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Title: Need to accord the status of Scheduled Tribes to the Gowari Tribe in Maharashtra.
श्री हंसराज गं. अहीर : महोदया, गोवारी जाति के बारे में मैं कहना चाहता हूं कि आर्थिक दृष्टि से और शिक्षा की दृष्टि से यह बहुत ही पिछड़ी जाति है। इस जाति के लोगों ने कई वर्षों से अपनी जाति को आदिवासी जाति की सूची में शामिल करने की मांग की है। ब्रिटिश काल में इस जाति को महाराष्ट्र की आदिवासी जाति की सूची में रखा गया था। इस मांग को लेकर गोवारी जाति के लोग अनेक वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। 13 वर्ष पूर्व विधान सभा के सत्रावसान पर गोवारी जाति के लोगों ने जो प्रदर्शन किया था, उसमें करीब 114 लोगों की अत्याचार और पुलिस बल प्रयोग करने के कारण जान गई थी। कल इस घटना को पूरे 13 वर्ष होने जा रहे हैं। मैं आपके सामने इसलिए यह विषय रखना चाहूंगा क्योंकि केंद्र सरकार के पास इस विषय से संबंधित प्रस्ताव लम्बित है। 1967 में तात्कालिक सरकार एक बिल लोक सभा में लाई थी, लेकिन बिल पर कुछ टेक्निकल अड़चनों की वजह से चर्चा नहीं हो पाई थी। इस बिल पर चर्चा न होने की वजह से इस जाति को अनुसूचित जनजाति अनुसूची में सम्मिलित नहीं किया जा सका है। महाराष्ट्र सरकार ने दो बार मंत्रिमंडल से प्रस्ताव पारित कर इस जनजाति को आदिवासी सूची में सम्मिलित करने के लिए सम्मति दर्शायी है। उसके बावजूद भी केंद्र सरकार और आदिवासी मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को परलम्बित रखा है।
मैं मांग करता हूं कि केंद्र सरकार इस विषय पर तुंत निर्णय ले और इस जाति को महाराष्ट्र में आदिवासी जाति में शामिल करने हेतु बिल लाए और इस बिल को मान्यता दे।