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Need To Check Eviction Of Tribals From Their Natural Dwellings In … on 17 May, 2007

Lok Sabha Debates
Need To Check Eviction Of Tribals From Their Natural Dwellings In … on 17 May, 2007


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Title: Need to check eviction of tribals from their natural dwellings in Madhya Pradesh- laid.

 

डॉ. लक्ष्मीनारायण पाण्डेय (मंदसौर) : महोदय, देश में कई राज्यों में जहां सघन वन हैं, अभ्यारण्य स्थापित हैं, इन अभ्यारण्यों की श्रृंखला में राजस्थान व मध्य प्रदेश जहां बड़े-बड़े वन हैं, अच्छे व लंबे, चौड़े आकार (विस्तृत भूभाग) में अभ्यारण्य हैं, किंतु देखने में आया है कि इन अभ्यारण्यों की पर्याप्त देखभाल व सामयिक समस्याओं के चलते बड़ी मात्रा में या बड़े भूभाग में वनों की कटाई होकर प्रायः कई भाग वृक्षहीन हो गए हैं, इन अभ्यारण्यों से वन क्षेत्र में वर्षानुवर्ष से मुख्यत आदिवासी व दूसरे ग्रामीण रहते आये हैं व वहां कृषि व पशुपालन से अपना जीवनयापन करते हैं, इनके द्वारा वनों को कभी भी किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाई गई है। किंतु, विगत कुछ समय से इन्हें वहां से बेदखल किये जाने के प्रयास हो रहे हैं और इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि वनभूमि में इनका अतिक्रमण है जो सर्वथा तथ्यहीन है, क्योंकि ऐसे सभी आदिवासी पीढ़ी दर पीढ़ी से व अन्य भी वहां रहकर अपना जीवनयापन करते हैं। हाल ही में राजस्व व वनभूमि को रेखांकित कर विभाजित करने का क्रम मध्य प्रदेश के कई अभ्यारण्य व अन्य वन क्षेत्रों में चला है। इससे उन हजारों आदिवासियों के परिवारों के समक्ष जीवनयापन का तथा निवास आदि का संकट उपस्थित हो गया है। उनमें काफी चिंताएं हैं ।          

            अतः मेरा पर्यावरण व वन मंत्री महोदय से निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से मानवीय दृष्टिकोण से अपनायें ताकि वनों की सुरक्षा भी हो तथा आदिवासी संकट में न पड़े, क्योंकि मध्य प्रदेश में जहां पर ऐसी बसाहटें हैं वहां इन आदिवासियों द्वारा यह मानकर की वन हमारे देवता हैं, उनकी रक्षा की है। अतः उन्हें वन एवं राजस्व भूमि के रेखांकन को लेकर बेदखल न किया जाये।