Title: Regarding amendments made in the Criminal Procedure Code (CPC)/the Advocates Act and strike of the lawyers in the country.
श्री मुलायम सिंह यादव ; +ÉvªÉFÉ àÉcÉänªÉ, +ÉÉ{ÉBÉEÉ ¤ÉcÖiÉ ¤ÉcÖiÉ vÉxªÉ´ÉÉn* càÉxÉä ¤ÉcÖiÉ cÉÒ MÉÆ£ÉÉÒ® +ÉÉè® àÉci´É{ÉÚhÉÇ ºÉ´ÉÉãÉ =~ɪÉÉ cè*
जो दीवानी प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया गया है, उसके चलते जो हमारे देश के गरीब है, कर्मचारी है, वेतनभोगी लोग हैं, उनमें मुकदमे के लिए न्यायालय में जाने की कभी क्षमता ही नहीं हो सकती है। जब पांच हजार से लेकर पचास हजार रुपये तक की जमानत देनी पड़ेगी और उसी के साथ-साथ अगर अपील करनी है या स्टे ऑर्डर लेना है तो उसी वक्त हलफनामा से लेकर जितना और खर्चा होता है, उसे जमा करना पड़ेगा।
अध्यक्ष महोदय, हमें इस बात की खुशी है और वहीं अफसोस है कि आप एक वकील है, दूसरी तरफ हमारे मंत्री जी जेटली साहब भी देश के माने हुए वकील है औंर कानून मंत्री जी भी वकील है। लेकिन दीवानी आचार संहिता और दूसरी तरफ जो वकीलों के संबंध में संशोधन आया है, उसके चलते उन्हें पांच साल बाद परीक्षा देनी पड़ेगी, रिव्यू करना पड़ेगा, लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ेगा। हम जानना चाहते हैं कि क्या यह वकीलों पर ही लागू होगा, क्या यह आई.ए.एस. पर लागू नहीं होगा, जो फाइलें बना रहे हैं, क्या न्यायालयों के न्यायाधीशों के लिए भी लागू होगा और जितने भी क्लास -१ अधिकारी, आई.ए.एस., आई.पी.एस. है, क्या हर पांच साल बाद उनके लिए भी यह व्यवस्था होगी। यह सरकार धीरे-धीरे पूरे देश की व्यवस्था को नष्ट करने पर उतारू है। इसलिए हम आपसे अपील करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप एक वकील भी हैं। यह वकील तो चले गये। यह तो मंत्री के मद में हो गये। चाहे कानून मंत्री हों। जेटली साहब तो हमारे बड़े हमदर्द हैं।
अध्यक्ष महोदय : क्या आप लॉयर नहीं है?
श्री मुलायम सिंह यादव : देश के इतने बड़े वकील होते हुए आप वकीलों के खिलाफ यह सब कर रहे हो, जब वकील आवाज उठायेंगे तो वकीलों पर पुलिस लाठीचार्ज करेगी और उनके खिलाफ ये कोई कार्रवाई नहीं करेंगे, समझौते की बात करेंगे और मामले को ठंडा करेंगे। जेटली जी आप इस फंदे में मत फंसिये। । इसलिए हमारी मांग है कि सबसे पहले केन्द्र सरकार के द्वारा यह संशोधन वापिस होना चाहिए।
मेरा दूसरा निवेदन यह है कि इस घटना में करीब २००-३०० वकील घायल हो गये हैं और उसके विरोध में आज मजबूर होकर महिला अधिवक्ताएं आमरण अनशन पर हैं। आप जानते हैं कि महिलाओं की भावनाएं कैसी होती हैं। इसलिए महिलाओं के साथ जिद मत कीजिए। यदि महिलाएं जिद करती हैं तो सारी सीमाओं तक जाती हैं। यह याद रखिये उन्होंने वकील होते हुए आमरण अनशन किया है। यह खतरे की बात है, महिला अधिवक्ताओं की जान भी जा सकती है। इसलिए आप इसे गंभीरता से लीजिए। सारा काम-काज बंद कीजिए। ५० दिन से पूरे जनपद के न्यायालय से लेकर हाई कोर्ट तक पूरी तरह से बंद हैं। दूसरा कानून में जो संशोधन है, उससे केवल वकीलों का रिश्ता नहीं है। आम जनता, गरीब लोग जो सस्ता न्याय चाहते हैं, लेकिन न्याय महंगा होने जा रहा है। जबकि नीति यह रही है कि न्याय हमेशा सस्ता मिले। लेकिन वह महंगा हो रहा है। दूसरी तरफ वकीलो जैसे बुद्धिजीवियों को दबाने की साजिश है।
MR. SPEAKER: Is there anything from the Government?
…( व्यवधान)
gÉÉÒ àÉÖãÉɪÉàÉ É˺Éc ªÉÉn´É : पहले राज्य कर्मचारियों को दबाया और अब वकीलों को दबाने का षडयंत्र है। इसलिए अध्यक्ष महोदय सारा काम-काज बंद करके इस मामले पर बहस की जाए, यह हमारी मांग है। माननीय जेटली साहब मंत्री पद अमर नहीं है, आखिर में आपको बार में ही जाना पड़ेगा। इसलिए हम आपसे अपील करेंगे कि इस संशोधन को वापिस लीजिए और कार्रवाई को स्थगित करके इस पर चर्चा और बहस कराई जाए।…( व्यवधान)
SHRI PAWAN KUMAR BANSAL (CHANDIGARH): Sir, please be fair. … (Interruptions)
MR. SPEAKER: Are you on the same subject?
SHRI PAWAN KUMAR BANSAL : Yes, Sir. I have given a notice.… (Interruptions)
MR. SPEAKER: Now, Shri Pawan Kumar Bansal. He is also on the same subject. He has given a notice.
… (Interruptions)
SHRI VARKALA RADHAKRISHNAN : Sir, I have also given notices several times about the condition of the lawyers. … (Interruptions)
MR. SPEAKER: Please take your seat.
SHRI VARKALA RADHAKRISHNAN : I fully associate with his views that it has become a national issue.
MR. SPEAKER: You can associate with Shri Mulayam Singh. Please take your seat, Shri Radhakrishnan.
… (Interruptions)
डा. रघुवंश प्रसाद सिंह : ºÉ®, càÉÉ®É £ÉÉÒ <ºÉÉÒ ÉÊ´ÉÉªÉ {É® xÉÉäÉÊ]ºÉ cè*
+ÉvªÉFÉ àÉcÉänªÉ : आपका अलग है।
डा. रघुवंश प्रसाद सिंह : सर, जो वकीलों पर लाठीचार्ज हुआ है, उसी के बारे में है।
SHRI PAWAN KUMAR BANSAL : Mr. Speaker, Sir, almost two months back – on 24th of February – lawyers had collected here from all parts of the country to protest peacefully against certain decisions of the Government.
They were brutally lathi charged. Ever since then, in over four hundred courts in the country lawyers have been on strike. Unfortunately, the Government does not seem to be, at all, sensitive and concerned about this matter. It is most unfortunate, I would say, that the Government has turned a deaf ear to the pleas of the lawyers” fraternity all over the country.
Sir, a Government which professes to run on democratic lines should have at least called the representatives of various Bar Associations to discuss the matter thread bare with them. On the contrary, I do not know in what manner, just to befool the people, the buck is passed on to three junior police officials of the rank of only Constables, against whom some action is being taken. This further aggravates the situation.
We would expect the Government to take a realistic view in the matter, discuss the matter in detail with the lawyers and wherever it is considered necessary make those amendments further to allay the fears of the lawyers. The amendments talked of in the Advocates Act can not even thought of. Those are very serious and grave in character. When you lay conditions for local lawyers or even very senior lawyers to appear every five years for an examination, you give a complete freedom to the advocates from other countries to appear in the courts, here.
Sir, this is a matter which, and I would only repeat for the sake of laying emphasis on it, warrants immediate action. The Government should not sit on false prestige. The minimum that they can do is, there are hon. Members on the other side who will feel likewise, that action is taken at the earliest to rectify the situation and ensure that the lawyers return to the courts with dignity and self-respect.
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल (कानपुर) : अध्यक्ष महोदय, मैंने भी इसी विषय पर कालिंग अटैन्शन नोटिस दिया है।…( व्यवधान)
डॉ.रघुवंश प्रसाद सिंह (वैशाली) : +ÉvªÉFÉ àÉcÉänªÉ, cÉãÉ cÉÒ àÉå ºÉ®BÉEÉ® xÉä VÉÉä ºÉÉÒ+ÉÉ®.{ÉÉÒ.ºÉÉÒ. àÉå +ÉxÉÉ{É-¶ÉxÉÉ{É ºÉƶÉÉävÉxÉ ÉÊBÉEªÉä cé, =ºÉºÉä MÉ®ÉÒ¤ÉÉå BÉEÉä xªÉÉªÉ xÉcÉÓ ÉÊàÉãÉÉ +ÉÉè® nä¶É £É® àÉå +É{ÉE´ÉÉc cè ÉÊBÉE Aäb´ÉÉäBÉEä]弃 ãÉÉì àÉå AäºÉÉ ºÉƶÉÉävÉxÉ cÉä ®cÉ cè ÉÊVɺɺÉä ÉÊ´Énä¶É ºÉä ´ÉBÉEÉÒãÉ £ÉÉÒ +ÉÉAÆMÉä* <ºÉ ´ÉVÉc ºÉä nä¶É £É® BÉEä ´ÉBÉEÉÒãÉ +ÉÉÆnÉäÉÊãÉiÉ cé +ÉÉè® +ÉÉÆnÉäãÉxÉ {É® cé* +ÉxɶÉxÉ £ÉÉÒ cÉä ®cÉ cè* VÉÉä BÉEÉxÉÚxÉ àÉÆjÉÉÒ cé, =xÉBÉEÉä ¤ÉÉ® AäºÉÉäÉʺɪÉä¶ÉxÉ ºÉä ºÉÉ®ä ´ÉBÉEÉÒãÉÉå xÉä ÉÊxÉBÉEÉãÉ ÉÊnªÉÉ, +ÉâóhÉ VÉä]ãÉÉÒ VÉÉÒ BÉEÉä £ÉÉÒ ÉÊxÉBÉEÉãÉ ¤ÉÉc® BÉE®åMÉä, ªÉc AäºÉÉ BÉEÉxÉÚxÉ Aäb´ÉÉäBÉEä]弃 BÉEä ÉÊJÉãÉÉ{ÉE, MÉ®ÉÒ¤ÉÉå BÉEä ÉÊJÉãÉÉ{ÉE ãÉÉ ®cÉÒ cè ÉÊVɺɺÉä ´ÉBÉEÉÒãÉ ãÉÉäMÉÉå xÉä +ÉÉÆnÉäãÉxÉ +ÉÉè® |Én¶ÉÇxÉ ÉÊBÉEªÉÉ* =xÉBÉEä ¶ÉÉÆÉÊiÉ{ÉÚhÉÇ |Én¶ÉÇxÉ {É® {ÉÖÉÊãÉºÉ uÉ®É ¤É¤ÉÇ®iÉÉ ºÉä càÉãÉÉ ÉÊBÉEªÉÉ MɪÉÉ ÉÊVɺÉàÉå 30 ´ÉBÉEÉÒãÉ PÉɪÉãÉ cÖA +ÉÉè® BÉE<Ç ´ÉBÉEÉÒãÉÉå BÉEÉÒ +ÉÉÆJÉå SÉãÉÉÒ MÉ<ÇÆ* <ºÉ iÉ®c ºÉä VÉ¤É BÉEÉä<Ç £ÉÉÒ cÖBÉÚEàÉiÉ ´ÉBÉEÉÒãÉÉå {É® ¤É¤ÉÇ®iÉÉ ºÉä +ÉɵÉEàÉhÉ BÉE®iÉÉÒ cè iÉÉä ´Éc ºÉ®BÉEÉ® ºÉkÉÉ àÉå xÉcÉÓ ®ciÉÉÒ cè, ´Éc ºÉ®BÉEÉ® SÉãÉÉÒ VÉÉiÉÉÒ cè* +ÉÉWÉÉnÉÒ BÉEä VÉàÉÉxÉä ºÉä ´ÉBÉEÉÒãÉ ãÉÉäMÉÉå xÉä +ÉÉÆnÉäãÉxÉÉå àÉå +ÉMÉÖ´ÉÉ<Ç BÉEÉÒ cè* àÉcÉiàÉÉ MÉÉÆvÉÉÒ, {ÉÆÉÊbiÉ VÉ´ÉÉc®ãÉÉãÉ xÉäc°ô, nÉnÉ£ÉÉ<Ç xÉÉè®ÉäVÉÉÒ ºÉ£ÉÉÒ ´ÉBÉEÉÒãÉ ãÉÉäMÉÉå xÉä +ÉÉWÉÉnÉÒ BÉEÉÒ ãɽÉ<Ç BÉEÉÒ +ÉMÉÖ´ÉÉ<Ç BÉEÉÒ* +ÉMÉ® ´ÉBÉEÉÒãÉÉå {É® <ºÉ iÉ®c BÉEÉ VÉÖãàÉ cÉäMÉÉ +ÉÉè® =xÉBÉEÉÒ ªÉc nÖnǶÉÉ cÉäMÉÉÒ iÉÉä =ºÉBÉEÉä ºÉcxÉ xÉcÉÓ ÉÊBÉEªÉÉ VÉÉ ºÉBÉEiÉÉ cè VɤÉÉÊBÉE BÉEciÉä cé ÉÊBÉE £ÉÉ®ÉÒ ´ÉBÉEÉÒãÉ ãÉÉäMÉ àÉÆÉÊjÉàÉÆbãÉ àÉå ºÉnºªÉ cé +ÉÉè® =ºÉ àÉÆÉÊjÉàÉÆbãÉ BÉEä uÉ®É <ºÉ iÉ®c BÉEÉ BÉEÉãÉÉ BÉEÉxÉÚxÉ +ÉÉA ÉÊVɺɺÉä xªÉÉªÉ àÉcÆMÉÉ cÉä VÉÉA, +É{ÉÉÒãÉ BÉE®xÉä BÉEÉ +ÉÉÊvÉBÉEÉ® JÉiàÉ cÉä VÉÉA, 50,000 âó{ɪÉÉ VÉÖàÉÉÇxÉÉ BÉE®BÉEä iÉ¤É =ºÉ {É® {ÉEèºÉãÉÉ cÉäMÉÉ, ªÉc ºÉÉ®É BÉEÉxÉÚxÉ MÉãÉiÉ cè, BÉEÉãÉÉ BÉEÉxÉÚxÉ cè* <ºÉ BÉEÉxÉÚxÉ BÉEä ÉÊJÉãÉÉ{ÉE nä¶É £É® BÉEä BÉEÉxÉÚxÉÉÊ´Én =uäÉÊãÉiÉ cé +ÉÉè® ºÉ®BÉEÉ® BÉEä BÉEÉxÉ {É® VÉÚÄ iÉBÉE xÉcÉÓ ®åMÉ ®cÉÒ cè*
MR. SPEAKER: The hon. Minister is going to reply. Please take your seat.
डॉ.रघुवंश प्रसाद सिंह : इसलिए सरकार को निर्देश दिया जाए कि वकीलों की समस्या पर जो गलत कानून आया है, उसमें सुधार करने के लिए तत्काल सरकार कार्रवाई करे और वकीलों पर जो जोर-जुल्म हुआ, बर्बरतापूर्ण आक्रमण हुआ, पुलिस द्वारा पीटा गया, गिराया गया, उनके कपाल फाड़ दिये, मारा गया, पीटा गया, घसीटा गया।
वकीलों पर इस तरह के जुल्म हुए। उनके जुल्मियों के विरुद्ध आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मैं आपके माध्यम से सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं और कहना चाहता हूं कि जुल्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हो और इस काले कानून को तुरंत रद्द किया जाये।
SHRI LAKSHMAN SETH (TAMLUK): Sir, I have given a notice early in the morning. … (Interruptions)
MR. SPEAKER: Your notice is not on this subject.
… (Interruptions)
SHRI LAKSHMAN SETH : Sir, my notice is on cricket.… (Interruptions)
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल (कानपुर) : अध्यक्ष महोदय, मेरा भी इसी के संबंध में नोटिस है। …( व्यवधान)
SHRI PRIYA RANJAN DASMUNSI : Sir, he has given a Calling Attention Notice. … (Interruptions)
MR. SPEAKER: His notice is on a separate subject.
… (Interruptions)
SHRI PRIYA RANJAN DASMUNSI : Sir, his notice is on the same subject but he has given a Calling Attention Notice. … (Interruptions)
SHRI K. YERRANNAIDU (SRIKAKULAM): Mr. Speaker, Sir, I fully associate with what Shri Mulayam Singh Yadav has said on the lawyers” strike. … (Interruptions)
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : अध््यक्ष महोदय, आपने सबको एलाऊ किया है इसलिए हमको भी बोलने का मौका दीजिए। …( व्यवधान) आप मुझे केवल दो मिनट का समय दे दीजिए।
MR. SPEAKER: In that case, you have to withdraw your Calling Attention Notice.
… (Interruptions)
SHRI SHRIPRAKASH JAISWAL : Sir, I withdraw it. पूरा देश चाहता है कि हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था में सुधार किया जाये। देश का प्रत्येक नागरिक चाहता है।…( व्यवधान)
SHRI LAKSHMAN SETH : Sir, I have given a notice on cricket … (Interruptions)
MR. SPEAKER: Match is over please.
… (Interruptions)
SHRI LAKSHMAN SETH : Sir, match is not over. It is continuing.
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : मैच से भी इम्पोर्टेंट सब्जैक्ट यह है। पूरा देश चाहता है कि हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था में सुधार किया जाये। भारत सरकार ने जो सुधार प्रस्तुत किये हैं, वे ठीक उसी तरह के सुधार हैं जैसे पूरा देश चाहता है कि देश से गरीबी का उन्मूलन किया जाये, गरीबी को दूर किया जाये लेकिन क्या गरीबी को दूर करने के लिए ८० फीसदी गरीबों को मार दिया जाये? देश से गरीबी दूर करने का यह क्या तरीका है? इसी तरीके से न्यायिक व्यवस्था में जो सुधार किया गया है, उसमें इस देश के ८० फीसदी गरीबों को न्याय न देने का संकल्प लिया गया है। आप इस एक्ट की एक-एक धारा देखिये जो इन्होंने पास कराई है। इसमें इन्होंने एक प्रावधान किया है कि २५ हजार तक के किसी भी मुकदमे की फिर से अपील नहीं की जा सकती जबकि इस देश में ज्यादातर मुकदमे गरीबों के, कमजोरों के, मजदूरों और किसानों के होते हैं। अगर २५ हजार तक के मुकदमे की अपील की ही नहीं जा सकती तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस देश में आने वाले समय में किस तरह का न्याय मिलेगा। इसी तरीके से इन्होंने और भी मनमाने ढंग से संशोधन किये हैं। मैं हाथ जोड़कर आपसे अनुरोध करता हूं कि वकीलों की जो स्ट्राइक पूरे देश में चल रही है, उसके संबंध में शासन से कहें कि वे इस पर पुनर्विचार करें। इन्होंने जो कानून बना दिया, वह कोई पत्थर की लकीर नहीं हो सकती। अगर पूरे देश के वकील आंदोलित हैं, पूरे देश की जनता आंदोलित है और यह चाहती है कि इस तरह का कानून न बने तो आप इनसे अपील करें कि इस कानून में संशोधन करें और वकीलों के रिप्रैजेंटेटिव को बैठाकर …( व्यवधान)
MR. SPEAKER: You are not allowing the Minister to give his reply. What is this?
… (Interruptions)
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : मैम्बर्स ऑफ पार्लियामैंट को बैठाकर इस तरह से संशोधन करें कि वह सबको स्वीकार्य हो।
श्री राशिद अल्वी (अमरोहा) : अध्यक्ष महोदय, मेरा भी इसी इश्यू पर नोटिस है। …( व्यवधान)
MR. SPEAKER: Shri Rashid Alvi, you have given a notice on two subjects. Please understand that.
… (Interruptions)
श्री राशिद अल्वी : जामिया मलिया के लड़कों और वकीलों दोनों के बारे में नोटिस है।
…( व्यवधान)
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के राज्य मंत्री तथा वनिवेश विभाग के राज्य मंत्री (श्री अरुण जेटली) : माननीय मुलायम सिंह जी एवं कई सदस्यों ने इस विषय में अपनी भावनायें रखी हैं। …( व्यवधान)
श्री राशिद अल्वी : वकीलों और लड़कों के साथ जो ज्यादती हुई हैं, उन दोनों के लिए मेरा नोटिस है। …( व्यवधान)
श्री अरुण जेटली : हम उसका आदर करते हैं लेकिन कुछ ऐसे वाकयात हैं।…( व्यवधान)
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : मंत्री जी, और लोगों ने भी अपनी भावनायें रखी हैं। …( व्यवधान)
श्री अरुण जेटली : लेकिन जो कुछ फैक्ट्स हैं, मैं उसको स्पष्ट कर दूं। जब यह हड़ताल आरंभ हुई थी। …( व्यवधान)
MR. SPEAKER: Shri Rashid Alvi, how can you give a notice on two subjects? You have given a notice on two subjects, atrocities of Delhi Police on the students of Jamia Millia and on advocates in Delhi.
13.00 hrs.
How can you give that? You must follow the procedure first.
श्री राशिद अल्वी : जब पुलिस वकीलों और लड़कों को मारेगी तो यह ईशू निकलेगा ( व्यवधान) मुझे बोलने की इजाजत दी जाए। ( व्यवधान)
MR. SPEAKER: Do you want to speak on the same subject?
श्री राशिद अल्वी : मैंने पुलिस की ज्यादती पर नोटिस दिया है।
MR. SPEAKER: Please understand this first. You are not hearing anything from the Chair. What is this? Are you going to raise the issue on the advocate only?
श्री राशिद अल्वी : पुलिस की ज्यादती जो वकीलों और जामिया मलिया के लड़कों के साथ हुई ( व्यवधान)
MR. SPEAKER: Please understand this. Are you going to raise only one issue?
श्री राशिद अल्वी : मुझे जामिया के लड़कों के बारे में बोलने दीजिए।
अध्यक्ष महोदय : अभी नहीं, बाद में बोलिए।
श्री अरुण जेटली : जब वकीलों की हड़ताल आरंभ हुई थी तो बार ऐसोसिएशन्स ने तीन विषय रेज किए थे जिसके संबंध में अभी कुछ विचार रखे गए। क्या विदेशी वकीलों को देश में प्रैक्टिस करने का अधिकार दिया जा रहा है ? 25 फरवरी को बार काऊंसिल ऑफ इंडिया के पदाधिकारी, बार ऐसोसिएशन के पदाधिकारी माननीय प्रधानमंत्री जी को मिले थे और यह स्पष्ट कर दिया गया कि इस प्रकार का कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं है। क्या हर ५ वर्ष बाद वकीलों को एक परीक्षा पास करनी पड़ेगी, यह हड़ताल का दूसरा मुद्दा था। इसका भी कोई विषय सरकार के सामने कभी था नहीं। तीसरा विषय यह था कि जो सविल प्रोसीजर कोड के अंदर संशोधन हुए हैं, उन संशोधनों के संबंध में पुन : विचार किया जाए। ये संशोधन सदन के दोनों सदनों ने पूरी बहस के बाद सर्वसम्मति से पारित किए थे। माननीय रघुवंश प्रसाद जी ने भी उसका समर्थन किया था। ( व्यवधान)
१३.०२ बजे(उपाध्यक्ष महोदय पीठासीन हुए)
श्री मुलायम सिंह यादव (सम्भल) : पुलिस ज्यादती के बारे मे भी बताइए।
श्री अरुण जेटली : मैं उसके संबंध में भी कह रहा हूं। जब यह विषय आया तो माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट किया क्योंकि उस कानून को अभी नोटीफाई नहीं किया गया है। नोटीफाई करने से पूर्व अगर बार ऐसोसिएशन के कुछ विचार, सुझाव हैं, उनसे हम चर्चा करेंगे और अगर आवश्यकता पड़ी तो वापिस सदन के सामने जा सकते हैं। वह विषय भी उस दिन सुलझा लिया गया।
चौथा विषय पुलिस लाठी चार्ज का था कि पुलिस ने अगर ज्यादती की है तो हम तुरन्त जज या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन ऑफ इन्क्वारी ऐप्वाइंट करते हैं। उस कमीशन ऑफ इन्क्वारी की जो फाईंडिग्स आएगी, सरकार उसकी सलाह के अनुसार आगे कार्यवाही करेगी।
जब उनकी ये चारों बातें स्वीकार कर ली गईं तो बार काऊंसिल ऑफ इंडिया ने प्रस्ताव पास करके अपनी हड़ताल को वापिस ले लिया। कुछ बार ऐसोसिएशन्स की एक अन्य मांग थी कि जो अधिकारी इसके संबंध में दोषी हैं, उन अधिकारियों को निलंबित किया जाए। उस बार ऐसोसिएशन की हड़ताल उसके बाद भी चलती रही। उसके पश्चात् दिल्ली प्रशासन ने तीन पुलिस कर्मचारी, जो वडियो के अंदर आईडैंटीफाई होते थे कि उन्होंने ज्यादती की है, (व्यवधान) तीन को सस्पैंड कर दिया।
SHRI PAWAN KUMAR BANSAL : Three constables have been suspended. Two other officers have been given better position.
MR. DEPUTY-SPEAKER: Let him complete.
श्री अरुण जेटली : दो ए.सी.पीज को वहां से सस्पैंड कर दिया गया। जो कमीशन ऑफ इन्क्वारी ऐप्वाइंट हुआ है, मैं माफी चाहूंगा, दो ए.सी.पीज को ट्रांसफर किया गया। ( व्यवधान)
श्री राशिद अल्वी : ट्रांसफर करके उससे बेहतर पोस्िंटग दे दी। ( व्यवधान)
MR. DEPUTY-SPEAKER: Let him complete.
श्री अरुण जेटली : जो कमीशन आफ इन्क्वारी ऐप्वाइंट हुआ है, उसे यह अधिकार दिया गया कि आप इस घटना के संबंध में अपनी फाईनल रिपोर्ट तो देंगे । (व् यवधान)
श्री मुलायम सिंह यादव : उन अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थान दे दिया गया। ( व्यवधान)
श्री अरुण जेटली : उन अधिकारियों को प्रैजैंट डयूटी से ट्रांसफर किया गया है। इसके अतरिक्त जो कमीशन ऑफ इन्क्वारी है, उसे इंटरिम पावर देने का भी अधिकार दिया गया है कि उनकी सस्पैंशन के संबंध में जांच करने के बाद अगर कमीशन कोई अंतरिम फाईंडिंग् देना चाहता है तो वह भी दे सकता है।
… (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: Let the Minister complete. Let him complete.
… (Interruptions)
SHRI ARUN JAITLEY: This Government has taken all possible steps to see that the strike comes to an end. The Government, therefore, would request Shri Mulayam Singh Yadav to join us in requesting the lawyers now to bring the strike to an end. There is additionally a public interest petition which has been filed. There is a judgement of that also awaited in this regard. Whatever the judgement of the court comes, that is also acceptable to us.
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि तुरन्त वकीलों के डेलीगेशन को बुलाकर उनको यह आश्वासन दें। आप टेबल पर बैठें और बताइये कि कौन-कौन से संशोधन आपत्तिजनक हैं, जितने उसमें आपत्तिजनक हों, उनको बैठाकर सुलझाकर आप संशोधन करें। आपकी यह डयूटी है कि आप वकीलों के डेलीगेशन को यह एश्योरेंस दें।
श्री अरुण जेटली : माननीय प्रधान मंत्री जी ने उनके डेलीगेशन को आश्वासन दिया है।…( व्यवधान)
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : अगर आप उनको यह आश्वासन देने को तैयार होंगे तो वकील स्ट्राइक वापस ले लेंगे।
MR. DEPUTY-SPEAKER: He has already assured. Now, Shri Vaiko.
… (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: He has already assured. Now, Shri Vaiko.
… (Interruptions)
SHRI ARUN JAITLEY: The Bar Council of India has brought out a resolution thanking the hon. Prime Minister of India for accepting their demands. … (Interruptions)
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : मंत्री जी ने स्पष्ट रूप से आश्वासन नहीं दिया है। ये उनके नुमाइन्दों को बुलाकर बात करें और उन्हें स्पष्ट आश्वासन दें। आज सारे वकील स्ट्राइक पर हैं।
MR. DEPUTY-SPEAKER: This is `Zero Hour’. He has already assured. This is not the Question Hour. Now, Shri Vaiko.
… (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: Do you have any objection in contacting the advocates?
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : आज सारी कोर्ट बन्द पड़ी हैं, वहां कोई काम नहीं हो रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है। सरकार से आप यह कहिये कि वकीलों को बुलाकर स्पष्ट आश्वासन दें कि हम आपके साथ बैठकर विचार करेंगे और उनकी जो आपत्ति है, उसका निराकरण किया जायेगा।
MR. DEPUTY-SPEAKER: I am on my legs.
… (Interruptions)
SHRI ARUN JAITLEY: We have been told that they are again going on agitation from today.… (Interruptions)
SHRI VAIKO (SIVAKASI): They gave the assurance to the hon. Prime Minister. … (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: Nothing will go on record.
(Interruptions)*
संसदीय कार्य मंत्री तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (श्री प्रमोद महाजन) : यह काम प्रधान मंत्री जी कर चुके हैं। अब इनको भी करना है तो ये भी कर सकते हैं।
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : ये कहते हैं कि प्रधान मंत्री जी यह काम कर चुके। आप सरकार को कहिये कि स्पष्ट आश्वासन दें। अभी नोटफिकेशन नहीं किया गया है। जब आपकी राय बन जायेगी…
( व्यवधान)
MR. DEPUTY-SPEAKER: I am on my legs. Why do you not hear me? Shri Buta Singh, this is a serious matter. They met the Prime Minister. He has already assured. Mr. Minister is also prepared to meet them.
… (Interruptions)
सरदार बूटा सिंह : आपने मुझे बुलाने का वायदा किया था।
———————————————————————————————–
*Not Recorded.
उपाध्यक्ष महोदय : आपको बुलाएंगे।
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया है।
श्री चन्द्रनाथ सिंह (मछलीशहर) : उसमें जमानतें नहीं हो पा रही हैं।
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : अगर यही बात आप बुलाकर कहते तो वकील हड़ताल वापस ले लेते।
SHRI ARUN JAITLEY: The doors are always open for discussion and it is an invitation to them for negotiation. … (Interruptions)
SHRI SONTOSH MOHAN DEV : You are a good man in bad company. You call them, discuss and finish it.
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : बार-बार आश्वासन देने में सरकार को शर्म नहीं आनी चाहिए।
श्री मुलायम सिंह यादव : सवाल यह नहीं है। आप इसको गम्भीरता से लीजिए। दो महीने से कोर्ट बन्द हैं, इससे निर्दोष लोग जेलों में बन्द हैं। अगर हड़ताल समाप्त हो जाये तो उनकी जमानतें हो सकती हैं, वे बाहर आ सकते हैं। आपने उन पुलिस अधिकारियों को ईनाम दिया है। इसमें आप हड़ताल को बन्द कराइये, महिला अधिवक्ताओं को हड़ताल से हटाइये और उनकी मांगें स्वीकार करिये। आप महिला अधिवक्ताओं को हड़ताल से हटवाइये और अदालतों को चलवाइये। आप इसका समाधान निकालिये, जिससे लोगों का काम-काम चल सके।
उपाध्यक्ष महोदय : आप बोल रहे हैं, वे आश्वासन दे रहे हैं।
श्री श्रीप्रकाश जायसवाल : जो भाषा मंत्री जी आज बोल रहे हैं, अगर यही भाषा उस दिन बोलते तो यह स्ट्राइक खत्म हो जाती।…( व्यवधान)
SHRI VAIKO : Shri Mulayam Singh Yadav, please permit me to speak. … (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: Shri Radhakrishnan, he has repeatedly assured. What more do you want? I will not allow you.
… (Interruptions)
SHRI VARKALA RADHAKRISHNAN : Sir, strike is not the issue.
MR. DEPUTY-SPEAKER: What is the issue then?
… (Interruptions)
SHRI VARKALA RADHAKRISHNAN : Seven women laywers are fasting and others will follow suit. That is the situation. He has not answered that point.