Judgements

Need To Control Price Rise Of Essential Commodities. on 24 February, 2006

Lok Sabha Debates
Need To Control Price Rise Of Essential Commodities. on 24 February, 2006


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Title :*h Need to control price rise of essential commodities.

श्री गिरधारी लाल भार्गव (जयपुर) : मंत्री जी सामने विराजमान हैं। मैं सबके हितार्थ का प्रश्न रख रहा हूं। इसलिए आपके बीच में आया हूं।…( व्यवधान) 

             सभापति महोदय, सन् २००५ में दूध का भाव जो १७ रुपये प्रति लीटर था, वह आज २० रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी तरह आलू जो चार या पांच रूपये किलो था, वह आज दस रुपये किलो है। दाल जो पहले ३० रुपये किलो थी, वह आज ३८ रुपये किलो हो गयी है । इसी प्रकार टमाटर के भाव भी बढ़े हैं। पानी का बिल जो पहले ६० रुपये आता था, वह आज २०० रुपये आने लगा है। इस सबसे आदमी दुखी है। इसी प्रकार आटे की दस किलो की थैली जो पहले ११० रुपये किलो आती थी, वह आज १४० रुपये किलो आती है। चावल जो पहले २१ रुपये किलो था, वह आज ३२ रुपए किलो है। प्याज के भाव भी बढ़ गये हैं। चीनी जो पहले १९ रुपये किलो थी, वह आज २२ रुपये किलो हो गयी है। एक समय तो यह २५-२६ रुपये किलो तक पहुंच गयी थी। रिफांइड तेल पांच लीटर का पहले २१५ रुपये में मिलता था, वह आज २४० रुपये हो गया है। एलपीजी गैस सिलेंडर जिसकी कीमत आप २८ तारीख को बढ़ाने वाले हैं, उसकी कीमत भी २४४ रुपये से बढ़कर २९५ रुपये हो गयी है। मिट्टी का तेल पहले २० रुपये लीटर था, जो आज ३० रुपये लीटर हो गया है। मेरा मतलब है क खाने-पीने की चीजों के दाम बराबर बढ़ रहे हैं।केन्द्रीय सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। चीजों की कीमत घटे, इस ओर ध्यान देकर अगर हम अग्रसर होंगे तो आपकी सरकार, जो हमसे बदलकर आयी है, जिसको उलटपलट सरकार कहते हैं, यूपीए यानी उलटपलट एसोसियेशन। …(व्यवधान)

रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री विजय हान्डिक) : आप क्या नाम दे रहे हैं। …( व्यवधान)

श्री गिरधारी लाल भार्गव : मैं आपको बिल्कुल ठीक नाम दे रहा हूं। आपने हमें पलट दिया। उलट-पलट सरकार ठीक प्रकार से काम करे, तो मैं समझता हूं कि निश्चित रूप से अच्छा काम होगा। अगर देश में महंगाई बढ़ती गयी, तो आपको भी भारत की जनता माफ करने वाली नहीं है। मैं समझता हं कि केन्द्र सरकार इस पर ध्यान देगी। आज थाली के जो भाव बढ़ गये हैं, आदमी आज जन गण मन बोलता है लेकिन वह बेचारा पेट से भूखा है। मैं समझता हूं कि जब हम जन गण मन बोलते हैं, तो निश्चित रूप से आप हमारी और देश की जनता की तरफ ध्यान देंगे और महंगाई को रोकेंगे। मैंने पूरे सदन के हितार्थ यह बात आपके सामने रखी है। मैं समझता हूं कि माननीय सभापति जी, आप भी माननीय मंत्री को डायरेक्शन देंगे और केन्द्रीय सरकार से कहें कि निश्चित रूप से महंगाई को कम किया जाए।ञ्