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Title: Regarding agitation and unrest in Darjeeling on demand for a separate Gorkhaland.
श्री मनोहर तिरकी (अलीपुरद्वार): सभापति महोदय, मैं आपके माध्यम से सदन का ध्यान दार्जिलिंग की वर्तमान बिगड़ती हुई गम्भीर आर्थिक और राजनैतिक परिस्थितियों की ओर आकृष्ट करना चाहता हूं। मैं केन्द्रीय सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस विश्वविख्यात शैल शहर को बचाने की प्रक्रिया शीघ्र चालू की जाए।
महोदय, विगत तीन सालों से दार्जिलिंग की वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के हिंसापूर्ण और अगणतांत्रिक आंदोलन चलाने से पूरा पहाड़ और समतल अस्त व्यस्त हो गई है। लगातार बंद करना, विरोधी दलों को राजनैतिक कार्यक्रमों में भाग न लेने देना, उनके घरों को जला देना, जन प्रतिनिधियों का दार्जिलिंग प्रवेश में बाधा देना, खुले आम नेताओं की हत्या, स्थानीय निकायों, पंचायत, म्यूनिसिपालिटी चुनाव रोकना, सविधान के खिलाप काम करना, किसी तरह का टैक्स न देना, हर सरकारी आफिस को बंद कर देना और विकास के सभी कामों को बंद कर देने से जन जीवन परेशान है।
दार्जिलिंग का मुख्य उद्योग पर्यटन और चाय है, जो कि बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। तिस्ता हाइडल प्रोजेक्ट निर्माण का काम रोक दिया है, जिससे निर्माण खर्चा दिन पर दिन बढ़ रहा है। वहां स्कूल-कालेजों में पढ़ने के लिए देश भर के विद्यार्थी आते हैं। उनकी पढ़ाई बंद होने जा रही है। जी.एल.पी. (गोरखा लैंड पर्सनल) के नाम पर समानान्तर पुलिस तैयार कर प्रशासन अपने हाथों में ले रखा है।
इस आंदोलन को दार्जिलिंग पहाड़ से हटाकर समतल के दुवार्स में लाया गया है। जिससे गोरखा और आदिवासी, बंगाली, बिहारी, राजवंशी तथा अन्य जातियों में तनाव फैल गया है। इतने दिनों का सौहार्द भ्रातृत्व बोध को भयंकर साप्रदायिक भेदभाव में बदला जा रहा है।
महोदय, राज्य सरकार हमेशा से ही भारतीय नेपाली लोगों तथा पिछड़े सप्रदायों के विकास के लिए वचनबद्ध है। पहाड़वासियों की भावनाओं को मर्यादा देते हुए दार्जिलिंग गोरखा हिल कौंसिल गठित की गई थी। लेकिन गोरखा हिल कौंसिल दार्जिलिंग की मूलभूत समस्याओं का निदान नहीं कर पाई है। फिर से विकास के लिए क्षमताशील विकल्प व्यवस्था ग्रहण की जाए, इस बारे में चर्चा चलाई जा रही है।
हम छोटे-छोटे राज्यों के गठन के पक्ष में नहीं हैं। हमारा अनुभव छोटे राज्यों जैसे झारखंड, मेघालय, नागालैंड इत्यादि राज्यों का है। केन्द्र सरकार त्रिपक्षीय वार्ता के लिए आमंत्रण कर दार्जिलिंग में शीघ्र शांति कायम करे, यही मेरा निवेदन है।