Title: Situation arising out of the arrest and subsequent release of a journalist of `The Kashmir Times`.
MR. SPEAKER: Shri Ramji Lal Suman may speak on the situation arising out of the arrest and subsequent release of a journalist of TheKashmir Times.
श्री रामजीलाल सुमन (फिरोजाबाद):अध्यक्ष महोदय, मैं सबसे पहले आपका धन्यवाद ज्ञापन करता हूं। ९ जून को कश्मीर टाइम्स के संवाददाता इफ्तिखार गिलानी को सरकार ने गिरफ्तार किया था और यह गिरफ्तारी गोपनीयता कानून के तहत की गई थी। उनके ऊपर यह आरोप था कि वह सेना की खुफियागिरी कर रहे हैं और उसी के तहत इन को बंदी बनाया गय़ा था। ७ महीने तक इफ्तिखार गिलानी जेल में रहे और छ: बार उनकी जमानत अर्जी खारिज हुई। इस सरकार का गृह मंत्रालय यह आरोप लगाता रहा कि उनके खिलाफ गम्भीर आरोप हैं और उसने बार-बार उस जमानत का विरोध किया था। गिलानी पर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज रखने का आरोप था लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब रक्षा मंत्रालय से इस बारे में जानकारी मांगी गई तो सैनिक गुप्तचर विभाग के महानिदेशक श्री ओ. एस. लोचाव ने अपनी राय में कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद इफ्तिखार गिलानी के पास से बरामद दस्तावेज वर्गीकृत श्रेणी के नहीं हैं। इसका मतलब उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए, वे अर्थहीन थे। संसद में और उसके बाहर पत्रकारों ने इस बात का विरोध किया कि गिलानी को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया। संसद में सांसदों ने कहा कि गिरफ्तार इफ्तिखार गिलानी के खिलाफ कोई आरोप नहीं बनते। उस बीच उनके परिवार को परेशान किया गया। उनको सात महीने तक जेल में रखा गया और यातनाएं दी गईं। आईबी ने कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वह आतंकवादी गतवधियों में लिप्त हैं और सेना की खुफियागिरी कर रहे हैं। उनके ऊपर बहुत गम्भीर आरोप लगाए गए। सात महीने तक किसी भी आदमी को जिस के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं, उनके बारे में बाद में सरकार कोर्ट से प्रार्थना करती है। जहां एक ओर सरकार ने बार-बार इफ्तिखार गिलानी की जमानत की अर्जी खारिज करने के लिए आग्रह किया, वहीं सरकार बाद में मजिस्ट्रेट के सामने कहती है कि हमारे पास इसके कोई ठोस सबूत नहीं हैं, पुख्ता सबूत नहीं हैं। इस तरह से किसी भी बेगुनाह को जेल में बंद करना ठीक नहीं है। गिलानी के परिवार को इसका मुआवजा दिया जाना चाहिए और उन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने गिलानी के खिलाफ बगैर किसी आधार के आरोप लगाए।
उन्हें जान-बूझकर परेशान करने का काम किया गया है। यह बहुत ही गंभीर मामला है। मेरी आपसे प्रार्थना है कि इफ्तिखार गिलानी के परिवार के लोगों को मुआवजा दिया जाये और जिन लोगों ने गलत बयान दिया है या गलत तथ्य प्रस्तुत किये हैं या जिन लोगों ने सही तथ्यों को छिपाया है, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये।