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Title: Need to formulate a scheme for providing literacy among SCs and STs.
श्री महेश कनोडीया (पाटन) : àÉcÉänªÉ, यद्यपि देश के शिक्षण बोर्डो और विश्वविद्यालयों के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि लड़कों की तुलना में लड़कियां कहीं आगे हैं, किंतु बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में भी लड़कों की तुलना में लड़कियां अधिक हैं। एक राष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार ६ से १४ साल तक की आयु वर्ग २१ करोड़ ६८ लाख बच्चों में से एक करोड़ ५४ लाख बच्चे स्कूल से बाहर हैं। इन २१ करोड़ ६८ लाख बच्चों में से ११ करोड़ ७४ लाख लड़के और ९ करोड़ ९४ लाख लड़कियां थीं। इनमें से विद्यालय से बाहर होने वाले लड़कों की संख्या ७५ लाख ५० हजार थी और लड़कियां की संख्या ७८ लाख ६९ हजार से ६३ लाख ७८ हजार लड़के स्कूल नहीं जा रहे और ७ करोड़ ४९ लाख लड़कियों में से ६८ लाख ५३ हजार लड़कियां स्कूल से बाहर हैं। यहां मैं यह भी उल्लेख करना चाहूंगा कि स्कूल न जाने वाले बच्चों में सबसे अधिक बच्चे अनुसूचित जनजाति के हैं जिनकी संख्या प्रति हजार ११९ और अनूसुचित जाति के ८९ हैं।
अत: मैं माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री जी से मांग करता हूं कि सरकार कोई ऐसी योजना बनाये ताकि अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के इन बच्चों को भी स्कूल जाने का अवसर मिल सके।