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Title : Need to retain earlier policy of Coal India Limited providing for land and employment to the displaced people in Jharkhand.
श्री टेक लाल महतो (गरिडीह) : सभापति महोदय, शायद आप अवगत होंगे कि झारखंड राज्य में वभिन्न कोयला, खान, विद्युत, सीमेंट, इस्पात उद्योगों की स्थापना और आधुनिकीकरण तथा नगरीय विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन के कारण सबसे ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, जिनकी संख्या करीब ५८ लाख है। इन विस्थापित हुए लोगों में से ७० फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनका पता न तो राज्य सरकार के पास है और न ही केन्द्र सरकार के पास है। मुझे पता चला है कि विस्थापितों के नियोजन तथा पुनर्वास हेतु कोल इंडिया लमिटेड ने नई नीति तैयार की है। इस नीति के अनुसार विस्थापित परिवार को प्रति दो एकड़ सिंचित जमीन तथा तीन एकड़ प्रति गैर-सिंचित जमीन पर एक व्यक्ति को नौकरी तथा विस्थापित परिवार को ५ डिसमिल जमीन या ५० हजार रुपये नगद दिया जाएगा। अब तक जमीन पर एक व्यक्ति के रोजगार तथा विस्थापित परिवार को पुनर्वास हेतु पूरा मुआवजा दिया जाता था। इस नई नीति के कारण कोल इंडिया लिमेटेड की सी.सी.एल. तथा बी.सी.सी.एल. एवं अन्य कोयला कंपनियों के विस्थापितों में भयंकर असंतोष है।
सदन के माध्यम से मेरा अनुरोध है कि झारखंड क्षेत्र के तमाम विस्थापित परिवार के प्रत्येक इकाई को तत्काल नौकरी, पुनर्वास हेतु मकान के बदले मकान, जमीन के बदले जमीन, उचित मुआवजा और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं। ऐसा नहीं होने के कारण ही इस क्षेत्र में वधि-व्यवस्था की स्थिति काफी नाजुक एवं खराब बनी हुई है, इसमें त्वरित सुधार की आवश्यकता है।
Shri K. Yerrannaidu – Not Present.