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12.02 hrs.
Title: Presented a statement of the estimated receipts and expenditure of the Government of India for the year 2003-2004 in respect of Railways.
MR. SPEAKER: Now, we will take up the Railway Budget.
… (Interruptions)
डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (वैशाली): अध्यक्ष जी, महात्मा बुद्ध और भगवान महावीर की जन्मभूमि को रेल से जोड़ने का यहां माननीय मंत्री जी प्रस्ताव पास करें। …( व्यवधान)वैशाली को रेल लाइन से जोड़ने वाला प्रस्ताव यहां पास करें। वह ऐतिहासिक धरती है। … (Interruptions)
MR. SPEAKER: Shri Prakash Ambedkar, are you on a point of order?
… (Interruptions)
SHRI PRAKASH YASHWANT AMBEDKAR (AKOLA): Yes, Sir. … (Interruptions)
MR. SPEAKER: There is nothing before the House to raise a point of order. Please sit down. There is nothing before the House. The Railway Minister may please go ahead.
… (Interruptions)
MR. SPEAKER: Except Shri Nitish Kumar’s speech, nothing should go on record.
(Interruptions)*
MR. SPEAKER: Hon. Members, please sit down.
… (Interruptions)
MR. SPEAKER: Shri Palanimanickam, what is your point? I have not been able to understand.
… (Interruptions)
SHRI S.S. PALANIMANICKAM (THANJAVUR): Sir, every year the Railway Budget is being presented in Hindi. It should be presented in English. … (Interruptions)
* Not Recorded.
: I will take care of it. Shri Nitish Kumar, they have a difficulty. The English translation is not being heard by them.
… (Interruptions)
MR. SPEAKER: Has it started?
Yes, it has started now. Now, the hon. Minister will start from the beginning. Hon. Members, please sit down.
… (Interruptions)
THE MINISTER OF RAILWAYS (SHRI NITISH KUMAR): Should I start from the beginning?
MR. SPEAKER: Yes, you can go ahead.
: माननीय अध्यक्ष महोदय,
मैं भारतीय रेल के लिए वर्ष २००३-२००४ के बजट अनुमान प्रस्तुत करने जा रहा हूँ
प्रस्तावना
2. सर्वप्रथम, मैं माननीय प्रधान मंत्री जी के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट करना चाहूँगा कि उन्होंने राष्ट्रीय रेल विकास योजना का शुभारम्भ किया, इसके अन्तर्गत स्वर्णिम चतुर्भुज को सुद्ृढ़ करने, बन्दरगाहों के साथ बेहतर व द्रुत रेल सम्पर्क स्थापित करने और चार महा सेतु का निर्माण का कार्य किया जाएगा । इस बजेटतर पहल से राष्ट्र की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल के विकास में और तेजी आएगी ।
२००१-२००२ के दौरान वित्तीय निष्पादन३. अब मैं वर्ष २००१-२००२ के दौरान वित्तीय निष्पादन की संक्षेप में समीक्षा करूंगा । वर्ष २००१-२००२ के दौरान ४९२.५ मलियन टन का लदान किया गया जो कि वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में निर्धारित किए गये ४८९ मलियन टन के लक्ष्य से ३.५० मलियन टन अधिक था । इसके फलस्वरूप माल यातायात में संशोधित लक्ष्य से २३५.४ करोड़ रूपए अधिक आमदनी हुई । यह सुधार वर्ष की अंतिम तिमाही में बेहतर निष्पादन के कारण संभव हो सका जब अर्थव्यवस्था में बेहतरी आनी शुरू हो गई थी । बहरहाल, वभिन्न बाहय कारणों से वर्ष की अंतिम तिमाही में यात्री यातायात में कमी आई । जिससे ११,४०० करोड़ रूपये के बढ़े हुए संशोधित लक्ष्य की तुलना में यात्री यातायात से होने वाली आय २०४ करोड़ रूपए कम रही । अन्य कोचिंग और फुटकर आय में वृद्धि को देखते हुए और संशोधित अनुमान के लक्ष्यों की तुलना में ट्रैफिक सस्पेंस में कम बढ़ोत्तरी के कारण वर्ष के लिए सकल यातायात प्राप्तियां संशोधित अनुमान से ११८ करोड़ रूपए अधिक थीं।
४. खर्च पर लगातार नज़र रखने और उसे नियंत्रित करने के प्रयासों के परिणामस्वरूप रेलवे साधारण संचालन व्यय को २८,७०३ करोड़ रूपए तक सीमित रखने में सफल रही, जिससे संशोधित अनुमानों की तुलना में ३९७ करोड़ रूपए की अधिक बचत संभव हो सकी । मूल्य ह्रस आरक्षित नधि(डी.आर.एफ.) और पेंशन नधि में यथावश्यक वनियोग करने तथा शुद्ध वविध प्राप्तियों में परिवर्तन के कारण रेलवे के शुद्ध राजस्व में १९७ करोड़ रूपए की वृद्धि हुई । संशोधित अनुमानों में आंका गया ९६.६ प्रतिशत का परिचालनिक अनुपात (आपरेटिंग रेशियो) बेहतर होकर ९६.० प्रतिशत रहा । बजट के अनुसार १,००० करोड़ रूपए के आस्थगन के बाद रेलवे १३३७ करोड़ रूपए के लाभांश का निपटान करने के अलावा सामान्य राजकोष से पूंजी नधि के वास्ते लिये गये २४९ करोड़ रूपए के ऋण् की अदायगी करने में सफल रही ।
वर्ष २००२-२००३ के वित्तीय निष्पादन की समीक्षा५. २००२-२००३ के बजट में ५१० मलियन टन प्रारम्भिक राजस्व उपार्जक यातायात का अनुमान लगाया गया था । मुझे सदन को यह बताते हुए प्रसन्नता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले १० महीनों में निष्पादन समानुपातिक लक्ष्य से अधिक रहा है । तदनुसार, वर्ष के संशोधित अनुमानों में प्रारम्भिक राजस्व उपार्जक यातायात के लक्ष्य को बढाकर ५१५ मलियन टन किया गया है । दूसरी ओर, दिसम्बर,२००२ के अंत तक यात्रियों की संख्या में लगभग ३ प्रतिशत की कमी आई है ।
६. माल यातायात से होने वाली आमदनी २६,११८ करोड़ रूपए के बजट लक्ष्य से ५४० करोड़ रूपए अधिक होने की संभावना है जबकि यात्री यातायात से आमदनी १३,४५० करोड़ रूपए के बजट लक्ष्य की तुलना में ७२० करोड़ रूपए कम होने की संभावना है । अन्य कोचिंग और फुटकर आमदनी के मिलकर बजट लक्ष्य से २४ करोड़ रूपए कम होने की संभावना है । रेल उपयोगकर्त्ताओं, विशेषकर विद्युत बोर्डो द्वारा रेलों को देय राशि में लगातार वृद्धि होने से गैर- वसूली वाली राशि में बजट में निर्धारित ५० करोड़ रूपए के निपटान के बजाय ४१७ करोड़ रूपए की वृद्धि होने की संभावना है इसलिए, बजट के अनुसार ४१,५३८ करोड़ रूपए की सकल यातायात प्राप्तियां संशोधित अनुमानों में घटकर ४०,८६७ करोड़ रूपए हो गई हैं ।
७. लगातार नजर रखने और मितव्ययता के अथक प्रयासों के कारण साधारण संचालन व्यय में ८५० करोड़ रूपए की कमी आने की संभावना है । तदनुसार, संचालन व्यय के लिए ३१,१६० करोड़ रूपए के बजट अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमान ३०,३१० करोड़ रूपए हैं ।
८. बजट में अनुमानित ९४.४ प्रतिशत परिचालनिक अनुपात (आपरेटिंग रेशियो) संशोधित अनुमान में सुधर कर ९२.५ प्रतिशत हो जाने की संभावना है ।
९. वर्ष के लिए लाभांश दायिता का पूर्णरूपेण निर्वाह करने के अलावा, आस्थगित लाभांश दायिता राशि में से ५० करोड़ रूपए का भी भुगतान किए जाने का प्रस्ताव है ।
ग्राहक संतुष्ट
महोदय, भारतीय रेल के १५०वें वर्ष को हम ” यात्री सुविधा वर्ष ” के रूप में मना रहे हैं । मौजूदा वर्ष में भारतीय रेल की राष्ट्र को गौरवशाली सेवा के १५० वर्ष पूरे हो जायेंगे । इस अवसर पर भारतीय रेल अपने ग्राहकों के प्रति आभार व्यक्त करती है जिनके सतत सहयोग से इस विशाल तंत्र का सवार्ंगीण विकास हो पाया है । राष्ट्र पिता महात्मा गांधी का रेल से आत्मीय संबंध था । बापू ने कहा था कि ग्राहक हमारे परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है । अत: ग्राहकों की संतुष्टि हमारा परम कर्तव्य है । …. (व्यवधान) और इसी कारण मैं वर्ष २००३-२००४ ग्राहकों को समर्पित करते हुए इसे ” ग्राहक संतुष्टि वर्ष ” घोषित करता हूँ । इस वर्ष संरक्षा, सुरक्षा, समय- पालन तथा सफाई से संबंधित अनेक कदम उठाए जाएंगे ताकि ग्राहकों को रेल की बेहतर सेवा से संतोष मिल सके ।
संरक्षा मैं सदन के भीतर और बाहर रेल परिचालन में संरक्षा के विषय पर व्यक्त चिन्ता से अवगत हूँ । संसद के विगत शरद्कालीन सत्र के दौरान मेरे द्वारा की गई घोषणा के अनुपालन में इस सत्र के दौरान संरक्षा से संबंधित हर पहलू को शामिल करते हुए एक श्वेत पत्र प्रस्तुत किया जाएगा । दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण मानवीय चूक है । इस संदर्भ में, संरक्षा कोटियों में ग्रुप “डी ” स्तर पर कर्मचारियों की कमी को ध्यान में रखते हुए इस श्रेणी की रिक्तियों का भरा जाना महत्वपूर्ण हो जाता है । यह वनिश्चय किया गया है कि ऐसी २०००० से अधिक रिक्तियों को रेल भर्ती बोर्डो के माध्यम से अगले एक वर्ष में भर दिया जाएगा । कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने में प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण स्थान है । रेलवे संरक्षा संबंधी प्रशिक्षण में सतत सुधार के लिए कटिबद्ध है तथा इसके लिए सभी क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्रों, सात पर्यवेक्षी प्रशिक्षण केन्द्रों और आठ केन्द्रीय इंजीनियरी प्रशिक्षण केन्द्रो में प्रशिक्षण सुविधाओं को यथोचित रूप से समुन्नत किया जा रहा है । आपदा प्रबंधन के मॉडयूल भी तैयार किए जा रहे हैं । इसके लिए ४१ करोड़ रूपए की लागत से नए कार्य शुरू किए जाने का प्रस्ताव है ।
सतत् रेल परिपथन
सतत रेलपथ परिपथन करने से रेल/वेल्ड फ्रैक्चर या तोड़फोड़ की कार्यवाही के कारण रेल पथ में हुए विखण्डन का पता लगाया जा सकता है । इससे समय पर एहतियाती कार्रवाई करने का अवसर मिल जाता है और संभावित दुर्घटना को बचाया जा सकता है । इससे समपारों पर भी संरक्षा सुधरेगी तथा लाइन क्षमता भी बढ़ेगी। स्टेशन लमिट में ट्रैक सर्किटिंग का काम चल रहा है । अब “ए ” ” बी ” और “सी ” मार्गो पर चुने हुए खंडों पर ४२५ करोड़ रूपए की लागत से सतत रेल पथ परिपथन के काम को इस बजट में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है ।
पुल
16 पुलों के निरीक्षण और प्रबंधन प्रणाली को समुन्न्त बनाने और उनका आधुनिकीकरण करने के लिए जल के भीतर निरीक्षणों, आधुनिकतम उपकरणों के साथ कम्प्यूटरीकृत गैर-विनाशक परीक्षण और एक आधुनिक पुल प्रबंधन प्रणाली पर काम शुरू किया जा चुका है ।सवारी डिब्बों को टक्कर-रोधी बनाना
रेल यात्रा के दौरान यात्रियों को चोट लगने की घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए सवारी डिब्बों को इस प्राकर से पुन: डिजाइन किया जा रहा है कि उनके भीतरी हिस्से में कोई तेजधार वाले मोड़ या कोने न हों और खतरे की संभावनाओं वाली जगहें यथोचित रूप से पैड युक्त हों । टक्कर होने की दशा में सवारी डिब्बों के एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाने की स्थिति से बचने के लिए, कसे हुए लॉक वाले कपलर को उत्तरोत्तर रूप से लगाया जा रहा है और साथ ही सवारी डिब्बों के छोरों को इस प्रकार से पुन: डिजाइन किया जा रहा है कि टक्कर का पूरा प्रभाव वहीं तक सिमट कर रह जाए जिससे यात्रियों वाले हिस्से को कोई नुकसान न हो ।
विशेष रेल संरक्षा नधि से किया जाने वाले खर्च वित्तीय एवं वास्तविक प्रगत
वर्ष २००१-२००२ के दौरान विशेष रेल संरक्षा नधि के अंतर्गत १,४०० करोड़ रूपए के आवंटन की तुलना में वास्तविक खर्च १,४३४ करोड़ रूपए (नेट) हुआ । संरक्षा अधिभार की वसूली में लक्ष्य से ९५ करोड़ रूपए की कमी रही,अत: इन दोनों मदों के लिए अपेक्षित अतरिक्त १२९ करोड़ रूपए रेलवे के राजस्व से उपलब्ध कराए गए थे । चालू वर्ष में विशेष संरक्षा नधि के लिए कुल शुद्ध आवंटन बजट अनुमानों के अनुसार २,२१० करोड़ रूप्एथा जिसमें १,३५० करोड़ रूपए सामान्य राजस्व से अंशदान के रूप में थे और ८६० करोड़ रूपए संरक्षा अधिभार के रूप में प्राप्त करके उपलब्ध कराए गए थे, विशेष रेल संरक्षा नधि के अंतर्गत संरक्षा कार्यो की प्रगति बनाए रखने के लिए संशोधित अनुमानों में १०० करोड़ रूपए की और वृद्धि की गई है । इस अतरिक्त राशि का प्रावधान तथा चालू वर्ष की संरक्षा अधिभार वसूली में लगभग २०० करोड़ रूपए की कमी को रेलवे के अपने राजस्व से पूरा किया जा रहा है । वास्तविक लक्ष्यों की प्राप्ति के संबंध में मैं सूचित करना चाहूँगा कि लगभग ५४०० कि.मी. लम्बे रेलपथ के नवीकरण का कार्य भी इस वर्ष के अन्त तक पूरा हो जाएगा । लगभग ७४५ पुलों के पुन: उद्धार का कार्य चालू वित्त वर्ष के अन्त तक पूरा कर लिया जाएगा । अभी तक २९८ स्टेशनों पर सिगनल उपकरणों के बदलाव का काम पूरा कर लिया गया है । इसी प्रकार विशेष रेल संरक्षा नधि के अंतर्गत १३५० रेल पथ परिपथन की व्यवस्था की जा चुकी है ।
सुरक्षा
आर.पी.एफ. को अधिक शक्ति प्रदान करने के लिए रेल सुरक्षा बल अधनियम तथा रेल अधनियम के संशोधन से संबंधित प्रस्ताव को संबद्ध मंत्रालयों से सक्रिय विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दिया जा रहा है। रेल सुरक्षा बल तथा रेल सुरक्षा विशेष बल को सुद्ृढ़ करने के लिए ३,५०० से अधिक कांस्टेबुल की नियुक्ति रेल भर्ती बोर्ड द्वारा वर्ष २००३-२००४ में की जाएगी ।
समय पालन
२२. यात्री सेवाओं के समय पालन और सुधार लाने के लिए हमारे निगरानी तंत्र को और सुचारू एवं सुद्ृढ़ बनाए जाने का प्रस्ताव है। अनिवार्य बाध्यताओं ( Force Majeure ) को छोड़कर यात्री सेवाओं के समय पालन को प्रभावित करने वाले अन्य कारणों को नियंत्रित करने के लिए निगरानी तंत्र को और सुचारू एवं सुद्ृढ़ बनाए जाने का प्रस्ताव है । इस हेतु एक नई कम्प्यूटरीकृत कोचिंग परिचालन सूचना प्रणाली (सी ओ आई एस) को प्रारम्भ किया जा रहा है ।स्वच्छता अभियान
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्टेशन परिसरों तथा रेल गाड़ियों में बेहतर सफाई सुनिश्चित करने के लिए “ऑपरेशन स्वच्छता ” की घोषणा की है । इसके लिए कार्य योजना बनाने हेतु एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है । रेलवे में सफाई का कार्य कई विभागों की जिम्मेदारी होती है । सफाई के काम में सफाई लाने के लिए एकल नियंत्रण स्थापित करने की आवश्यकता है । सफाई के क्षेत्र में रेलों में उपलब्ध मानव तथा मशीनी संसाधनों के पूर्ण उपयोग के साथ-साथ ऊंची लागत वाली मशीनों की भी आवश्यकता होगी जिसके लिए निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाएगा ।
यात्री सुविधाएं अनारक्षित टिकट प्रणाली संबंधी दिल्ली में चलाई गई पायलट परियोजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए इस प्रणाली को उत्तर रेलवे के अन्य क्षेत्रों तथा पूर्वोत्तर, पूर्व मध्य, पूर्व एवं पूर्वोत्तर सीमा रेलवे में कार्यान्वित किये जाने का प्रस्ताव है । यात्रा नहीं कर पाने की स्थिति में गाड़ी छूटने के बाद आरक्षित टिकटों का रिफंड लेना यात्रियों के लिए अभी भी एक समस्या है। अत: वर्तमान सुविधाओं के अतरिक्त गाड़ी के गंतव्य तक पहुंच जाने के तीन घंटे के बाद किसी भी कम्प्यूटरीकृत आरक्षण केन्द्र से देय राशि का रिफंड लेने की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है । आरक्षित अथवा आर.ए.सी. टिकट खो जाने की स्थिति में आरक्षण चार्ट के तैयार होने से पहले, दूरी और गाड़ी की किस्म के आधार पर, पूरे किराये के १० % या ५० % भुगतान करने पर डुप्लीकेट टिकट जारी किया जा सकता है । एक ग्राहकोपयोगी उपाय के रूप में यह प्रस्ताव है कि इस प्रकार से जारी किए गए डुप्लीकेट टिकट का प्रभार ऐसे टिकट पर की गई यात्रा की समाप्ति पर गंतव्य स्थान पर स्थित पी.आर.एस.केन्द्र से वापस लिया जा सकता है ।
रेल की भागीदारी बढ़ाने के लिए किए जाने वाले उपाय
बंगलोर में व्हाइटफील्ड टर्मिनल पर एकीकृत भण्डारण सुविधा के उपयोग से प्रोत्साहित होकर २२ अन्य स्थानों पर इसी प्रकार के एकीकृत रेल साइड भण्डारण परिसरों के विकास के लिए केन्द्रीय भण्डारण निगम को महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में शामिल करने हेतु एक समझौता – ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का विचार है । महाप्रबंधकों को माल-भाड़े में रेलवे की हिस्सेदारी में सुधार करने के लिए अधिक अधिकार दिए गए हैं । इसके लिए उन्हें स्टेशन से स्टेशन दरों के अन्तर्गत १० % से २४% तक रियायतें देने के लिए शक्तियां प्रदान की गई हैं व इसकी परधि में माल भेजने वालों के साथ साथ माल प्राप्त करने वालों को भी शामिल किया जा सकता है । रेलवे द्वारा निर्धारित समय सारिणी वाली अनुसूचित ५ पार्सल गाड़ियां प्रति सप्ताह चलाई जा रही है जिनमें से तीन गाड़ियाँ दिल्ली, मुम्बई तथा चेन्नै से गुवाहाटी तक जाती है । दिल्ली से कोलकाता तथा दिल्ली से बंगलोर एक-एक गाड़ी चलती है । अब इनके अतरिक्त अमृतसर से मुम्बई बरास्ता दिल्ली, दिल्ली से गुवाहाटी बरास्ता मुरादाबाद, लखनऊ और गोरखपुर तथा मुम्बई से कोलकाता के लिए भी ऐसी ही पार्सल गाड़ियां चलाने का प्रस्ताव है ।
रेफ्रिजरेटेड यान
जैसा कि पिछले वर्ष के रेलवे बजट में घोषणा की गई थी, रेल कोच फैक्टरी, कपूरथला में रेफ्रिजरेटेड यान के प्रोटो-टाइप का निर्माण कर लिया गया अ । नश्य (पोरिशेबल) वस्तुओं की ढुलाई के लिए वर्ष २००३-२००४ में दस रेफ्रिजरेटेड यान लम्बी दूरी की लोकप्रिय सवारी गाड़ियों के साथ चलाए जाने का प्रस्ताव है ।
यात्रियों को रियायतें हमारे देश के वरिष्ठ नागरिकों को सभी श्रेणियों में और सभी गाड़ियों के किरायों में ३० प्रतिशत रियायत दी जा रही है । यह रियायत ६५ वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों और ६० वर्ष और उससे अधिक की आयु की महिलाओं को दी जाती है । मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि अब ६० वर्ष की आयु पूरी करने पर पुरुष और महिला दोनों वरिष्ठ नागरिक वाली रियायत पाने के पात्र होंगे । कैंसर और ” थेलेसीमिया मेजर ” के रोगी तथा ह्ृदय की शल्य चकित्सा के लिए रेल यात्रा करने वाले रोगी को अकेले या परिचर के साथ यात्रा करने के वास्ते पहले और दूसरे दर्जे में ७५ प्रतिशत रियायत मिलती है । अब इस सुविधा में विस्तार करते हुए उन्हें मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में वातानुकूल-३ टियर और वातानुकूल कुर्सीयान में भी ७५ प्रतिशत और वातानुकूल प्रथम श्रेणी और वातानुकूल २ टियर में ५० प्रतिशत रियायत दी जाएगी । गुर्दे की खराबी वाले रोगी भी इलाज के लिए रेल यात्रा करने पर उपरोक्त रियायत के पात्र होंगे । मान्यता प्राप्त संवादाताओं को इस समय प्रति वर्ष मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों की सभी श्रेणियों में ३०,००० किलोमीटर तक यात्रा करने के लिए ५० प्रतिशत की रियायत दी जाती है बशर्ते कि वे संबंधित राजधानी अथवा जिला मुख्यालय से २५ किलोमीटर की दूरी के भीतर रहते हें । मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता है कि इस रियायत के लिए यात्रा दूरी की सीमा तथा उनके रहने के स्थान की सीमा को हटाया जा रहा है । इसके अतरिक्त मान्यता प्राप्त संवाददाताओं को अब राजधानी और शताब्दी गाड़ियों में भी ३० प्रतिशत की रियायत दी जाएगी । राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियों में चलती गाड़ियों में सार्वजनिक उद्घोषणाएं करने और संगीत प्रसारित करने के लिए मौजूदा संचार प्रणाली को जनशताब्दी गाड़ियों में भी लगाया जाएगा । ऐसे सभी गाड़ियों में अब मौसम और प्रहर के अनुरूप सिर्फ वाद्य संगीत ही प्रसारित करने की नीति अपनाने का निर्णय लिया गया है ।
सुधार कार्यक्रम
भारतीय रेल को ग्राहकोन्मुखी संगठन का स्वरूप प्रदान करने के लिए लेखा प्रणाली को बेहतर बनाने का प्रस्ताव है । इस सिलसिले में वर्तमान लेखा नीतियों और पद्धतियों का पुनरीक्षण तथा पूर्णत: कम्प्यूटरीकृत लेखा और प्रबंध सूचना प्रणाली लागू करने की योजना है ताकि यात्री एवं माल सेवाओं से संबंधित आंकड़े वाणिज्यिक आधार पर निकाले जा सकें । हमारी उत्पादन इकाइयां भारतीय रेल की जरूरतों को ही मुख्यत: पूरा करती रही हैं । अत्याधुनिक टेक्नालॉजी हासिल कर लेने के बाद रेलवे उत्पादन इकाइयां अब प्रतिस्पर्धी बन सकती हैं और वे विश्व बाजार में अपना स्थान बना सकती हैं बशर्ते उन्हें अपेक्षित रणनीति अपनाने और निर्णय लेने की स्वायत्ता प्रदान की जाए । उत्पादन इकाइयों को इस द्ृष्टिकोण से सक्षम बनाने के लिए उनकी पुनसर्ंरचना स्वतंत्र लागत तथा लाभ केन्द्र के रूप में करने का प्रस्ताव है ।
परियोजनाएं
राष्ट्रीय रेल विकास योजना
१५ अगस्त,२००२ को घोषित १५००० करोड़ रूपए की अनुमानित लागत वाली राष्ट्रीय रेल विकास योजना २६ दिसम्बर,२००२ को माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा औपचारिक रूप से आरम्भ की जा चुकी है । इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा संसाधन जुटाने के लिए कम्पनी एक्ट के “रेल विकास निगम लमिटेड ” नामक एक कम्पनी का सृजन किया गया है । चिन्हित की गई उप-परियोजनाओं के माध्यम से स्वर्णिम चुतुर्भुज तथा इसके विकर्णों को मजबूत बनाने के कार्यो पर लगभग ८००० करोड़ रूपए की लागत आएगी जो इस योजना का प्रमुख भाग होगा । एशियन विकास बैंक द्वारा इसके लिए ३१.३६ करोड़ अमेरिकी डालर का आंशिक ऋण मंजूर किया गया हे । इसका इस्तेमाल मुख्यत: स्वर्णिम चतुर्भुज को मजबूत बनाने के अंतर्गत शामिल परियोजनाओं के निष्पादन के लिए किया जाएगा । चार महासेतु के निर्माण तथा राष्ट्रीय रेल विकास योजना की अन्य परियोजनाओं के लिए धनराशि जुटाने के लिए विश्व बैंक के साथ बातचीत शुरू की गई है । पोर्ट कनेक्टिविटी के अंतर्गत परियोजनाओं की पहचान की गई है और इसके लिए वभिन्न सार्वजनिक निजी साझेदारी संबंधी पहलकदमियों के माध्यम से और बजटीय सहयोग से संसाधन जुटाने का प्रस्ताव है । महोदय, जैसा कि मेरे पिछले वर्ष के बजट भाषण में घोषणा की गई थी, तीन महासेतु यथा ब्रहमपुत्र नदी पर बोगीबील में,गंगा नदी पर – एक पटना में और एक मुंगेर में – का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है । मुझे सदन को यह भी सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि कोसी नदी पर बनने वाले चौथे महासेतु के लिए सरकार से अपेक्षित स्वीकृति प्राप्त हो गई है और इस कार्य को प्रस्तुत बजट में शामिल किया गया है ।
राष्ट्रीय तथा सामिरक परियोजनाएं माननीय प्रधानमंत्री ने श्रीनगर के अपने दौरे के दौरान घोषणा की थी कि कश्मीर घाटी में पहली गाड़ी १५ अगस्त, २००७ तक चलनी शुरू हो जाए गी । ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला परियोजना की महत्ता को स्वीकार करते हुए इस कार्य हेतु २००३-२००४ के लिए ५०० करोड़ रूपए प्रदान करने के लिए वित्त मंत्री जी के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूँ । ऊधमपुर-कटरा तथा काज़ीगुंड-बारामूला खंडों का कार्य पहले से ही चल रहा है । कटरा-काज़ीगुंड खंड एक दुर्गम क्षेत्र है जिसमें अनेक लम्बी सुंरंगों, लम्बे तथा ऊंचे पुलों के निर्माण के लिए विशेष स्थल सर्वेक्षण की जरूरत पड़ेगी । कार्य की दुरूहता को देखते हुए इस खंड के निर्माण का कार्य तकनीकी द्ृष्टि से सक्षम दो संगठनों यथा इरकॉन और कोंकण रेलवे कारपोरेशन लमिटेड को सौपा गया है जबकि सर्वेक्षण का कार्य राइट्स को दिया गया है । मुझे सदन को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जम्मू-ऊधमपुर का काफी समय से लंबित परियोजना ने अच्छी गति पकड़ ली है और मार्च,२००४ तक इसे पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है । इसके अलावा कटरा तक रेल लिंक का कार्य २००४-२००५ के दौरान पूरा कर लेने की संभावना है। सामरिक महत्व की दो परियोजनाओं अर्थात्् लूनी से मुनाबाव के आमान परिवर्तन और कोलायत से फलोदी तक नई लाइन के निर्माण का कार्य भी संतोषजनक ढंग से प्रगति कर रहा है और समदड़ी तक आमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर लिया गया है। चालू वर्ष के दौरान १३०० किलोमीटर से ज्यादा नई बड़ी लाइन उपलब्ध हो जाने की संभावना है । इसके अलावा २००३-२००४ में लगभग १३४० किलोमीटर नई बड़ी लाइन जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है ।
पनवेल-करजत आरा-सासाराम का सासाराम-नोखा खंड लक्ष्मीकांतपुर-नामखाना का काकदीप-नामखाना खंड जम्मू-ऊधमपुर का बजालता-ऊधमपुर खंड नंगलडैम-तलवाड़ा का ऊना-चुरारु तकराला खंड काकीनाड़ा-कोटिपल्ली पुनस्र्थापन हावड़ा-आमटा का महेन्द्रलाल नगर-आमटा खंड हासन-बंगलोर का हासन-श्रवणबेलगोला खंड राजगीर-तिलैया का तिलैया-जगदीशपुर खंड
आमान परिवर्तन
वर्ष के दौरान बडालूर-वृद्धाचलम, धर्माबाद-निजामाबाद तथा जनकमपेट – बोधन के आमान परिवर्तन का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है । मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि चालू वर्ष के लिए ७९१ किलोमीटर के आमान परिवर्तन का लक्ष्य रखा गया था परन्तु लगभग ९०० किलोमीटर आमान परिवर्तन होने की संभावना है, इसमें मिरज-लातूर का लातूर-रोड नई लाइन खंड, मंगलोर-कबाकपुत्तूर, विरुधनगर-राजपालयम, काटपाड़ि-पकाला-तिरुपति,सुरेन्द्रनगर -पिपावाव,राजकोट-जूनागढ़ और समदड़ी-जसई, जहां मेगा ब्लाक का कार्य चल रहा है, खंड शामिल हैं । २००३-२००४ के दौरान ७७५ किलोमीटर से ज्यादा के आमान परिवर्तन का प्रस्ताव है, जिसमें निम्नलखित खंड शामिल हैं –
न्यू जलपाईगुड़ी-न्यू बोंगाईगांव का न्यू जलपाईगुड़ी/सलिगुड़ी-समुकतला खंड आगरा-बांदीकुईंका बांदीकुई-भरतपुर खंड लूनी-मूनाबाव का जसई-मूनाबाव खंड हासन-मैंगलोर का कबाकपुत्तूर-सुब्रहमण्य रोड खण्ड विल्लूपुरम-पांडिचेरी क्विलोन-तिरुचेंदूर तथा विरुदनगर-तेनकासी का राजपालयम-तेनकासी खंड सेलम कुड्डालोर का वडालूर कुड्डालोर खंड तंजावूर-विल्लुपुरम का तंजावूर-कुम्बाकोनम खंड जबलपुर-गोंदिया का गोंदिया-बालाघाट खंड राजकोट-वेरावल का सोमनाथ तक विस्तार सहित जूनागढ़-वेरावल खंड धोला-भावनगर
इसके अलावा, मुझे यह घोषणा करते हुए भी प्रसन्नता हो रही है कि गुना-इटावा के भाग के रूप में भिंड-इटावा नई लाइन का निर्माण कार्य तथा मानसी -सहरसा के आमान परिवर्तन का काम अच्छी प्रगति कर रहा है और इसे २००४ के दौरान पूरा कर लिए जाने की संभावना है ।
दोहरीकरण
५२. चालू वर्ष के दौरान २०० किलोमीर दोहरीकरण का काम पूरा कर लिए जाने की संभावना है जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए ३४० किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है ।
५३ माननीय सदस्यों को यह जानकर खुशी होगी की पकनी-मोहोल तथा मानसी-महेशखुंट, रोहतक-जाखल, हापुड़-कानकाथर, साहिबाबाद-आनन्द विहार तीसरी तथा चौथी लाइन, अम्बातुराई-कोडाइकनाल, चैन्नै बीच करूकुपेट, कटैया डांडी-लोहगड़ा, शुजालपुर-अकोड़िया, बरौनी-तिलरथ, बड़हरवां-तीनपहाड़, कायनकुलम-चेप्पड़ तथा कायनकुलम-मवेलीकारा, जहानाबाद-बेला तथा चांदपाड़ा-बनगांव के दोहरीकरण का कार्य बजट में शामिल किया गया है, इसके अलावा, रायचूर-गुंतकल,कटक-बरोंग, खुर्दा-बरोंग तीसरी लाइन तथा अलीगढ़-गाजियाबाद तीसरी लाइन के कार्य को भी शामिल किया गया है ताकि स्वर्णिम चर्तुभुज को सुद्ृढता मिले । इन कार्यो के पूरा हो जाने से यातायात प्रवाह सुगम हो जाएगा और कुछ संतृप्त खंडों में अतरिक्त क्षमता सृजित होगी ।
मेगा टर्मिनल
५४ महानगरों से नई गाड़िया चलाने की निरन्तर मांग की जाती है, इस को पूरा करने में एक बड़ी कठिनाई टर्मिनल की तंगी है । इस समस्या से निजात पाने के लिए कोलकाता में चितपुर तथा दिल्ली में आनन्द बिहार अतरिक्त टर्मिनलों के लिए प्रस्ताव बजट में शामिल किए गए है ।
उपनगरीय परिवहन परियोजना
५५ मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि मुम्बई परियोजना, चरण-एक के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है । इस परियोजना के अंतर्गत मुई नगर में रेल अवसंरचना को समुन्न्त बनाने की परिकल्पना की गई है और इसका मुम्बई उपनगरीय रेल प्रणाली में दैनिक यात्रियों की भीड़ के घनत्व को कम करने में बहुत बड़ा योगदान होगा । इस परियोजना में १६१३ करोड़ रूपए का ऋण अंश शामिल है , जिसे विश्व बैंक द्वारा स्वीकृत किया गया है । इस कार्य के ५ वर्ष में पूरा हो जाने की संभावना है ।
मुझे सदन को सूचित करते हुए प्रसन्न्ता है कि अंधेरी से बोरीविली की पांचवी लाइन के शेष भाग का का पूरा हो गया है । विरार से दहानु रोड तक स्वचालित ब्लाक सिगनल प्रणाली का कार्य भी पूरा हो गया है, जिससे खंड की लाइन क्षमता बढ़ी है । २२.१२.२००२ से बारासात-हसनाबाद खंड पर ई.एम.यू. सेवाएं चालू कर दी गई है । टॉलीगंज से गरिया तक कोलकाता मेट्रो के विस्तार का कार्य संतोषजनक ढंग से प्रगति कर रहा है । सर्कुलर रेलवे का प्रिंसेपघाट से माजेरहाट तक विस्तार तथा इसके नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डे से सम्पर्क का कार्य दिसम्बर,२००४ तक पूरा हो जाने की संभावना है । मुझे यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि हाल ही में चेन्नै बीच से एग्मोर तक आमान परिवर्तन का कार्य चालू किया गया है ताम्बरम में चेंगलपट्टू तक के खंड का कार्य मार्च,२००४ तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है । माननीय सदस्यों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लोगों की जरूरत को देखते हुए चेन्नै सेन्ट्रल और चेन्नै एग्मोर के बीच सीधा सम्पर्क मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है । इस सम्पर्क का लाभ दैनिक यात्रियों तथा लम्बी दूरी के यात्रियों दोनों को होगा और उन्हें इन दोनों स्टेशनों पर अनचाहे यानान्तरण से मुक्ति मिलेगी । जहां तक एम आर टी एम का संबंध है, तिरुमलाई से वल्लाचेरी खंड का कार्य जून,२००३ तक पूरा हो जाने की संभावना है । जुड़े हुए हैदराबाद तथा सिकन्दराबाद नगरों के लिए मल्टी मोडल परिवहन प्रणाली का कार्य अच्छी प्रगति कर रहा है । हैदराबाद-सिकन्दराबाद-फलकनुमा और हैदराबाद-लिंगमपल्ली खण्डों में रेल अवसंरचना को समुन्नत करने का कार्य मार्च,२००३ तक पूरा हो जाने की संभावना है । कोलकाता में सर्कुलर रेलवे के स्टेशनों के सौंदर्यवर्द्धन की मांग की जाती रही है ताकि हुगली नदी के तट के साथ लगे क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ सके । मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि स्टेशनों में वृक्षारोपण और स्टेशनों के बीच सजावटी फेंसिंग के साथ-साथ स्टेशनों की साज-सज्जा बढ़ाने का प्रस्ताव है, ताकि उनके चारों ओर का वातावरण मनोहारी हो सके ।
रेल विद्युतीकरण
वर्ष के दौरान रेल विद्युतीकरण के कार्यो में संतोषजनक प्रगति हुई है और जनवरी,२००३ तक २०८ मार्ग किलोमीटर को ऊर्जान्वित किया गया । चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल ३७५ मार्ग किलोमीटर का विद्युतीकरण करने का प्रस्ताव है । मार्च,२००३ के अंत तक भारतीय रेल पर १६३७६ मार्ग किलोमीटर (२५.९८प्रतिशत) का विद्युतीकरण हो जाएगा ।
कोंकण रेल निगम
कोंकण रेल निगम ने अपने परिचालन में कुछ वृद्धि दर्ज की है और यह अपने संचालन व्ययों के लिए पर्याप्त राजस्व जुटाने में भी समर्थ रही है, परन्तु निर्माण के चरण में लिए गए ऋण और उस पर ब्याज दायता को चुकाने के लिए निगम को पर्याप्त वित्तीय सहायता की अभी भी आवश्यकता है । क्षेत्र के लाखों लोगों और मालभाड़ा संचलन के लिए महत्वपूर्ण रेल लिंक होने के कारण रेल मंत्रालय इसकी ऋण सेवा दायिता को पूरा करने के लिए निगम को निरन्तर सहायता दे रहा है ।
भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम लमिटेड (आईआरसीटीसी)
६६ भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम लमिटेड (आईआरसीटीसी) ने वित्त वर्ष २००१-२००२ के लिए रेल मंत्रालय को प्रथम लाभांश के रूप में २० लाख रूपए दिए हैं । वर्ष २००२-२००३ के दौरान, जो इसके परिचालन का पहला पूरा वर्ष है,आई आर सी टी सी द्वारा भारतीय रेल को ३.५ करोड़ रूपए दिए जाने की आशा है । जिसमें रियायत और लाइसेंस शुल्क तथा अन्य प्रभार शामिल है ।
रेलटेल कार्पोरेशन आफ इंडिया लमिटेड
६७ चालू वर्ष के दौरान रेलटेल कार्पोरेशन आफ इंडिया लमिटेड ने बैंडविड्थ और अन्य दूरसंचार अवसरचनाओं को पट्टे पर देकर ५.२२ करोड़ रूपए अर्जित किए । चालू वर्ष के दौरान कम्पनी द्वारा १२.५ करोड़ रूपए अर्जित किए जाने की संभावना हे।
रेलटेल नेटवर्क के चरण-एक और चरण -दो को २००३-२००४ में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और १५० महत्वपूर्ण नगरों और १५०० स्टेशनों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क द्वारा जोड़े जाने की आशा है । रेलटेल की नई दिल्ली स्टेशन पर एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंटरनेट कियोस्क मुहैया कराए जाने की योजना है। अगले वित्त वर्ष के दौरान एक चुनी हुई गाड़ी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंटरनेट सेवा मुहैया कराए जाने की भी योजना है ।
कार्मिक संबध वर्ष के दौरान भारतीय रेलों पर कार्मिक संबंध शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण रहे । स्थाई वार्ता तंत्र और संयुक्त परामर्श तंत्र योजनाओं के अंतर्गत सभी स्तरों पर शिकायत निवारण तंत्र संतोषजनक रहा है । मैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आदरणीय उप प्रधान मंत्री जी और माननीय वित्त मंत्री जी का आभारी हूँ कि उन्होंने रेल कर्मियों की लम्बे समय से लंबित दो समस्याओं का समाधान कर दिया है । रेलवे प्रमोटी अधिकारियों के वेतनमानों को सुधारने तथा पांचवे वेतन आयोग की सिफारशों से रेलवे के संगठित लेखा संवर्ग के वेतनमानों में विसंगति को दूर करने का निर्णय ले लिया गया है । इन दोनों निर्णयों से इस संगठन का मनोबल ऊंचा करने में मदद मिलेगी ।
सियालदह-आसनसोल बरास्ता बर्धमान (प्रतदिन) जबलपुर – कोटा बरास्ता बीना (प्रतदिन) सूरत – मुम्बई (बांद्रा) (प्रतदिन) आजमगढ़ – दिल्ली बरास्ता लखनऊ (प्रतदिन) सिकंदराबाद -सिरपुरकागजनगर बरास्ता काजीपेट (प्रतदिन) संबलपुर-रायपुर बरास्ता टिटलागढ़ (प्रतदिन) तिनसुकिया – मरियानी (प्रतदिन) चेन्नै इग्मोर – इरोड बरास्ता तिरुचिरापल्लि (प्रतदिन) जयपुर – उदयपुर बरास्ता अजमेर और चित्तोड़गढ (प्रतदिन) (मीटरलाइन) बलिया-सियालदह बरास्ता बरौनी (प्रतदिन) गया – नई दिल्ली बरास्ता इलाहाबाद (प्रतदिन) विजयवाड़ा – सिकंदराबाद (प्रतदिन) लखनऊ – आगरा कैंट (प्रतदिन) रीवां – नई दिल्ली बरास्ता इलाहाबाद (प्रतदिन) चरमिरी – रीवा बरास्ता कटनी(प्रतदिन) सेलम – बंगलोर (यशवंतपुर ) (प्रतदिन) जयनगर नरकटियागंज (प्रतदिन) (मीटर लाइन) न्यूअलीपुरदुआर – सिलीगुड़ी (प्रतदिन) आमान परिवर्तन के बाद न्यूअलीपुरदुआर – न्यू जलपाई गुडी (प्रतदिन) आमान परवर्तन के बाद न्यूजलपाई गुड़ी – सिलीगुड़ी प्रतदिन) आमान परिवर्तन के बाद भावनगर – अहमदाबाद प्रतदिन) आमान परिवर्तन के बाद भावनगर – मुम्बई (बांद्रा) प्रतदिन) आमान परिवर्तन के बाद लखनऊ – मुम्बई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) बरास्ता झांसी (सप्ताह में तीन दिन) जबलपुर-नागपुर बरास्ता इटारसी (सप्ताह में तीन दिन) अजमेर -मुम्बई सेंट्रल (सप्ताह में तीन दिन ) इलाहाबाद – हरिद्वार बरास्ता प्रतापगढ़ और लखनऊ (सप्ताह में तीन दिन) बंगलोर (यशवंतपुर) – निजामुद्दीन बरास्ता सिंकदरबाद(सप्ताह में तीन दिन) वाराणसी- हावड़ा बरास्ता मुगलसराय और पटना (सप्ताह में तीन दिन) पुणे – नागपुर बरास्ता मनमाड (सप्ताह में तीन दिन) टाटानगर – अमृतसरबरास्ता मुगलसराय एवं लखनऊ (सप्ताह में दो दिन) दुर्ग-गोरखपुर बरास्ता बिलासपुर, कटनी एवं इलाहाबाद (सप्ताह में दो दिन) बंगलोर – मुम्बई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) बरास्ता हुबली और पुणे (सप्ताह में दो दिन) चेन्नै – देहरादून एवं चण्डीगढ़ बरास्ता नई दिल्ली और सहारनपुर (साप्ताहिक) बीकानेर – सिकन्दराबाद बरास्ता काजीपेट (साप्ताहिक) पुरी – गुवाहाटी बरास्ता आसनसोल (साप्ताहिक) रॉची(हटिया)-बंगलोर (यशवंतपुर) बरास्ता झारसुगुडा एवं विशाखापत्तनम (साप्ताहिक) पुणे – पटना बरास्ता इलाहाबाद (साप्ताहिक) भुवनेश्वर – बंगलोर (यशवंतपुर ) बरास्ता विशाखापत्तनम (साप्ताहिक) वास्को – चेन्नै बरास्ता हुबली (साप्ताहिक) तिरूवनंतपुरम – जोधुपेर बरास्ता मंडगांव (साप्ताहिक) रॉची – मुम्बई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) बरास्ता राउरकेला और नागपुर (साप्ताहिक) चेन्नै – बंगलोर(साप्ताहिक) डिब्रूगढ़ – अमृतसर बरास्ता वाराणसी और लखनऊ (साप्ताहिक) सियालदह – जयपुर बरास्ता टुंडल (साप्ताहिक) विजयवाड़ा – मुम्बई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) बरास्ता वाडी(साप्ताहिक) अहमदाबाद -धनबाद बरास्ता टुंडला, मुगलसराय एवं पारसनाथ (साप्ताहिक) गुवाहाटी – सिकंदराबाद बरास्ता विजयवाड़ा (साप्ताहिक) मुजफ्फरपुर – बंगलोर (यशवंतपुर) बरास्ता कटिहार और हावड़ा (साप्ताहिक) ओखा – गुवाहाटी बरास्ता वाराणसी और पटना (साप्ताहिक) इंदौर – नागपुर बरास्ता देवास और मकसी (साप्ताहिक)
माननीय सदस्यों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि कुछ लोकप्रिय गाड़ियों के साप्ताहिक फेरे बढ़ाए जाएंगे । अब मैं उनका विवरण दे रहा हूँ –
२३१३/२३१४ सियालदी-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ४ दिन से ५ दिन २४४३/२४४४ भुवनेश्वर – नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस १ दिन से २ दिन २४३९/२४४० रॉची- नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस १ दिन से २ दिन २४४१/२४४२ बिलासपुर- नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस १ दिन से २ दिन २१२९/२१३० पुणे – हावड़ा आजाद हिन्द एक्सप्रेस ४ दिन से ५ दिन २५६१/२५६२ दरभंगा – नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ४ दिन से प्रतदिन ५०२५/५०२६ गोरखपुर – मुम्बई गोदान एक्सप्रेस १ दिन से ३ दिन ४३११/४३१२ बरेली – न्यू भुज आला हजरत एक्सप्रेस २ दिन से ४ दिन ७०१७/७०१८ सिकंदराबाद – राजकोट एक्सप्रेस २ दिन से ३ दिन) २१०१/२१०२ मुम्बई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) – हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ३ दिन से ४ दिन ५६३१/५६३२ गुवाहाटी – जोधपुर एवं बीकानेर एक्सप्रेस १ दिन से २ दिन २१४१/२१४२ पटना – मुम्बई (लोक मान्य तिलक टर्मिनस) एक्सप्रेस ४ दिन से ६ दिन २९०५/२९०६ हावड़ा – हापा एक्सप्रेस १ दिन से २ दिन
मुझे निम्नलखित सेवाओं के परिचालन में विस्तार की घोषण करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है ।
२९८३/२९८४ जयपुर – दुर्ग एक्सप्रेस को बिलासपुर तक ९११३/९११४ जम्मू तवी – अमृतसर एक्सप्रेस को फिरोजपुर तक ७०२९/७०३० हैदराबाद -एर्णाकुलम सबरी एक्सप्रेस को त्रिवेंद्रम तक सप्ताह में तीन दिन ९१६९ /९१७० वाराणसी – अहमदाबाद एक्सप्रेस को ओखा तक ६५१२/६५११ बंगलोर (यशवंतपुर) -दुर्ग एक्सप्रेस को बिलासपुर तक ८६११/८६१२ रॉची – गढ़वा रोड एक्सप्रेस को वाराणसी तक ६५१३/६५१४ बंगलोर (यशवंतपुर) – शोलापुर एक्सप्रेस को बीजापुर तक २९०५/२९०६ हावड़ा – हापा एक्सप्रेस को पोरबंदर तक ६३०५/६३०६ एर्णाकुलम -कालीकट एक्सप्रेस को कन्नानूर तक ८१८९/८१९० अल्लेपी – बोकारो एक्सप्रेस को धनबाद तक २९७/२९८ कोटा-ग्वालियर पैसेंजर को भिंड तक ९५०३/९५०४ जामनगर -अहमदाबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस को सूरत तक ९३०७/९३०८ इंदौर-ग्वालियर एक्सप्रेस को भिंड तक ८१८३/८१८४ दानापुर – बिलासपुर दक्षिण बिहार एक्सप्रेस को दुर्ग तक (प्रतदिन) सीसी एम मिर्जापुर -चोपन पैसेजरको शक्तिनगर और इलाहाबाद तक ४०९/४१० बिलासपुर-शहडोल पैसेंजर को रीवां तक ३१४९/३१५० सियालदह-न्यू जलपाईगुड़ी कंचन कन्या एक्सप्रेस को आमान परिवर्तन के बाद अलीपुरदुआर तक १४६३/१४६४ जबलपुर-राजकोट एक्सप्रेस को आमान परिवर्तन के बाद वेरावल तक १०३/१०४ चेन्नै एग्मोर-विल्लुपुरम पैंसेंजर को आमान परिवर्तन के बाद पॉण्डिचेरी तक ४३७/४३८ तथा ४३९/४४० मनकापुर/कटरा के बीच चलने वाली सवारी गाड़ियों को फैज़ाबाद तक ३४६७/३४६८ भागलपुर-पटना विक्रमशिला एक्सप्रेस को नई दिल्ली तक २०६९/२०७० रायगढ -दुर्ग जनशताब्दी को डूंगरगढ़ तक ९०१९/९०२० मुम्बई (बांद्रा) – देहरादून एक्सप्रेस के दिल्ली -कोटा कोचोंको नीमच तक ७२२५/७२२६ विजयवाड़ा – हुबली अमरावती एक्सप्रेस को सप्ताह में एक बार वास्को तक
निम्नलखित खंडों पर एमईएमयू/डीईएमयू सेवाएं चलाने का प्रस्ताव करता हूँ ।
पेंडरा रोड – बिलासपुर आद्रा- भागा भोजूडीह – चन्द्रपुरा जौनपुर – औंड़िहार आद्रा – मिदनापुर विरार – दहानु रोड मोकामा – पटना – बक्सर आद्रा – पुरुलिया भोजूडीह – भागा बिशनुपुर – आद्रा आद्रा – भोजूडीह
श्री सोमनाथ चटर्जी (बोलपुर) केवल आद्रा आ रहा है
श्री नीतीश कुमार: सब आपका है।
वार्षिक योजना २००३-२००४
महोदय, इस वर्ष पांच प्रमुख परियोजना शीर्षों में पूंजी के अन्तर्गत कुल परिव्यय २,७१६ करोड़ रूपए रखा गया है, जिसमें नई लाइनों पर १,००५ करोड़ रूपए आमान परिवर्तन पर ७०३ करोड़ रूपए, दोहरीकरण के लिए ४४३ करोड़ रूपए और विद्युतीकरण के लिए १२२ करोड़ रूपए शामिल है। महानगर परिवहन परियोजनाओं के लिए ४४३ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है जिसमें से मुम्बई उपनगरीय परिवहन परियोजना के लिए बहु पक्षीय वित्त पोषण शामिल है । इसके अलावा, नई लाइनें, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन तथा रेल विद्युतीकरण योजना शीर्ष के अन्तर्गत वभिन्न कार्यो के लिए, जो रेल विकास निगम द्वारा निष्पादित किये जाने हैं, ७३० करोड़ रूपए आवंटित किए जा रहे है । विशेष रेल संरक्षा नधि के अंतर्गत दिए गए परिव्यय को शामिल करते हुए, संरक्षा से संबंधित योजना शीर्षो में रेल पथ नवीकरण के लिए २,६०५ करोड़ रूपए, पुलों के लिए ३०२ करोड़ रूपए और सिगनल तथा दूरसंचार के लिए ६८९ करोड़ रूपए के परिव्यय की व्यवस्था की गई है ।
डा. रघुवंश प्रसाद सिंह(वैशाली): वैशाली को रेल लाइन से जोड़ने की बात मंत्री जी बोल नहीं रहे हैं । माननीय प्रधान मंत्री जी यहां बैठे हैं । वैशाली भगवान महावीर की जन्म स्थली है । इसे रेल लाइन से जोड़ने की कई वर्षों से मांग हो रही है ।..(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय: जब इस विषय पर चर्चा होगी, उस समय आप बोलना । मैं आपको बोलने का मौका दूंगा ।
डा. रघुवंश प्रसाद: इसका शिलान्यास कब होगा ६ वर्ष से टाल मटोल हो रही है।
भाग-दो
२००३-२००४ के बजट अनुमान
महोदय, अब मैं २००३-२००४ के बजट अनुमानों की चर्चा करना चाहूंगा। वर्ष २००३-२००४ के दौरान रेलवे द्वारा ५४० मलियन टन राजस्व उपार्जक आरंभिक माल यातायात की ढुलाई किए जाने की आशा है, जो चालू वर्ष के दौरान ५१५ मलियन टन ढोए जाने वाले संभावित यातायात से २५ मलियन टन अधिक है और यह बढ़त पिछले कुछ वर्षों में ढोए गए माल यातायात की औसत बढ़त से अधिक है। अर्थव्यवस्था के रूझान और रेलवे द्वारा किए गए कई उपायों को देखते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेने की आशा है । आरम्भिक यात्री यातायात में लगभग ३ प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप मौजूदा वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में ७ प्रतिशत अधिक आमदनी होने की संभावना है । अन्य कोचिंग संबंधी आमदनी में ७ प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है । वर्ष २००३-२००४ के लिए अन्य वविध आय ९९० करोड़ रूपए आंकी गई है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से ५ प्रतिशत अधिक है । इन अनुमानों के आधार पर सकल यातायात से प्राप्तियां ४५,४९५ करोड़ रूपए होने का अनुमान है यह चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से २,६२८ करोड़ रूपए ज्यादा है । रेलवे का साधारण व्यय ३२,४६० करोड़ रूपए होने का अनुमान है जो कि चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से ७ प्रतिशत अधिक है । पेंशन नधि में वनियोग को ६,३८५ करोड़ रूपए रखा गया है । योजना संसाधन के लिए संभावित आवश्यकताओं के आधार पर मूल्य ह्रस आरक्षित नधि में २००५ करोड़ रूपए के वनियोग का प्रावधान किया गया है । इस प्रकार कुल संचालन व्यय ४०,८५० करोड़ रूपए होगा, जिसके परिणामस्वरूप शुद्ध यातायात प्राप्तियां २,६४५ करोड़ रूपए की होंगी । शुद्ध वविध प्राप्तियां ८८८ करोड़ रूपए होने का अनुमान है, जिसमें विशेष रेलवे संरक्षा नधि को वनियोजित किए जा रहे यात्री किराये पर के अधिभार की वसूली के जरिए एकत्रित होने वाली राशि भी शामिल है। अत: शुद्ध राजस्व ३,५३३ करोड़ रूपए बनता है । सामान्य राजस्व को देय लाभांश की दर के संबंध में रेलवे कन्वेन्शन कमिटी को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है । इस बीच वर्ष २००३-२००४ के लिए लाभांश की व्यवस्था वर्ष २००२-२००३ के लिए लागू दर पर ही की गई है । इस आधार पर वर्ष २००३-२००४ के लिए लाभांश दायिता २,९३० करोड़ रूपए बनती है । कुछ अन्य देय राशियों के साथ-साथ २९७८ करोड़ रूपए की राशि सामान्य राजस्व को देय होती है । इस दायिता का पूरी तरह निर्वाह किया जाएगा । उक्त अनुमानों से वर्ष के लिए योजना परिव्यय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आंतरिक रुाोतों से पर्याप्त धन सृजित होने की संभावना है । मालभाड़ा दरों तथा यात्री किरायों को प्रतिस्पर्धी बनाने तथा परिवहन क्षेत्र में रेलवे की भागीदारी बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि टैरिफ को युक्तिसंगत और संगत बनाने की प्रक्रिया जारी रखी जाए । रेलवे को और ज्यादा यातायात आकर्षित करने के लिए मैं कुछ अन्य उपायों तथा सुधारों को प्रस्तावित करता हूँ ।
१००. निजी साइडिंगों में तैनात रेल कर्मचारियों का वेतन परम्परागत रूप से साइडिंग मालिकों को प्रभारित किया जाता है। साइडिंग मालिकों को राहत देने के उद्देश्य से क्षेत्रीय रेलें निजी साइडिंग के मालिक को प्रभारित की जा रही रेल कर्मचारी की लागत को चरणबद्ध आधार पर कम करने हेतु व्यापक समीक्षा करेंगी ।
१०१. अपनी साइडिंगों से प्रारम्भिक यातायात द्वारा प्रति वर्ष २५ करोड़ रूपए से अधिक माल आमदनी देने वाले साइडिंग मालिक रेलवे के वशिष्ट ग्राहक माने गए हैं । परिवहन में रेल का हिस्सा बढ़ाने की द्ृष्टि से वशिष्ट ग्राहकों के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू की जा रही है । इन ग्राहकों द्वारा रेलों को पिछले वर्ष की तुलना में दी गई अतरिक्त शुद्ध प्रारम्भिक मालभाड़ा आमदनी के प्रत्येक पांच करोड़ रूपए के लिए २ प्रतिशत की मालभाड़ा छूट दी जाएगी । यह छूट उन्हें प्राप्त किसी अन्य मालभाड़ा रियायत के अलावा दी जाएगी । यह प्रोत्साहन योजना श्रेणी-१३५ और इससे ऊपर की श्रेणियों में उल्लिखित वस्तुओं से प्राप्त शुद्ध अतरिक्त प्रारम्भिक मालभाड़ा आमदनी पर लागू होगी ।
यात्री सेवाएं
१०४. मुझे यह सूचित करते हुए हर्ष है कि पिछले वर्ष के रेल बजट में घोषित की गई सभी सोलह जनशताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियों को चला दिया गया है। जनशताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियों के किराया ढांचे को सुपर फास्ट मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों के किरायों से १०प्रतिशत अधिक रखा गया था इसके अलावा टिकट किरायों में, खान-पान सेवाओं के लिए अतरिक्त प्रभार भी शामिल थे । जन शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियों को और लोकप्रिय बनाने के लिए इनके मूल किरायों का सुपरफास्ट मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों तदनुरूपी श्रेणी के किरायों के वर्तमान १० प्रतिशत आधिक्य को घटाकर ५ प्रतिशत के स्तर पर रखने तथा इन गाड़ियों में खानपान सेवाओं को वैकल्पिक बनाने का प्रस्ताव है ।
१०६. इस समय, यदि कोई प्रतीक्षा सूची में शामिल यात्री राजधानी अथवा शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ी में चढ़ जाता है, तो उससे टिकट किराए के बराबर अतरिक्त किराया प्रभारित किया जाता है । यह महसूस किया गया है कि इस दण्ड प्रभार को बदलने की आवश्यकता है । यह वनिश्चय किया गया है कि मेल /एक्सप्रेस गाड़ियों में चढ़ने वाले प्रतीक्षा -सूचीबद्ध यात्रियों से संबंधित नियम अब राजधानी, शताब्दी तथा जन शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियों के प्रतीक्षा -सूचीबद्ध यात्रियों के लिए भी लागू होंगे ।
पार्सल एवं सामान सेवा
MR. SPEAKER: Hon. Members, please sit down.
… (Interruptions)
SHRI P.H. PANDIAN (TIRUNELVELI): What about Tamil Nadu? … (Interruptions) Sir, 40 Members of Parliament belonging to the AIADMK Party and other Parties met and presented a memorandum to the hon. Railway Minister in person and demanded a fair deal to Tamil Nadu.… (Interruptions) We have listed out the projects which are pending for clearance by the Ministry.… (Interruptions) The hon. Minister also promised to look into it. But after this announcement today, Tamil Nadu is not seen in the map of Railways.… (Interruptions) The people of Tamil Nadu are docile and law abiding. There is no ticketless travel in Tamil Nadu. … (Interruptions) The Southern Railway is yielding much revenue to the Railways.… (Interruptions)
अध्यक्ष महोदय: BÉßE{ɪÉÉ ¤ÉèÉÊ~A* VÉ¤É SÉSÉÉÇ cÉäMÉÉÒ, iÉ¤É +ÉÉ{É =ºÉàÉå ÉÊcººÉÉ ãÉä ºÉBÉEiÉä cé*
…( )
MR. SPEAKER: The House stands adjourned to meet again at 2.30 p.m.