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Title: Need to approve the proposal of the Government of Madhya Pradesh providing for ownership rights to the people living in forest areas.
श्री गणेश सिंह (सतना) :महोदय, वनवासियों को काबिज वन भूमि का पट्टा देने संबंधी मामलालंबे समय से केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन हे।
देश के अंदर बड़ी संख्या में जंगलों में पुस्तैनी रूप से जो गांव आबाद हैं उन गांवों के वनवासी एवं भूमिहीन लोगों द्वारा वन भूमि में जहां जंगल नहीं है वहां कृषि कार्य करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनको उस जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला। मध्य प्रदेश की सरकार ने अपने एक निर्णय के तहत सन १९८० के पूर्व जो वनवासी वन भूमि में कृषि कार्य कर रहे हैं तथा मकान बनाकर पुस्तैनी रूप से रहते आ रहे हैं उन्हें मालिकाना हक देने हेतु एक प्रस्ताव केन्द्र सरकार को बहुत पहले भेजा था जिस पर आज तक स्वीकृति नहीं दी गयी। यह अत्यंत दुर्भागयपूर्ण है कि उन गरीबों के हक के मामले में आज तक केन्द्र सरकार ने निर्णय नहीं लिया। जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि व्यापार करने के उद्देश्य से तुरंत दे दी गयी।
मेरी मांग है कि प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृति दी जाये।