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Title: *Need to improve the conditions of roads, particularly of NH-77 in Northern Bihar.
(सीतामढ़ी): अध्यक्ष महोदय, आज मानवाधिकार दिवस के अवसर पर बिहार के एन.एच. ७७ पुर कटोझापुर के निकट श्री शशि शेखर के नेतृत्व में सैंकड़ों किसान, मजदूर आमरण अनशन पर बैठे हैं। मैं आपके माध्यम से सरकार का ध्यान इस तरफ खींचना चाहता हूं कि पूरे बिहार में इस एन.एच. पर, राष्ट्रीय उच्च पथ के निर्माण में सरकार विफल रही है। एन.एच. ७७ और एन.एच. १०४ उत्तर बिहार की लाइफ लाइन है। पिछले साल बिहार सरकार को १०५ करोड़ रुपये मिले थे।
उसमें से ४५ करोड़ रुपये खर्च हुए और ६० करोड़ रुपये लैप्स हो गए। वहां बसतपुर, वनस्पट्टी, कटौझा एवं मकसूदपुर में बड़े पुल की आवश्यकता है। एन.एच.-१०४ चारौत, सुरसन, गिठामूल, सीतामढ़ी, शिवहर और डुबापुल के बिना साल में छ: महीने लोग परेशान रहते हैं। सैंकड़ों लोग हर वर्ष पानी में डूबकर मर जाते हैं। लोगों का डूबना मानवाधिकार का मामला है।…( व्यवधान)आज सैंकड़ों लोग संघर्ष यात्रा के संयोजक श्री शशि शेखर एवं विधान परिषद सदस्य श्री देवेश चंद्र के नेतृत्व में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।…( व्यवधान)यह मामला मानवाधिकार का है।…( व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय : श्री भान सिंह भौरा जो कहेंगे, वही रिकार्ड में जाएगा बाकी किसी का रिकार्ड में नहीं जाएगा।
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अध्यक्ष महोदय : भौरा जी, आप बोलिए। आपका ही रिकार्ड में जाने वाला है, बाकी किसी का नहीं जाने वाला है।
…( व्यवधान)