Title: Regarding functioning of fast track courts.
श्री रामजीलाल सुमन (फ़िरोज़ाबाद) : +ÉvªÉFÉ àÉcÉänªÉ, nä¶É BÉEä ãÉÉäMÉÉå BÉEÉä ºÉºiÉÉ +ÉÉè® ºÉÖãÉ£É xªÉÉªÉ ={ÉãɤvÉ cÉäxÉÉ SÉÉÉÊcA, ãÉäÉÊBÉExÉ AäºÉÉ xÉcÉÓ cÉä ®cÉ cè* ÉÊVÉãÉÉ xªÉɪÉÉãÉªÉ ºÉä ãÉäBÉE® =SSÉiÉàÉ xªÉɪÉÉãÉªÉ iÉBÉE ABÉE +ÉÉBÉEãÉxÉ BÉEä +ÉxÉÃÖºÉÉ® ãÉMÉ£ÉMÉ fÉ<Ç BÉE®Éä½ ´ÉÉn càÉÉ®ä nä¶É àÉå ãÉÆÉʤÉiÉ cé* <xÉBÉEä ¶ÉÉÒQÉ ÉÊxɺiÉÉ®hÉ BÉEä ÉÊãÉA 2002 àÉå ABÉE ªÉÉäVÉxÉÉ ¤ÉxÉÉ<Ç MÉ<Ç +ÉÉè® ªÉc ºÉÖÉÊxÉÉζSÉiÉ ÉÊBÉEªÉÉ MɪÉÉ ÉÊBÉE ´ÉÉnÉå BÉEä ºÉÖÉÊxÉÉζSÉiÉ ÉÊxɺiÉÉ®hÉ BÉEä ÉÊãÉA {ÉEɺ] ]ÅèBÉE +ÉnÉãÉiÉå ¤ÉxÉÉ<Ç VÉÉAÆ* 11´Éå ÉÊ´ÉkÉ +ÉɪÉÉäMÉ àÉå 502 BÉE®Éä½ âó{ɪÉä BÉEÉ |ÉÉ´ÉvÉÉxÉ <ºÉBÉEä ÉÊãÉA ÉÊBÉEªÉÉ +ÉÉè® ªÉc ºÉÖÉÊxÉÉζSÉiÉ ÉÊBÉEªÉÉ MɪÉÉ ÉÊBÉE 1734 {ÉEɺ] ]ÅèBÉE +ÉnÉãÉiÉå càÉÉ®ä nä¶É àÉå ºlÉÉÉÊ{ÉiÉ BÉEÉÒ VÉÉAÆMÉÉÒ ÉÊVÉxÉàÉå ºÉä 1699 +ÉnÉãÉiÉå +É£ÉÉÒ iÉBÉE ºlÉÉÉÊ{ÉiÉ cÖ<Ç cé* ó{É® ´ÉÉnÉå BÉEÉ ÉÊxɺiÉÉ®hÉ cÖ+ÉÉ* VÉÉä vÉxÉ®ÉÉ榃 11´Éå ÉÊ´ÉkÉ +ÉɪÉÉäMÉ xÉä º´ÉÉÒBÉEÉ® BÉEÉÒ lÉÉÒ, ´Éc 31 àÉÉSÉÇ, 2005 iÉBÉE ºÉàÉÉ{iÉ cÉä MÉ<Ç*
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*Not Recorded.
१२वें वित्त आयोग ने इस योजना को जारी रखने के लिए धन की कोई व्यवस्था नहीं की है । सबसे दुखद बात यह है कि उस पर कानून मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से आग्रह नहीं किया कि इस योजना को जारी रखने के लिए अतरिक्त धन की आवश्यकता है । बाद में उच्चतम न्यायालय ने एक जनहित याचिका ऑल मीडिया जरनलिस्ट ऐसोशियेशन के द्वारा दायर की और इसको स्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि इन अदालतों को ३० अप्रैल २००५ तक चलने दिया जाए तथा सरकार इनके भावी संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करे । इसी बीच वघि एवं न्याय मंत्रालय की जो स्थायी समति है, उस स्थायी समति ने भी सरकार की आलोचना की और यह कहा कि यह लाभप्रद योजना है, इसे जारी रखा जाना चाहिए । सरकार जब तक आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं करती तब तक राज्य सरकारों को इनका खर्चा वहन करना चाहिए ।
अध्यक्ष महोदय, हमारे देश के वभिन्न राज्यों में २८ फास्ट ट्रैक अदालतें हैं और मैं समझता हूं कि इन अदालतों के बनने के बाद देश में जो लंबित वाद थे, उनके निस्तार में काफी हद तक मदद हुई है । इस सरकार ने अतरिक्त धन की व्यवस्था नहीं की है और ३० अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन अदालतों को जारी नहीं रखा जा सकता है । मैं आपकी मार्फत सरकार से विनम्र आग्रह करता हूं कि इन फास्ट ट्रैक अदालतों के काफी अच्छे परिणाम आए हैं । इन अदालतों को जारी रखा जाए जिससे लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके और इस देश में करोड़ों की संख्या में जो वाद लंबित हैं, उनका निस्तारण हो सके ।