>
Title: Need to check pollution in river Ganga.
श्री शैलेन्द्र कुमार (चायल) : सभापति महोदय, गंगा नदी को भारत सरकार ने राष्ट्रीय नदी घोषित किया, इसके लिए मैं यूपीए गवर्नमेंट का बहुत ही शुक्रगुज़ार हूं। इनका आभार व्यक्त करता हूं। आज इलाहाबाद में गंगा का पानी बहुत ही प्रदूषित है, जब कि इलाहाबाद में प्रयाग में कुम्भ मेला, अर्द्ध कुम्भ मेला और माघ मेला प्रतिवर्ष होता है और गंगा नदी के पानी का हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा हुआ सवाल है।
सभापति महोदय, मैं आपको बताना चाहूंगा कि इलाहाबाद में प्रयाग में प्रतिवर्ष माघ मेला लगता है और वहां देश एवं विदेश से पर्यटक आते हैं। गंदे पानी के नाले, खास कर फैक्ट्रियों का तमाम काला और लाल पानी गंगा में बहाया जाता है। कानपुर में बहुत से चमड़ा उद्योग हैं, जिससे पूरी गंगा का स्वरूप प्रदूषित हो गया है। गंगा का पानी इतना स्वच्छ होता है कि आप इस पानी को बोटल में साल भर रखिए तो भी इसमें कीड़े नहीं पड़ते हैं। इतना स्वच्छ गंगा जल है। प्रतिवर्ष इलाहाबाद में प्रयाग में जब माघ मेला होता है तो वहां साधु-संत आंदोलित हो जाते हैं। वहां शाही स्नान होता है और वे लोग इसका विरोध करते हैं।
सभापति महोदय, मैं मांग करता हूं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी निर्देशित किया है कि टिहरी बांध से पानी छोड़ा जाए, क्योंकि 14 जनवरी खिचड़ी का दिन है। …( व्यवधान) मकर संक्रंति के दिन वहां मेला लगता है, जो एक माह तक चलता है। वहां लोग कल्पवास करते हैं, इसलिए वहां स्वच्छ पानी छोड़ा जाए और जो गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया है, हिन्दुओं की आस्था की प्रतीक गंगा नदी है, उस प्रदूषण को रोक कर वहां माघ मेला सुचारु रूप से लगाया जाए।…( व्यवधान) वहां पर देशी-विदेशी पर्यटक आकर डुबकी लगाते हैं।…( व्यवधान) उनकी मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। …( व्यवधान)
सभापति महोदय, इन्हीं शब्दों के साथ मैं आपके माध्यम से सरकार से मांग करता हूं कि गंगा नदी सही रूप में स्वच्छ हो और उसकी स्वच्छता को बरकरार रखते हुए उस नदी को कम से कम प्रदूषित होने से बचाया जाए।