Title: Need to develop a tourist circuit linking places of historical and religious importance in Himachal Pradesh-laid.
डॉ. राजन सुशान्त (कांगड़ा): हिमाचल प्रदेश में ईश्वर प्रदत्त अप्रतिम प्राकृतिक सौन्दर्य को इस पहाड़ी राज्य के आर्थिक साधनों की सुदृढ़ता द्वारा अधिकाधिक रोजगार के सुअवसर सृजित करने हेतु प्रदेश में पर्यटन विकास के विस्तारीकरण को अति शीघ्र नए आयाम स्थापित है । अतः अत्यंत मनोरम हरित घाटियों, अद्वितीय जड़ी बूटियाँ, सुन्दर घने जंगलों व चांदी की तरह चमकती धौलाधार बर्फीली चोटियों के संग ऐतिहासिक शक्तिपीठों यथा चामुण्डा, ब्रजेश्वर, ज्वालाजी, चिन्तापूरनी व नयनादेवी सहित शंकर महादेव के पूज्य स्थान भरमौर, बैजनाम, काठगढ़, किन्नौर व मण्डी तथा दियोटसिद्ध सहित प्रसिद्ध मणिकर्ण व पौंटासाहिब गुरूद्वारों के साथ महामहिम दलाईलामा के प्रवास धर्मशाला को जोड़ते हुए पवित्र व्यास, रावी, सतलुज आदि सभी नदियों के दर्शन एक साथ हों ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए । इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य की पूर्ति हेतु तुंत हिमाचल प्रदेश को एक पर्यटन का सर्कल भारत सरकार स्वीकृत करें ।