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Need To Set Up A Statue Of A Farmer In Front Of The Main Gate Of … on 20 December, 2005

Lok Sabha Debates
Need To Set Up A Statue Of A Farmer In Front Of The Main Gate Of … on 20 December, 2005

Title : Need to set up a statue of a farmer in front of the main gate of Parliament.

श्री हंसराज जी.अहीर (चन्द्रपुर) : सभापति जी, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। भारत कृषि प्रधान देश है जिसे हम सदन में बार-बार दोहराते आ रहे हैं।सांसदगण किसान और कृषक परिवार से होते हुए भी, हम और हमारी सरकार द्वारा कृषि को जितना महत्व दिया जाना चाहिए था, उतना नहीं दिया गया है।यह हम सभी लोगों की चिन्ता का विषय है। किसान खेती को घाटे का व्यवसाय मानकर कृषि क्षेत्र से हटना चाहते हैं। देश में अनेक स्थानों पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जिस देश में कृषि को एक समय व्यवसायों में प्रथम स्थान प्राप्त था, आज वहीं का किसान उस क्षेत्र में काम नहीं करना चाहता है। खेती और किसानों की दुर्दशा के अनेक कारण हो सकते हैं, मैं उन कारणों पर नहीं जाना चाहता हूँ, लेकिन इस दुरावस्था, दुर्दशा को समाप्त करने की जिम्मेदारी हम सभी सांसदों, इस सभा और सरकार की है। आज भी इस देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि को ही माना जाता है। लेकिन हम किसानों के दुख और गरीबी को नष्ट नहीं कर सके हैं। उनकी गरीबी दूर करने, उन्हें समृद्ध बनाने की हमारी जिम्मेदारी को देखते हुए, उनके दुख और गरीबी को कम करने हेतु किसान और कृषि पर इस सभा में ज्यादा समय देने, सरकार के माध्यम से प्रभावी कदम उठाने तथा सदन में किसानों के प्रति प्राथमिकता देने हेतु, मैं आपके माध्यम से मांग करता हूँ कि …( व्यवधान) 

MR. CHAIRMAN : You can lay it on the Table.

श्री हंसराज जी.अहीर : मैं मांग करता हूँ कि सदन में, जो कि देश का सर्वोच्च सभागृह है, हाउस के सामने किसान की एक प्रतिमा द्वार पर बनाई जाए ताकि सदन में आते समय हर सांसद यह समझे कि मेरी प्राथमिकता किसान है, कृषि क्षेत्र है जिन्होंने हमें यहां चुनकर भेजा है। मैं ऐसा मानता हूँ कि इससे किसानों की आत्महत्या रूकेगी और कृषि क्षेत्र का विकास होगा। मैं आपके माध्यम से पुन: यह मांग करता हूँ कि किसान की एक प्रतिमा इस सभागृह के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बनाई जाए[R82] ।

 

MR. CHAIRMAN : Now, all the names in the list is exhausted. There are three more notices received after 9.30 a.m. For the time being, I shall call those names.