Title: Regarding confusion over jurisdiction between Chhattisgarh and Madhya Pradesh to deal with the Naxalites in these states.
(बालाघाट): सभापति महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहता हूं और आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि आतंकवाद पर यह सदन सदैव विचार करता रहा है । परंतु अभी जो परिस्थितियां हैं उनमें पूवार्ंचल, जम्मू-कश्मीर और बिहार में दर्जनों की संख्या में हत्याएं होती हैं । लगता है कि जहां पर लोग अधिक संख्या में मारे जाते हैं, अब वही मामला गम्भीर रह गया है, परंतु मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं। मैं छत्तीसगढ़ के बॉर्डर के नजदीक मध्य प्रदेश से आता हूं । छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शांत क्षेत्र माने जाते थे । परंतु आज वहां जो परिस्थिति बन रही है उस परिस्थिति में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर जहां मेरा बालाघाट जिला है, वहां नक्सलवादियों ने एक बस को जला दिया । बस को जलाना महत्वपूर्ण बात नहीं है । परंतु जब यह बस जलाई गई थी तो उस समय मध्य प्रदेश के गृह मंत्री, गृह सचिव और डी.सी.पी. वहां से चार किलोमीटर की दूरी पर एक पुलिस चौकी का मुआयना कर रहे थे। दिन के साढ़े तीन बजे यह घटना घटी । छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सरकार पांच दिनों तक यह फैसला नहीं कर सकीं कि आखिर किस राज्य में यह घटना घटी । वह जली हुई बस खड़ी रही और रास्ता बंद रहा । वहां नक्सलवादियों ने बैनर लगा गिया, पर्चे गिरा दिये, परंतु वहां यह देखने वाला कोई नहीं था । छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री बालाघाट एक सार्वजनिक कार्यक्रम में आते हैं, लेकिन घटनास्थल पर नहीं जाते हैं । मध्य प्रदेश सरकार का कोई प्रतनधि वहां नहीं जाता है । मेरा आपके माध्यम से आग्रह है कि मैंने केन्द्र सरकार के संज्ञान में यह बात ला दी है । मेरा कहने का आशय यह है कि पूर्वाचंल…( व्यवधान)
सभापति महोदय : आप अपनी बारी आने पर बोलिये, बीच में खड़े मत होइये…( व्यवधान)
सभापति महोदय : माननीय सदस्य अपना आसन ग्रहण करें, आपकी बात आ गई है।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : एक संसद सदस्य होने के नाते मेरा केन्द्र सरकार से आग्रह है कि वह इस मामले में उदासीनता न दिखाकर सक्रियता का परिचय दे, यही मैं कहना चाहता हूं।
श्री राजीव प्रताप रूडी (छपरा): सभापति जी, मेरा एक पॉइंट ऑफ ऑर्डर है।
सभापति महोदय : जीरो अवर में कोई पॉइंट ऑफ ऑर्डर नहीं होता। आप पुराने सदस्य हैं। बैठ जाइए।