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Title: Need to permit Government of Rajasthan to utilize the balance sanctioned amount for completion of Mewar Complex project in the State.
श्रीमती किरण माहेश्वरी (उदयपुर) : अध्यक्ष महोदय, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा मेवाड़ काम्पलैक्स से संबंधित कार्यो के लिए वर्ष १९९८-९९ एवं १९९९-२००० में ३ करोड़ रूपये तीन किस्तों में स्वीकृत किए गए थे। लेकिन इस राशि में से २.८ करोड बिना उपयोग के बचे हुए हैं क्योंकि भारत सरकार ने राजस्थान सरकार को निर्देशित किया था कि बिना केन्द्र सरकार के वशिष्ट अनुमोदन के आगे कोई खर्च न किया जाये।
इस संदर्भ में केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के स्तर पर अक्तूबर, २००३ में बैठक हुयी, जिसमें राजस्थान सरकार के पर्यटन सचिव ने भी भाग लिया था, उसमें सिद्धान्त: यह सहमति हुयी कि राज्य सरकार उक्त शेष उपलब्ध राशि से अपूर्ण कार्या को पूर्ण करा सकेगी। तद्नुसार, नविदाएं आमंत्रित की गयी थी, फिर भी संस्कृति विभाग, भारत सरकार ने अपने पत्र दिनांक ३१.१२.२००३ द्वारा राज्य सरकार को शेष राशि लौटाने हेतु लिखा। इस पर ८ अप्रैल, २००४ को आहुत एक बैठक में पुनर्विचार किया गया, जिसमें सहमति हुयी कि राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत सरकार द्वारा करवाये जा रहे हैं, उनको छोड़ते हुए शेष कार्यो के लिए यह राशि उपयोग में ली जावे। इस स्कीम में महाराणा प्रताप की जीवनी से जुड़े निम्न स्थलों के विकास हेतु १२.४४ करोड़ रूपये की योजना बनायी गयी है।
1. हल्दीघाट ( जहां पर लड़ाई लड़ी गयी)
2. गोगुन्दा ( जहां पर राज्याभिषेक किया गया)
3. चांवड ( महाराणा प्रताप ने जहां वीरगति प्राप्त की)
सदन के मार्फत मेरा माननीया पर्यटन मंत्री से अनुरोध है कि राज्य सरकार को अपूर्ण कार्यो को पूरा करने के लिए शेष राशि को व्यय करने हेतु सहमति दी जाये तदैव केन्द्र सरकार द्वारा प्रताप स्मारक हल्दीघाटी में जो वशिष्ट कार्य किए जा रहे हैं, उसे अतिशीघ्र पूरा किया जाये एवं वर्ष २००४-०५ के लिए पर्यटन विकास प्रस्ताव पारित किया जाये।