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Title: Need to review the decision to accord environmental clearance to nuclear power plants to be set up in Chandrapur and Nagpur regions of Maharashtra.
श्री हंसराज गं. अहीर (चन्द्रपुर): सभापति महोदय, मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मुझे बोलने का मौका दिया है।
महाराष्ट्र में चन्द्रपुर मेरा निर्वाचन क्षेत्र है जो एक बहुत बड़ी औद्योगिक नगरी है। यहां की एक बहुत बड़ी समस्या विगत लोकसभा में भी उठा चुका हूं जिसका कुछ असर भी हुआ था। यहां पर प्रदूषण इतना बढ़ा हुआ है कि उसका कुछ अनुमान बताना चाहता हूं। केन्द्रीय पर्यावरण और प्रदूषण बोर्ड ने भी उसकी एक रिपोर्ट बनायी है। उसने ऐसे दस शहरों को चुना है, उसमें मेरा चन्द्रपुर क्षेत्र भी है। चन्द्रपुर का क्रम देश के दस शहरों में से चौथे स्थान पर है। अभी प्रधानमंत्री जी यहां नहीं हैं लेकिन मैं आपके माध्यम से सरकार को बताना चाहूंगा कि इस प्रदूषण से मेरे शहर चन्द्रपुर के नागरिकों का जीना हराम हो गया है और अनेक बीमारियों से पीड़ित हैं। अगर आज भी वहां कोई बच्चा पैदा होता है तो बीमार सा होता है…( व्यवधान)
MR. CHAIRMAN : Mr. Narayanasamy, please take a note of it. The point is very important. Please take it up with the Minister of Environment.
श्री हंसराज गं. अहीर: सभापति जी, इसके पहले भी चन्द्रपुर के बारे में अमरीका के नासा संस्थान की एक रिपोर्ट छपी थी। उसमें इसका उल्लेख हुआ है। उन्होंने ओजोन मौनिटरिंग सिस्टम से यह रिपोर्ट बनायी थी कि यहां पर यानी चन्द्रपुर परिसर में एसिड के बादल होने की आशंका जतायी थी। इसके साथ जर्मनी की सैटेलाईट ने भी यह रिपोर्ट सरकार को भेज दी है कि यहां प्रदूषण के इतने प्रमाण होने के बावजूद यहां एक बड़ी घटना हो रही है। राज्य सरकार बार बार यहां पॉवर प्लांट लगाये जाने की अनुमति देती जा रही है। आज की स्थिति में देश का सब से बडा पॉवर प्लांट चन्द्रपुर में है जो 2400 मेगावाट बिजली पैदा करता है। इसके अलावा और भी छोटे पॉवर प्लांट्स यहां पर हैं। वहां सीमेंट के प्लांट हैं…( व्यवधान)
सभापति महोदय : यह मुम्बई से कितनी दूर है?
श्री हंसराज गं. अहीर: यह आध्र प्रदेश के बॉर्डर पर नागपुर से आगे है। वहां कोयले की 27 बड़ी खानें हैं। बड़ी पार्टी की सीमेंट की इंडस्ट्रीज हैं, वहां कोल वाशरीज भी हैं। पेपर मिल भी है क्योंकि बांस का ज्यादा उत्पादन होता है। इसके अलावा स्टील प्लांट्स भी हैं.। हम इतनी सारी इंडस्ट्रीज का विरोध नहीं करेंगे। जितनी इंडस्ट्रीज वहां हैं, वे सब कोल बेस्ड हैं। वहां करीब 60 हजार मीट्रिक टन कोयला हर रोज उस ऐरिया में जलता है और इन सारी बातों को सुनकर हमने श्री जयराम रमेश, पर्यावरण मंत्री जी से विनती की थी। उन्होंने पिछले जनवरी और फरवरी में विज़िट की थी। इसके बाद वहां के जितने एनजीओज हैं, उन से मीटिंग की और फिर यह निर्णय लिया था कि इसके बाद यहां एक भी उद्योग नहीं लगाया जायेगा। माननीय मंत्री जी ने हमें वहां आश्वस्त किया था कि नया पावर प्लांट जो कोल बेस्ड होगा, नहीं लगाया जायेगा और अनुमति देने से पहले जितने प्रस्ताव होंगे, उन पर पहले विचार किया जाएगा और जितने प्रस्ताव आये हैं, उन्हें ठंडे बस्ते में रख दिया जायेगा।
सभापति महोदय, माननीय मंत्री जी के कहने के बाद भी कई निजी पावर प्लांट लगाये जाने की
अनुमति मिली है। वहां ऐसे चार निजी पावर प्लांट का काम शुरु हो गया है। राज्य सरकार ने ऐसे 26 और पावर प्लांट लगाये जाने के प्रस्ताव भेजे हैं। यह बहुत ही गम्भीर मामला है। वहां के नागरिकों का जीना मुश्किल हो जाएगा। मुझे वहां इसके गम्भीर परिणाम दिखाई दे रहे हैं। इससे वहां वाटर पौल्यूशन होगा, अगर एक ही नदी पर 25-25 पावर प्लांट बनायेंगे तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी होगी। इसलिये मैं आपके माध्यम से सरकार से विनती करूंगा कि वहां पर कोई नया पॉवर प्लांट न आये। मेरे जिले में किसी और जगह पर पॉवर प्लांट लगाया जा सकता है, जिसे राज्य सरकार भेजे। मेरे क्षेत्र में 70 किलोमीटर की दूरी पर नदी है…( व्यवधान)
सभापति महोदय : अहीर जी, हमारे क्षेत्र में एक पॉवर प्लांट रुका है, उसके लिये आन्दोलन हो रहा है। हमारे वहां भी कोयला ज्यादा है।
श्री हंसराज गं. अहीर :महोदय, मैं सरकार से और पर्यावरण मंत्री जी से विनती कर रहा हूं कि इसके बाद वहां किसी भी पावर प्लांट को एनओसी, मान्यता न दें। मैं आपके माध्यम से यह विनती करता हूं।
THE MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PLANNING AND MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PARLIAMENTARY AFFAIRS (SHRI V. NARAYANASAMY): Mr. Chairman, Sir, you are kind enough to observe that. It is because, he has mentioned that the power plants are coming there and, therefore, environmental problem is being faced, I will convey the sentiment of the hon. Member, as far as Chandrapur is concerned, to the Environment and Forests Minister to look into the matter and try to ensure that the environmental pollution is not there in that area.