>
Title: Need to ensure adequate supply of power to Vidharba Region of Maharashtra.
श्री संजय धोत्रे (अकोला) : सभापति महोदया, महाराष्ट्र राज्य के कुल बिजली उत्पादन में से 45 फीसदी बिजली विदर्भ क्षेत्र से निर्मित होते हुए भी आज विदर्भ के साथ बिजली वितरण में घोर अन्याय हो रहा है। समूचा विदर्भ अंधकार में डूबा हुआ है। मुंबई-पुणे जैसे बड़े शहरों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई नितांत जारी है, जबकि विदर्भ के नागपुर, अकोला, वर्धा, अमरावती, बुलढाणा, बाशिम और यवतमाल जिलों में भारी मात्रा में लोड शेडिंग हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों का तो बहुत बुरा हाल है, जहां 16 से 18 घंटे की लोड शेडिंग की जा रही है। रोजमर्रा की इस जिंदगी में लगातार आठ घंटे की बिजली की कटौती के कारण विदर्भ के लघु और मध्यम उद्योगों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। राज्य सरकार की इस नीति के खिलाफ भारी मात्रा में जन आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। ये सारी बातें शहरों की रही, लेकिन ग्रामीण इलाकों में बहुत ही बुरा हाल है। वहां के किसानों को पानी,िबजली के अभाव से खड़ी फसल को बचाना मुश्किल हो रहा है। रबी की फसल 40 से 60 प्रतिशत कम हो गई है। हमारी विनती है कि इसमें केन्द्र सरकार तुंत हस्तक्षेप करे।
आज महाराष्ट्र को करीबन 14000 मेगावाट बिजली की जरूरत है।