Problems Being Faced By Sugarcane Growers In Maharashtra And Other … on 17 May, 2007

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Lok Sabha Debates
Problems Being Faced By Sugarcane Growers In Maharashtra And Other … on 17 May, 2007

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Title: Problems being faced by sugarcane growers in Maharashtra and other parts of the country.

श्रीमती रूपाताई डी. पाटील (लातूर)  :  माननीय अध्यक्ष जी, मैं आपकी आभारी हूं कि आपने मुझे इस महत्वपूर्ण विषय पर बोलने की अनुमति दी। देश के कतिपय राज्यों विशेषकर महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादक किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। राज्य के सहकारिता क्षेत्र के चीनी मिलों द्वारा इस वर्ष गन्ना उत्पादकों से गन्ना खरीद में आनाकानी करने से गन्ना उत्पादक किसान अपने खेत में खड़ी गन्ने की फसल को सूखता हुआ देखने के लिए मजबूर हैं। इसी मजबूरी के चलते राज्य के कई जिले और विशेषकर मराठवाड़ा के किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं।

 

* Not recorded

किसानों को पिछले वर्ष के मुकाबले, गन्ने की फसल के कम दाम मिले हैं।  कम दाम मिलने के कारण किसान अपने फसल कर्जों की अदायगी कैसे करेंगे? लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण उसकी आजीविका का क्या होगा? इसका उत्तर केन्द्र और राज्य सरकार को देना होगा। गन्ने की अधिक पैदावार होने के कारण राज्य के चीनी मिलों द्वारा उसके दाम घटाकर खरीद में हो रहे पक्षपात पर केन्द्र सरकार हस्तक्षेप करे और सभी गन्ना किसानों के गन्ने की खरीद अच्छे मूल्य पर हो, इस बात को सरकार सुनिश्चित करे। महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि यदि चीनी मिलों द्वारा गन्ने की खरीद नहीं की जाती है तो गन्ना किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी जबकि किसान का एक एकड़ जमीन में गन्ना पैदा करने का खर्च 25 हजार रुपये से ज्यादा होता है। किसान बाकी के 15 हजार रुपये कहां से लाएगा, उसे कौन देगा? अतः मेरी मांग है कि गन्ना किसानों को प्रति एकड़ पर 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिये जाएं। मेरे संसदीय क्षेत्र लातूर के गन्ना किसानों पर लगभग 125 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है और पूरे प्रदेश के गन्ना किसानों की स्थिति क्या होगी, इसका अनुमान माननीय कृषि मंत्री जी लगा सकते हैं। अंत में मेरी मांग है कि गन्ना उत्पादक किसानों के कर्जे केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार द्वारा माफ कर दिये जाएं। किसानों बहुत बड़ी तादाद में आत्महत्याएं कर रहे हैं। अभी सरकार ने विदर्भ के उन किसानों को पैकेज दिया है जो आत्महत्याएं करते हैं।

MR. SPEAKER: That is why I have allowed you to raise this important matter.

श्रीमती रूपाताई डी. पाटील  : आत्महत्याएं करने के बाद आप पैकेज देते हैं, पहले पैकेज दें तो अच्छा हो। मैं आपकी बहुत आभारी हूं जो आपने मुझे बोलने के लिए समय दिया। धन्यवाद।

अध्यक्ष महोदय : हम तो आपको मौका देते हैं, फिर भी आप लोग गुस्सा करते हैं। Shri Basu Deb Acharia to raise only the matter relating to AIIMS and not the other issue.

SHRI BASU DEB ACHARIA (BANKURA): Sir, why I am not allowed to raise the first matter?

MR. SPEAKER: It is because I am not allowing it.  Enough State matters are being discussed.

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