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Title: Need to issue clear cut instructions to States for providing reservations to Scheduled Castes & Scheduled Tribes in jobs as per the provisions made in article 16 (4A) of the Constitution.
श्री अर्जुन राम मेघवाल (बीकानेर):देश की सबसे बड़ी कानून बनाने की संस्था संसद है तथा संसद द्वारा बनाये गये कानूनों की व्याख्या करने का अधिकार माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय को है। भारत के सबसे बड़े कानून संविधान में संसद द्वारा राज्यों की सहमति से 77वां एवं 85वां संविधान संशोधन कर अनुच्छेद 16(4ए) जोड़ा गया है। तब इसे लागू करने एवं प्रभावी बनाने के लिए शर्तें तय करने का अधिकार माननीय उच्चतम न्यायालय को या किसी राज्य के उच्च न्यायालय को नहीं होना चाहिए। एम. नागराज के प्रकरण में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए पदोन्नति में संविधान प्रदत्त आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए जो शर्तें तय की गईं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को संविधान के अनुच्छेद 16(4ए) का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति में क्रीमी – लेयर की अवधारणा विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। अतः मैं आपके माध्यम से भारत सरकार की विधि एवं न्याय मंत्री एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री से अपील करता हूं कि संविधान के अनुच्छेद 16(4ए) का लाभ उपलब्ध करवाने के लिए संबंधित राज्यों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करावें।