>
Title: Need to provide special financial package to the drought affected Vidarbha region of Maharashtra.
श्री हंसराज गं. अहीर (चन्द्रपुर): माननीय अध्यक्ष महोदया, मैं विदर्भ में छाये भयंकर सूखे और अकाल की समस्या सरकार के संज्ञान में लाकर इस भयावह स्थिति से स्थानीय लोगों, विशेषकर किसानों को उबारने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित कर तत्काल उपचारात्मक प्रयास करने की अपेक्षा रखता हूं। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी विदर्भ में लगातार सूखा छाया हुआ है। इस वर्ष मानसून के विलंब और वर्षा की कमी से किसानों को फसलों का अपेक्षाकृत कम उत्पादन हुआ है। कहीं कहीं तो फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष सूखाग्रस्त घोषित किए गये राज्य के कुल 20 हजार से अधिक गांवों में विदर्भ के 14 हजार 59 से अधिक गांव सूखे से पीड़ित हैं। इससे किसान तकलीफ में दिखाई दे रहे हैं। सूखे की घोषणा के बाद बदहाल किसानों को राहत नहीं देने से स्थिति खराब हो गई है। खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य संकट और वित्तीय सहायता के लिए किसान सरकारों से आस लगाये बैठे हैं। विश्वसनीय सूत्रों से जारी किए गये आंकड़ों के अनुसार बीते तिमाही में विदर्भ में 194 किसानों ने आत्महतया की है। सरकार द्वारा सूखे की घोषणा के बाद सूखे से राहत दिलाने के लिए किसी तरह की ठोस योजना के क्रियान्वयन के अभाव से किसान खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। आज विदर्भ के सूखापीड़ित क्षेत्र में किसानों पर जीवनयापन संकट छाया हुआ है। उनके मवेशियों के लिए चारा और पानी का संकट बना हुआ है। मानसून की कमी से नदी और जलाशयों में पानी की कमी से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो रहा एवं उल्टे इन जलाशयों में उपलब्ध पानी का उद्योगों द्वारा दोहन करने से जलापूर्ति का भी संकट बना हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा अपने बजट 2010-11 में अकाल पीड़ित बुंदेलखंड क्षेत्र को 1200 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी। विदर्भ में भी स्थिति भयावह होती जा रही है।
विदर्भ में सूखे के कारण किसानों की आत्महत्याओं में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार द्वारा इस क्षेत्र के किसान, व्यवसायी तथा आम नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए और मवेशियों के लिए चारा, छावनी, जल उपलब्धता कराने के लिए राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश जारी करें तथा स्वयं भारी आर्थिक सहायता उपलब्धता हेतु विशेष पैकेज की घोषणा करें तथा केन्द्र सरकार स्थिति की विषमता का पता करने के लिए एक जांच दल भी भेजें। केन्द्र सरकार स्थिति की विषमता का पता करने के लिए एक जांच दल भी भेजें।