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Title: Need to ban cow slaughter in the country.
प्रो. रासा सिंह रावत (अजमेर) : महोदय, मैं आप के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा कि गौवंश रक्षा राष्ट्र रक्षा है। किसानों की समृद्धि भी पशुधन रक्षा एवं विकास पर निर्भर है। देश मे श्वेत क्रांति लाने का श्रेय भी गौवंश धन को ही जाता है।केन्द्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने आजादी के तुरंत बाद १९-११-१९४७ को अपने प्रस्ताव संख्या – एफ-२५-८/४७-डी द्वारा केटल प्रजिवेशन एंड डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया गया था। उस समति की राय थी क ” भारत में किसी भी परिस्थिति में गौ हत्या वांछनीय नहीं है और उस पर कानूनी प्रतिबंध लगाना अनिवार्य है। “बहुत हद तक देश की समृद्धि गौवंश पर आधारित है। देश की आत्मा को तब तक शांति नहीं मिलेगी, जब तक गौ हत्या पर पूर्णतया पाबंदी न लग जाए। समति ने यह भी सिफारिश की थी कि देश के कोने-कोने में गौसदन तथा गौशालाओं का निर्माण किया जाए, जिसमें बूढ़े, बेसहारा गौवंश की रक्षा हो सके तथा उनके रख-रखाव हेतु संसाधन जुट सकें। संविधान के अनुच्छेद ४८ के अनुसार सरकार कृषि एवं पशुपालन की व्यवस्था आधुनिक एवं वैज्ञानिक रीति से करेगी तथा विशेष रूप से गौवंश का संरक्षण एवं विकास और गौवंश तथा अन्य दूध देने वाले तथा कृषि एवं परिवहन के उपयोग में आने वाले पशुओं के वध के प्रतिबंध के लिए कदम उठाए जाएंगे। संविधान की धारा ५१ – ए(जी) के अनुसार देश के हर एक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह पर्यावरण एवं वन संपदा की रक्षा एवं विकास करे तथा सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखे।
मैं आपके माध्यम से भारत सरकार से कहना चाहूंगा कि जब संविधान कह रहा है तथा राष्ट्रीय गौवंश आयोग ने भी सिफारिश की थी और देश के अंदर किसान आत्महत्या करने पर उतारू है, ऐसे समय में आवश्यकता इस बात की है कि सरकार पाकिस्तान एवं बांग्लादेश को अवैध रूप से की जा रही गौवंश की तस्करी को रोके और गौ वध पर रोक लगा करके, संपूर्ण देश में किसानों की समृद्धि एवं श्वेत क्रांति को जारी रखने के लिए देश में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने हेतु अविलंब कार्यवाही की जाए।