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Need To Ensure The Security And Dignity Of Dalits In Haryana. on 30 April, 2010

Lok Sabha Debates
Need To Ensure The Security And Dignity Of Dalits In Haryana. on 30 April, 2010


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Title: Need to ensure the security and dignity of dalits in Haryana.

श्री पन्ना लाल पुनिया (बाराबंकी):अध्यक्ष महोदया, मैं आपका आभारी हूं कि आपने मुझे इस महत्वपूर्ण विषय पर बोलने का अवसर दिया। यह दलितों की सुरक्षा, दलितों के मान-सम्मान से संबंधित विषय है। आजादी के 63 साल बाद भी दलितों पर जातिगत भावना से प्रेरित अत्याचार की घटनाओं में कमी नहीं हो रही है। हरियाणा में मिर्चपुर कांड से पैदा हुआ तनाव अभी खत्म नहीं हुआ था जहां एक सप्ताह पहले एक दलित पिता-पुत्री को जिन्दा जला दिया गया, 100 दलित घरों को आग की भेंट चढ़ा दिया गया था। श्री राहुल गांधी कल उस गांव में गये थे ताकि  उन दलितों को कुछ सांत्वना दे सकें, उनके दुख-सुख में शामिल हो सकें।

          अध्यक्ष महोदया, अभी दो दिन पहले अम्बाला जिला में सोहाता गांव में  दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर मन्दिर में मत्था टेकने से वहां के दबंगों द्वारा रोका गया तथा मारपीट की गई। यह परम्परा है कि  अपने गांव में बारात प्रस्थान होने से पहले दूल्हा अपने  परिजनों और अपने सगे-संबंधियों के साथ मन्दिर में मत्था टेकने जाता है। मान्यता यह भी है कि बारात जाने से पहले मत्था टेककर प्रस्थान करने से बारात इज्जत के साथ बिना किसी विघ्न के दुल्हन दूल्हे के घर  के आंगन में आती है। अत्यंत खेद का वि­ाय है कि दलितों की बारात को दबंगों द्वारा रोककर उनके साथ मारपीट की गई जिसमें दूल्हे सहित अन्य परिजन घायल हुये। पुलिस ने खानापूर्ति करते हुये 21 लोगों के खिलाफ एस. सी. एस.टी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया लेकिन अभी तक किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही कोई  प्रभावी कार्यवाही की गई है। हरियाणा में जातिगत भावना  को लेकर अनेक प्रकार की घटनायें घटित होती रहती हैं।  वहां पर खाप पंचायतें कानून अपने हाथ में लेकर सामान्तर सरकार चला रही है।  पता नहीं, हरियाणा में हम किस युग में रह रहे हैं?

          अध्यक्ष महोदया, मैं आपके माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्­िात करना चाहता हूं कि इन घटनांओं को अत्यंत गम्भीरता से लिया जाये और इस  प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये नया कानून बनाकर कठोर दंड का प्रावधान किया जाये।   राज्य सरकारों को ऐसे मामलों में कोई भी ढ़िलाई न बरतने के निर्देश दिये जायें। इसके साथ-साथ मैं यह भी आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि समाज में दलितो के प्रति भावना बदलनी चाहिए। यहां तक कि गुजरात के मुख्यमंत्री दलितों के प्रति क्या भावना रखते हैं, उसका उल्लेख उन्होंने अपनी खुद की लिखी हुई किताब में किया हुआ है। यह बहुत निन्दनीय है।…( व्यवधान) अगर संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति इस तरह की धारणा रखते हैं तो वह निन्दनीय है। भविष्य में इस तरह का प्रावधान करना चाहिए कि जो भी दलितों के प्रति इस तरह की भावना रखते हैं, वह संविधान के खिलाफ है और उन्हें चुनाव लड़ने या इस तरह के संवैधानिक पद होल्ड करने से वंचित किया जाना चाहिए। इस तरह की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए।

          महोदया, मैं आपके माध्यम से आग्रह करता हूं कि उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। धन्यवाद।…( व्यवधान)

 

श्री खिलाड़ी लाल बैरवा (करौली धौलपुर): महोदया, मैं अपने को श्री पन्ना लाल पुनिया जी के मुद्दे से सम्बद्ध करता हूं।

अध्यक्ष महोदया : श्री खिलाड़ी लाल बैरवा और

श्री रतन सिंह  श्री पन्ना लाल पुनिया द्वारा उठाए गए विषय से अपने को संबद्ध करते हैं।  

…( व्यवधान)

अध्यक्ष महोदया :  अब श्रीमती मीना सिंह जी को बोलने दीजिए।

…( व्यवधान)

श्रीमती मीना सिंह (आरा):महोदया, आपने मुझे लोक महत्व के इस विषय को शून्य काल में उठाने की अनुमति प्रदान की।…( व्यवधान)

अध्यक्ष महोदया : एक महिला बोल रही हैं, आप उन्हें सुनिये।

…( व्यवधान)

अध्यक्ष महोदया : रघुवंश प्रसाद जी, आपका माइक ठीक है और वह काम करता है। आप बैठ जाइए। आप चाहें तो अपने को इससे जोड़ लीजिए।

…( व्यवधान)

MADAM SPEAKER: Nothing will go on record.

(Interruptions) …*

अध्यक्ष महोदया : आप उन्हें बोलने दीजिए।