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Title : Need to review and enhance the rate of royalty on major minerals like Gold, Diamond, Coal, Zinc, Copper and Tin etc.
श्री पुन्नू लाल मोहले (बिलासपुर) : माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं खनिजों की रायल्टी बढ़ाने और पुनरीक्षित करने के संबंध में कहना चाहूंगा। वर्तमान में तांबा, जस्ता. टिन जैसी धातुओं और सोना, हीरा आदि बहुमूल्य खनिजों की रायल्टी दरें इन धातुओं के बाजार मूल्य के एक प्रतिशत के आधार पर निर्धारित की जाती है लेकिन कोयले के अतरिक्त लौह अयस्क और लाइम स्टोन की दरें बाजार मूल्य के प्रतिशत के आधार पर निर्धारित नहीं की जाकर रुपए प्रति टन के मान से निर्धारित है। इसका परिणाम यह होता है कि जब इन खनिजों का बाजार मूल्य बढ़ता है तो राज्य सरकारों को प्राप्त होने वाली रॉयल्टी उसी अनुपात में नहीं बढ़ती है। उदाहरण के लिए लौह अयस्क का वर्तमान बाजार मूल्य रुपए १००० से १५०० प्रति टन के लगभग है लेकिन राज्य सरकार को रॉयल्टी केवल ११ रुपए से २५ रुपए प्रति टन के लगभग प्राप्त हो रही है। इसके कारण छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों रुपए का घाटा हो रहा है। जब लौह अयस्क का बाजार मूल्य ५०० रुपए प्रति-टन था तब भी रॉयल्टी की राशि यही थी। मैं केन्द्र सरकार से मांग करना चाहूंगा कि इसकी रॉयल्टी दर बढ़ायी जाए। इसकी तीन वर्ष की काल अवधि होती है। तीन वर्ष से ज्यादा हो जाएं तो भी इसका रेट नहीं बढ़ता। इसके कारण छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों रुपए का प्रति वर्ष घाटा हो रहा है। मैं भारत सरकार के समक्ष इस विषय को उठाना चाहता हूं। रॉयल्टी दरें बाजार मूल्य के प्रतिशत के आधार पर निर्धारित की जाए। योजना आयोग ने केन्द्रीय खान और कोयला मंत्रालय को भी यही परामर्श दिया है। मैं केन्द्र सरकार से मांग करूंगा कि उपरोक्त खनिजों की रॉयल्टी दरें बढ़ायी जाएं और पुनरीक्षित की जाएं।