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Title: Need to ensure habitation rights to ‘Saharias’ – a Scheduled Caste Community evicted from forest areas in Lalitpur, Uttar Pradesh.
श्री चन्द्रपाल सिंह यादव ( झांसी) : देश के विभिन्न क्षेत्रों में निवास कर रही सहरिया जाति के अनुसूचित जनजाति के लोगों का जीवन उत्यंत कष्टपूर्वक है ये आदिवासी देश वन क्षेत्रों में अपना जीवन-यापन कर रहे थे। अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत आदिवासी अधिनियम 2006 का उद्द्देश्य बन अधिकारों से वंचित किए आदिवासियों को बन उपज पर तथा काबिज भूमि पर अधिकार दिलवाना है। जबकि बन कानूनों के अंतर्गत अब कोइ भी आदिवासी या जनजाति वन क्षेत्रों के भीतर नहीं रह सकती। मेरे संसदीय क्षेत्र के 70.000 से एक लाख के बीच सहरिया जाति के लोगों को वन से बाहर कर दिया गया है। उन्हें अनुसूचित आदिवासी अधिनियम के अधिकार नहीं मिल रहे है और न ही वन अधिकार अधिनियम 2006 का लाभ मिल रहा है। पहले ये लोग अनुसूचित जाति में आते थे अब इन्हें अनुसूचित जनजाति में शमिल कर लिया गया है।
मैं सदन के माध्यम से अनुरोध करता हूं कि मेरे संसदीय क्षेत्र के ललितपुर जिले में रह रहे सहरिया जाति के लोगों को वन क्षेत्र में रहने की व्यवस्था की जाए या बाहर रह कर भी उन्हें अनके अधिकार सुनिश्चित कराए जाएं।