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Title: Need to declare the rehabilitation policy for the people affected by natural calamities in Uttarakhand.
श्री सतपाल महाराज (गढ़वाल):सभापति जी, मैं आपका धन्यवाद करते हुए आपका ध्यान उत्तराखंड में हुई आपदा की तरफ आकर्षित करना चाहता हूँ। लगभग चार महीने से उत्तराखंड में जो वर्षा हुई है, बादल फटे हैं और भूस्खलन हुआ है उसमें चमोली जिला स्थित थराली, देवाल, कुलसारी, पौड़ी जिला के अंतर्गत रिंगवाड़ी, नैनीताल जिला में चूकम, पिथौरागढ़ तथा अल्मोड़ा जिलों में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। उत्तराखंड आपदा से ग्रसित है। वहाँ लोगों के मकानों की स्थिति ऐसी बन गई है कि पता नहीं कब गिर जाएँ। स्थिति से उबरने के लिए मेरा आपसे अनुरोध है कि राज्य सरकार को निर्देशित करें कि वे उचित सहायता उत्तराखंड की जनता को पहुँचाए। जो सहायता पहुँची है, उसके लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूँ। प्रधान मंत्री महोदय ने 500 करोड़ रुपये की राहत पहुँचाई है। जो राहत राज्य सरकार ने लोगों को दी है, उसमें केवलमात्र 1000 रुपये प्रति परिवार को दिया गया है। जिस परिवार का सब कुछ बह गया, जिसका मकान बह गया, ज़मीन बह गई, उसको अगर 1000 रुपये से 2000 रुपये मिलते हैं तो मैं समझता हूँ कि यह उसके साथ मज़ाक है, यह ऊँट के मुँह में जीरे के समान है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप इस संबंध में निर्देशित करें। रामनगर में कोसी की तटबंधीय दीवार आपदा में ध्वस्त हो चुकी है जिससे पूरे रामनगर शहर को खतरा पैदा हो गया है। उसका पुनर्निर्माण आपदा राहत कोष से शीघ्र करवाया जाए और उत्तराखंड के अंदर एक ऐसी नीति बने जिससे हम लोगों का पुनर्वास कर सकें। आपने मुझे इतने महत्वपूर्ण विषय पर बोलने के लिए समय दिया, इसके लिए मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ।