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Title : Need to enquire into the functioning of placement agencies providing services of house-maids in Delhi with a view to check trafficking of Adivasi girls.
श्री रामजीलाल सुमन (फ़िरोज़ाबाद) : महोदय, नौकरी के सब्जबाग दिखाकर दिल्ली लायी जाने वाली अधिकतर आदिवासी लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। इस धंधे में जाने के बाद उनके सामान्य जिन्दगी में लौटने के रास्ते बंद हो जाते हैं। इस धंधे में प्लेसमेंट एजेंसियां बखूबी शामिल हैं। राजधानी में एजेन्सियां अखबारों में आकर्षक विज्ञापन देकर प्लेसमेंट का दावा करती हैं तथा कहती है कि उन्हें दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त है। उनके एजेंट झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम बंगाल के आदिवासी क्षेत्रों से गरीब लड़कियों को खरीद कर लाते हैं बाद में उनका दैहिक शोषण किया जाता है तथा घरों में मेड या आया की जरूरत के हिसाब से पैंतीस सौ से पांच हजार रूपये तक एडवांस लेकर भेज दियाजाता है। उन्हें काम तो मिलता है लेकिन पैसे के लिए मोहताज रहती हैं। वेतन सीधे एजेंसी के पास जाता है। कोई लड़की घर जाने की बात करती है तो उसे धमकी दी जाती है फिर उसे वेश्यावृत्ति के रास्ते पर डाल दिया जाता है। राजधानी दिल्ली में ८० हजार से ज्यादा लड़कियां इस पेशे में धकेली जा चुकी हैं। सरकार को इसका संज्ञान लेकर प्रभावी कार्यवाही करनी चाहिए, जिससे इन लड़कियों को मुकति मिल सके और वे सुविधानुसार अपना जीवनयापन कर सकें।