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Demand To Rescue The Tribal Girls Of Kotla Village Sold In The Drought … on 26 April, 2001

Lok Sabha Debates
Demand To Rescue The Tribal Girls Of Kotla Village Sold In The Drought … on 26 April, 2001

Title: Demand to rescue the tribal girls of Kotla village sold in the drought prone areas of Rajasthan.

श्रीमती जस कौर मीणा

: उपाध्यक्ष महोदय, आदिवासी समुदाय के अधिकांश परिवारों की आर्थिक स्थिति कृषि पर निर्भर करती है । लगातार तीन वर्षों से राजस्थान में सूखे की स्थिति ने इन लोगों को भूखा मरने के लिए मजबूर कर दिया है । इस मजबूरी का लाभ उठाकर आर्थिक द्ृष्टि से सम्पन्न लोगों ने आदिवासियों की बेटियों को खरीदकर बहुत गलत ढंग से घृणित स्थिति में पहुंचा दिया है, जिसका उदाहरण कोटला ग्राम पंचायत समति है, जहां पातरपाड़ी गांव की ९ बालिकाओं की विक्रय की स्थिति बनी है । यह स्थिति गम्भीर और चिन्ताजनक है। यदि इस स्थिति को संभाला नहीं गया, तो आदिवासी समुदाय की सामाजिक व्यवस्था, उनकी पारिवारिक व्यवस्था इस अकाल की मार के साथ-साथ छिन्न-भिन्न हो जाएगी । राजस्थान की सरकार किसी भी तरह से अकाल की स्थिति से निपटने के लिए रोजगार के साधन मुहैया नहीं करा रही है । ऐसी स्थिति में परिवार मजबूर हो गए हैं, उन नौ बालिकाओं के परिवारों की दास्तांन पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करूंगी, लेकिन मैं आपके माध्यम से कहना चाहती हूं कि इस घृणित कार्य के पीछे स्वयंसेवी संस्थायें भी भागीदार हैं । आदिवासियों को हक दिलाने के नाम पर, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विकास के नाम पर असंख्य रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से उन्नयन की बात की जाती है, लेकिन ये स्वयंसेवी संस्थायें गोल-माल कर रही हैं । उन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से …( व्यवधान )

MR. DEPUTY-SPEAKER: Shri Kriplani, I have allowed her. Please do not disturb.

… (Interruptions)MR. DEPUTY-SPEAKER: Please resume your seats. Shri Meena, I will give you the floor after her submission.

… (Interruptions)

MR. DEPUTY-SPEAKER: Shri Kriplani, you are again creating problems.

… (Interruptions)

MR. DEPUTY-SPEAKER: Shri Meena, I will call you later. How many times should I tell you? Since the matter belongs to your constituency, I will give you the floor.

… (Interruptions)

श्रीमती जस कौर मीणा: महोदय, मैं आदिवासी समाज की महिला हूं । स्वयंसेवी संस्थाओं ने आदिवासी परिवारों के उन्नयन की बात को लेकर एक ढोंग रच रखा है । मैं आपके माध्यम से न्याय चाहती हूं । राजस्थान सरकार इनको अपनी जेब का वोट बैंक मानते हैं, स्वयंसेवी संस्थायें आदिवासियों के नाम पर इन आदिवासी परिवारों के साथ जघन्य अपराध कर रही हैं । इन लोगों को मुक्त कराते हुए, राजस्थान की सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं से न्याय दिलाइए, ताकि हमारे प्रति होने वाले अन्याय के खिलाफ न्याय मिल सके । यह पत्र-पत्रिकाओं में छपा हुआ स्टेटमेंट मेरा नहीं है । …( व्यवधान )

महिलाओं के साथ, बालिकाओं के साथ, उन परिवारों के साथ जघन्य अपराध हो रहा है और न्याय दिलाने के लिए मैं आपसे अपील करती हूं । …( व्यवधान )

श्री भेरूलाल मीणा

: महोदय, यह मेरा चुनाव क्षेत्र है और मैं वहां जाकर आया हूं । कम से कम १५ जगहों का मैंने निरीक्षण किया है। एक-एक जगह पर ४०-४०, ५०-५० और १००-१०० मजदूर काम कर रहे हैं। वहां भुखमरी का सवाल ही पैदा नही होता है । …( व्यवधान )

MR. DEPUTY-SPEAKER: Please do not interrupt. It is a matter pertaining to his constituency. Let him make his point. Why are you interrupting him?

… (Interruptions)

श्री भेरूलाल मीणा : जहां तक इस बात का सवाल है तो गुजरात और राजस्थान का बार्डर मिला हुआ है और उनके लड़के-लड़कियों की आपस में शादियां होती हैं। यहां तो परम्परा से ये शादियां होती रहती हैं।…( व्यवधान )दूसरी बात यह है कि हमारे गांव का रिवाज जरा अलग है। लड़की की शादी में लड़के वाला लड़की के बाप को पैसा देता है, वहां यह रिवाज है और यह रिवाज परम्परा से चलता आया है। ये लोग तो अपना राजनीतिक फायदा उठाने के लिए यह सवाल यहां उठा रहे हैं। …( व्यवधान )एक पेपर में किसी ने लिख दिया तो यह यहां उसे उठा रहे हैं, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं है जैसा यह कह रहे हैं।

श्री ताराचन्द भगोरा (बांसवाड़ा): उपाध्यक्ष जी, ये भाजपा के लोग आदिवासी लोगों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और इन्होंने इस बारे में कल भी गलत स्टेटमेंट दिया था।