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12.23 hrs.
Title: Need to declare 6, Krishna Menon Marg, as Babu Jagjivan Ram National Memorial.
श्री राम विलास पासवान (हाजीपुर) : महोदय, मैं बहुत ही महत्वपूर्ण विषय की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। मैं समझता हूं कि यह कोई राजनीतिक मामला भी नहीं है।
श्री रामजीलाल सुमन (फिरोजाबाद): महोदय, इस संबंध में मेरा भी नोटिस है।
अध्यक्ष महोदय : आप आश्वस्त रहिए।
श्री राम विलास पासवान: महोदय, बाबू जगजीवन राम इस देश के राष्ट्रीय नेताओं में रहे हैं और देश के उप प्रधान मंत्री भी रहे हैं। आपको मालूम है कि १९६२ से लेकर लगातार बाबू जगजीवन राम जी ६, कृष्णा मैनन मार्ग पर रहते रहे थे। मैं १९७९ में जब कल्याण मंत्री बना था, उस समय वह मकान मेरे नाम से आबंटित हुआ था। उस समय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी, जो आज देश के प्रधान मंत्री हैं तथा अन्य ३८१ माननीय सदस्यों ने, जिनमें आप भी मौजूद हैं, सभी ने मांग की थी कि बाबू जगजीवन राम के निवास स्थान ६, कृष्णा मैनन मार्ग को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए। उसके बाद हम लोगों ने जब यह लिख कर आया कि वह राष्ट्रीग स्मारक घोषित हो रहा है, उस मकान को १२, जनपथ पर शिफ्ट कर दिया। लेकिन वर्षों से राष्ट्रपति महोदय, प्रधान मंत्री जी और अन्य सभी लोग जाकर बाबू जगजीवन राम जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करते रहे हैं, वहां राष्ट्रीय स्मारक साइन बोर्ड लगा हुआ है तथा वहां फोटो प्रदर्शन का भी रूम है। लेकिन एकाएक जुलाई के महीने में भारत सरकार द्वारा यह निर्णय ले लिया गया कि उस मकान को किसी एक्स-जज या किसी दूसरे के नाम से आवंटित कर दिया है। ज्यों ही मुझे इस बात का पता चला, हमने जुलाई के महीने में ही शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखा और उनसे आग्रह किया।
अध्यक्ष महोदय : मैं एक मिनट से ज्यादा बोलने के लिए समय नहीं दूंगा। आप कृपया समाप्त करिए।
श्री राम विलास पासवान: उसके बाद ३० जुलाई को उनका जवाब आया कि मैं इसको दिखवा रहा हूं, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमने वभिन्न राज्यों में जेल भरो अभियान शुरु कर दिया है। मैं समझता हूं कि ३८१ संसद सदस्य, जिनमें सभी ९० सदस्यों, जो अभी मंत्रिमंडल में शामिल हैं, के नाम भी शामिल हैं। उनके निवास स्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित न करना केवल बाबू जगजीवन राम जी का ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों का, जो दलित हैं, कमजोर वर्ग के हैं, सभी का अपमान है।
मैं आपसे मांग करता हूं कि सरकार इस पर वक्तव्य दे और इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करे।
अध्यक्ष महोदय : मैं आप सभी सांसदों को जो इस प्रकार की मांग कर रहे हैं, इससे एसोसिएट करता हूं। आप सभी बैठ जाइये।
…( व्यवधान)
डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (वैशाली): अध्यक्ष जी, हमने भी इस बारे में कई बार पत्र लिखे हैं। हम भी चाहते हैं कि इसको राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए। मैं भी अपने को इस मांग से सम्बद्ध करता हूं।
अध्यक्ष महोदय : जो भी सांसद महोदय इस मांग के लिए खड़े हैं उन सभी को इससे एसोसिएट किया जाता है। आप बैठ जाइये।
…( व्यवधान)
श्री सुकदेव पासवान (अररिया): अध्यक्ष जी, यह बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है। हमारा कहना है कि ६, कृष्णन मार्ग को खाली न कराया जाए बल्कि उसको राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए।…( व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय : प्रकाश अम्बेडकर जी, आप बैठ जाइये, आपको भी इससे एसोसिएट किया जाता है।
SHRI S. JAIPAL REDDY (MIRYALGUDA): Sir, Shri Jagjivan Ram was not mearly an outstanding leader of dalits and weaker sections but he was also an outstanding leader of the country. He was a flaming freedom fighter, an outstanding parliamentarian and an outstanding administrator. He was the Defence Minister of India, when India won the war against Pakistan in 1971. Such a person’s memory should be perpetuated. I completely concur with the sentiments and views expressed by Shri Ram Vilas Paswan.
SHRI SOMNATH CHATTERJEE (BOLPUR): Sir, we associate with him… (Interruptions)