Regarding Problems Being Faced By Sugarcane And Potato Growers In The … on 9 May, 2003

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Lok Sabha Debates
Regarding Problems Being Faced By Sugarcane And Potato Growers In The … on 9 May, 2003

Title: Regarding problems being faced by sugarcane and Potato growers in the country.

कुंवर अखिलेश सिंह

:माननीय सभापति महोदय, गन्ना किसानों, आलू किसानों, धान और गेहूं किसानों के प्रकरण पर इस सदन में एक बार नहीं, कई बार चर्चाएं कराई गई और इस चर्चा के बाद जब सरकार की तरफ से माननीय मंत्रीगण ने उत्तर दिए तो उनके पश्चात् उनका अनुपालन नहीं किया गया। इसी सदन के अंदर आदरणीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री शरद यादव बैठे हुए हैं।…( व्यवधान)

MR. CHAIRMAN : Shri Akhilesh Singh, you have given a notice regarding service conditions of the promotee Assistant Engineers.

कुंवर अखिलेश सिंह:यह जीरो आवर का नोटिस है और मैंने गन्ना किसानों के बारे में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है, मैं उसपर बोल रहा हूं।…( व्यवधान)

MR. CHAIRMAN : That is over.

कुंवर अखिलेश सिंह

:माननीय अध्यक्ष महोदय ने…( व्यवधान)

MR. CHAIRMAN: I thought that you are going to speak on the subject of notice which is given for ‘Zero Hour’. You cannot raise any other matter.

कुंवर अखिलेश सिंह:जब मैंने कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था…( व्यवधान)

MR. CHAIRMAN: You cannot raise any other matter than the one mentioned in the list.

कुंवर अखिलेश सिंह:जब हमने ऐडजर्नमैंट मोशन का नोटिस दिया था तो स्पीकर साहब ने अपनी सीट से परमीशन दी थी कि आपको जीरो आवर में बोलने का मौका दिया जाएगा। आप कार्यवाही उठाकर देख लीजिए।…( व्यवधान)

MR. CHAIRMAN: No. I have been given the list by the hon. Speaker.

कुंवर अखिलेश सिंह:एक बार नहीं कई बार गन्ना किसानों के सवाल पर चर्चा हुई। इस सदन के अंदर श्री शरद यादव ने, जब मुंडेरवा में तीन किसान मारे गए तो राज्य सरकार के बयान के आधार पर जो बयान दिया, उसमें एक किसान के मरने की बात कही गई और उसी दिन शाम को सदन के अंदर हमने प्रमाणित कर दिया कि मुंडेरवा में एक नहीं, तीन किसान मारे गए हैं और राज्य सरकार ने गलत बयानी की। परन्तु सदन ने राज्य सरकार की गलत बयानी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जिससे राज्य सरकार का मनोबल लगातार बढ़ता गया। राज्य सरकार का मनोबल इतना बढ़ गया कि माननीय उच्चतम न्यायालय, इलाहाबाद की आड़ में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के चीनी मिल मालिकों का पक्ष लेते हुए यह कह दिया कि राज्य को गन्ने का मूल्य निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह सदन परम्पराओं के आधार पर चलता है। अब तक यह परम्परा रही है कि राज्य सरकार जो मूल्य निर्धारित करती रही है, उन मूल्यों को ही चीनी मिल मालिक देते रहे हैं। गत वर्ष भी उत्तर प्रदेश में चीनी मिल मालिकों ने किसानों को उसी मूल्य को देने का कार्य किया और गत वर्ष उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को ९५ रुपये और १०० रुपये प्रति क्िंवटल गन्ने का मूल्य मिला था।

यह बात मैं इसलिए आपके संज्ञान में रखना चाहता हूं कि अभी इस समस्या के निराकरण के लिए प्रधान मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री साहिबा को दिल्ली में तलब किया तो उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री ने कहा कि अगर राज्य को अधिकार दे दिया जाए, हमको अधिकार दे दिया जाए तो हम चीनी मिल मालिकों को नाच नचा देने का काम करेंगे। मैं कहना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश शुगर केन परचेज एक्ट के अन्तर्गत राज्य सरकार को अधिकार है कि जो निर्धारित मूल्य है, वह निर्धारित मूल्य १४ दिन के अंदर चीनी मिल मालिकों से किसानों को अदा करवाएं। यदि १४ दिन के अंदर चीनी मिल मालिकों से अदा नहीं करवाती हैं तो उत्तर प्रदेश शुगर केन परचेज एक्ट के अनुसार उन्हें बकाया पर ब्याज देना होगा और तीस दिन के अंदर गन्ना किसानों की अदायगी नहीं होती है तो चीनी मिल मालिकों के खिलाफ रिकवरी सर्टफिकेट जारी होगा। यह बात खाद्य मंत्री जी से कहना चाहता हूं कि यदि राज्य सरकार इस एक्ट के अंदर प्रभावी कार्रवाई करे।…( व्यवधान)तो किसानो को बहुत हद तक लाभ दिलाकर चीनी मिल मालिकों के मनमानेपन पर अंकुश लगा सकती है ।

MR. CHAIRMAN : Hon. Minister, if you want to respond, you can respond.

कुंवर अखिलेश सिंह:अभी मैंने बात ही नहीं रखी।

MR. CHAIRMAN: There are 15 notices.

कुंवर अखिलेश सिंह:यह देश के ८० प्रतिशत लोगों का मामला है। अगर इसको दो मिनट में आप हल करना चाहते हैं तो कैसे होगा।…( व्यवधान)मैंने इसीलिए कहा कि आप मुझे कार्य स्थगन प्रस्ताव के रूप में मौका दें।…( व्यवधान)

श्री रमेश चेन्नितला (मवेलीकारा):अन्य सदस्यों ने भी नोटिस दिया है। हमारा भी नोटिस है।…( व्यवधान)

कुंवर अखिलेश सिंह:अगर कांग्रेस के लोग इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं, तो मैं चला जाता हूं। रमेश चेन्नितला जैसे वरिष्ठ सदस्य सहयोग नहीं कर रहे हैं।…( व्यवधान)

सरदार सिमरनजीत सिंह मान (संगरूर):हमें भी मौका दिया जाए।…( व्यवधान)

कुंवर अखिलेश सिंह:आप पहले बोल लें। मैंने तो कहा था कि मैं अंतिम वक्ता के रूप में बोल लूंगा।…( व्यवधान)

SHRI RAMESH CHENNITHALA : There are other Members also who want to speak. … (Interruptions)

MR. CHAIRMAN: You finish it.

SHRI K.H. MUNIYAPPA (KOLAR): I am supporting you on the issue of farmers. … (Interruptions)

MR. CHAIRMAN: Kunwar Akhilesh, you address the Chair.

… (Interruptions)

MR. CHAIRMAN: You try to finish it.

… (Interruptions)

कुंवर अखिलेश सिंह:मुझे यह कहते हुए कष्ट हो रहा है कि किसानों के मामले में यह सदन गंभीर नहीं है और आज किसानों का आक्रोश चरम सीमा तक पहुंच चुका है। कल किसानों ने विजय चौक पर प्रधान मंत्री जी का पुतला तक जलाया। किसानों ने गन्ना जलाने का काम किया और वे आलू को जलाने का काम कर रहे हैं। किसानों के अंदर आक्रोश है। आप इसे समझने की कोशिश करें। अगर इस आक्रोश को ठीक से समझने की आप कोशिश नहीं करेंगे तो किसान आंदोलन, उग्रवाद की तरफ बढ़ेगा औऱ इससे देश में एक नयी समस्या खड़ी हो जाएगी। आज किसानों का शोषण हो रहा है। किसानों को इस शोषण से मुक्ति दिलानी होगी।

अभी मैं आपके संज्ञान में सर्वोच्च न्यायालय के ३१.१.२००१ के आदेश का उल्लेख करना चाहता हूं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने किसानों के साथ कितनी धोखाधड़ी की है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के साथ कितनी धोखाधड़ी की है, यह तथ्य भी आपके सामने रखना चाहता हूं। ३१-१-२००१ में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जो समझौता मूल्य होगा, वह मूल्य ही लागू होगा लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश को उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा उच्च न्यायालय में छिपाया गया और उच्च न्यायालय के विरुद्ध अभी २८-०२-२००३ को सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की सरकार और चीनी मिल मालिकों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया। मैं खाद्य मंत्री जी से कहना चाहता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का यदि आप अनुपालन करा दें तो उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को ९५ रुपया और सौ रुपया क्िंवटल कम से कम गत वर्ष के बराबर गन्ने का मूल्य मिल जाएगा। इस आदेश के अंदर यह भी है कि अगर एक गन्ना समति के अंदर दो चीनी मिलें हैं और एक चीनी मिल ज्यादा दाम दे रही है तो दूसरी चीनी मिल कम दाम नहीं दे सकती। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र महाराजगंज का उदाहरण देना चाहता हूं।…( व्यवधान)

MR. CHAIRMAN: The Minister is here. You can respond.

कुंवर अखिलेश सिंह:हमारे यहां सिसवा की चीनी मिल हैं और सरकारी चीनी मिलें हैं और गरोड़ो की चीनी मिल निजी क्षेत्र की मिल हैं। निश्चित रूप से सिसवा की चीनी मिल किसानों को ९५ रुपया और सौ रुपया क्िंवटल दे रही हैं और गरौड़ा की चीनी मिल किसानों को ८२.५० रुपया क्िंवटल दे रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक गरौड़ा की चीनी मिल को भी किसानों को ९५ रुपया और सौ रुपया देना चाहिए। अभी परसों हमारे क्षेत्र के किसानों ने तथा महिलाओं ने मोहनापुर गांव के सेन्दुरिया चौराहे पर बड़ी तादाद में रास्ता जाम किया तो वहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने महिलाओं के बाल पकड़कर उनको घसीटने का काम किया, पीटने का काम किया। आज किसानों की जो दुर्दशा हो रही है, …( व्यवधान) सरकार उस पर गम्भीर नहीं है यदि किसान घर की महिलाओं को पुलिस व प्रशासन द्वारा बेहरमी से पीटा जाएगा तो आक्रोश भडकेगा ।

MR. CHAIRMAN: Kunwar Akhilesh, you have raised it. Let him respond. Hon. Minister, you can respond.

MR. CHAIRMAN: Do you want the response of the Minister?

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