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Demolition Of The Settlements Of The Slum Dwellers In Delhi And Other … on 22 April, 2010

Lok Sabha Debates
Demolition Of The Settlements Of The Slum Dwellers In Delhi And Other … on 22 April, 2010


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Title: Demolition of the settlements of the slum dwellers in Delhi and other parts of the country in the name of developmental works without providing rehabilitation to them.

डॉ. तरुण मंडल (जयनगर):अध्यक्ष महोदया, मैं एक बहुत गम्भीर मुद्दा सदन के संज्ञान में लाना चाहता हूं। हमारे देश में किसी भी डैवलपमन्ट प्रोजैक्ट के नाम पर जो गरीब से गरीब लोग होते हैं, जो झुग्गी-झोंपड़ियों में रहते हैं, उनकी बस्तियों पर बुलडौजर चलाकर उनके घरों को खत्म कर दिया जाता है। मैं समझता हूं कि यह बहुत अन्याय है। वे लोग हमारे देश की आम जनता है और बहुत गरीब लोग हैं।

          अभी कुछ दिन पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन के आसपास जो बारापुल्ला नाला इलाका है, वहां से 358 परिवारों को यह कहकर हटा दिया गया है कि वहां एक ऐलिवेशन रोड बनाई जायेगी। अखबारों में भी हम लोग देख रहे हैं कि कॉमनवैल्थ गेम्स के लिए वहां कोई पार्किंग वे होगा। सरकार ने कुछ दिन पहले लोगों से यह वायदा किया था कि यदि कहीं भी स्कूल, अस्पताल या कहीं कोई बड़ी रोड बनेगी तो इस काम को पूरा करने के लिए उन क्षेत्रों से झुग्गी और झोंपड़ियों को हटाया जा सकता है। लेकिन उपरोक्त में से किसी भी काम के लिए उन्हें नहीं हटाया गया है और विस्थापित लोगों के लिए जो पुनर्वास का काम किया जाता है, उसका भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। वहां न तो दिल्ली राज्य सरकार की तरफ से कुछ किया गया है और न म्युनिसिपैलिटी या केन्द्र सरकार की तरफ से कुछ किया गया है। वहां जो लोग रिहैबिलिटेशन के लिए फॉर्म्स फिल अप करना चाहते हैं, उसके लिए भी कुछ नहीं किया गया है। ये सारे परिवार अपने बाल-बच्चों को लेकर इतनी गर्मी और सूखे मौसम में खुले मैदान में पड़े हुए हैं।     

          महोदया, हमारे देश में गरीब आदमियों के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं। शहरों में रहने वालों के लिए जवाहर लाल नेहरू अर्बन रीन्युअल मिशन है। इसलिए मैं समझता हूं कि इन लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए और इस योजना के तहत इन्हें घर मिलना चाहिए। परंतु एक भी व्यक्ति को वहां घर नहीं मिला है। केवल दिल्ली की इसी झुग्गी-झोंपड़ी बस्ती में ऐसा नहीं हुआ है, बल्कि दिल्ली की और भी बस्तियों में ऐसा हो रहा है। इसके अलावा देश के अन्य बड़े शहरों में भी ऐसा हो रहा है। सब जानते हैं कि गरीब लोगों का ह्यूमैन राइट होता है कि उन्हें घऱ, शिक्षा, खाना और रोजगार मिलना चाहिए।

          मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि आजकल जो राज चल रहा है, इस राज में गांवों से जो गरीब लोग शहरों में आये हैं, वे जो सैटलमैन्ट, झुग्गी-झोंपड़ी बनायेंगे, उनके लिए सरकार की योजनाएं लागू करनी चाहिए। परंतु सरकार की कोई भी योजनाएं इस दिशा में काम नहीं कर रही हैं। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि जो बारापुल्ला नाला के आसपास से विस्थापित किये गये लोगों को पुनर्वास किया जाए और उन्हें सब तरह की राहत दी जाए। धन्यवाद।

अध्यक्ष महोदया : श्री पी.िंलगम अपने आपको इस विषय से सम्बद्ध करते हैं।