जो
भी पैसा याची के िवरद बकाया है उसे तय कर िदया गया है। इस
आजा मे कर वसूली िदनांक १६-२-२००९ भी िनिहत है।

यह यािचका इस सतर पर खािरज की जाती है। याची चाहे तो
इस आदेश के िवरद उिचत कानूनी कायरवाही कर सकता है या नयी
यािचका दािखल कर सकता है।

िदनांक ९-८-२०१०,

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *