Title: Need to discuss the Agricultural Policy in the Parliament.
श्री रामजीलाल सुमन (फिरोजाबाद) : अध्यक्ष महोदय, दो दिन पहले इस सरकार ने कृषि नीति घोषित की है। आज हिन्दुस्तान का किसान बहुत परेशान है और उत्तर प्रदेश सरकार ने कल बिजली पर ३७ फीसदी बढ़ोत्तरी की है। आलू किसान खुदकुशी कर रहे हैं और हालत यह है कि जो लागत मूल्य है, उतना भी आज आलू किसान को नहीं मिल रहा है। सरकार ने अपनी नीति में घोषणा की है कि ४ प्रतिशत बढ़ोत्तरी करेगी लेकिन पिछले कई दशकों में यह बढ़ोत्तरी एक या डेढ़ प्रतिशत रही है।
इस परिकल्पना के पीछे सरकार की मंशा क्या है। सरकार इसको कैसे बढ़ाएगी, यह भी इस सदन में डिस्कस होना चाहिए। मैं आपके मार्फत निवेदन करना चाहूंगा कि शोध और विकास के लिए हिन्दुस्तान में एक बहुत बड़ा नेटवर्क है और हिन्दुस्तान भर में ८९ शोध संस्थान हैं, इसके बाद भी हम विदेशी कम्पनियों को शोध के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। दलहन और तिलहन की उपज बढ़ाने का कोई प्रयास इस देश में नहीं किया जा रहा है। खाद और बीज के दाम निरन्तर बढ़ रहे हैं। हिन्दुस्तान के किसानों की हालत इस समय अत्यधिक खराब है। मैं आपके मार्फत चाहूंगा कि इस सदन में कृषि नीति पर जमकर चर्चा होनी चाहिए, जिससे देश के किसानों को बचाया जा सके।