Title: Regarding internal security of the country facing a threat due to increasing naxalites and ISI activites in Madhya Pradesh.
(बालाघाट): उपाध्यक्ष महोदय, मैं आंतरिक सुरक्षा को लेकर यह मामला उठा रहा हूं। आंतरिक सुरक्षा को खतरा एक ऐसे प्रदेश से हुआ है जिसका इतिहास एक शान्तिप्रिय क्षेत्र रहा है और जहां कभी संगठित अपराध नही हुये हैं। जहां एक तरफ नक्सलवाद की बढ़ती हुई घटनायें तो दूसरी तरफ रविवार के दिन इलैक्ट्रोनिक मीडिया ने आई.एस.आई. की गतवधियों की पूरी रिपोर्ट दी है जो इस सदन की जानकारी में आनी चाहिये। सन् १९९५ से लेकर अब तक देश में जितनी भी घटनायें घटी हैं- चाहे वह लाल किला की घटना हो या मुम्बई बम कांड हो, ये सब महत्वपूर्ण घटनायें हैं। उनका कोई न कोई अपराधी मध्य प्रदेश में संरक्षण पाता रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में ए.के.-४७, ए.के-५६ पायी गई हैं…( व्यवधान)
श्री लक्ष्मण सिंह (राजगढ़): उपाध्यक्ष महोदय, मुझे इस बात पर घोर आपत्ति है क्योंकि बिना किसी सबूत के मध्य प्रदेश सरकार पर इस तरह का आरोप लगाना ठीक नहीं। उपाध्यक्ष महोदय …( व्यवधान)
MR. DEPUTY-SPEAKER: Shri Prahlad Singh Patel says there is no aarop on Madhya Pradesh.
श्री प्रहलाद सिंह पटेल :उपाध्यक्ष महोदय, मैं मध्य प्रदेश सरकार पर कोई आरोप नहीं लगा रहा। शायद लक्ष्मण सिंह जी को पूर्वाभास हो गया था कि मैं इस विषय पर बोलने वाला हूं…( व्यवधान)
SHRI SURESH KURUP : Sir, Prof. A.K. Premajam has given notice against the alleged assault on Shri S. Ajaya Kumar. He is an hon. Member of Parliament from Kerala.… (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: I know. I will come to that. Why are you now referring to that?… (Interruptions)
SHRI SURESH KURUP : He was brutally assaulted.… (Interruptions)
MR. DEPUTY-SPEAKER: I will call her.
श्री प्रहलाद सिंह पटेल :उपाध्यक्ष महोदय, इस बात पर घोर चिन्ता सदन व्यक्त करे। मैंने किसी गलत मुद्दे पर बात नहीं की है, मैंने आन्तरिक सुरक्षा के सवाल को उठाया है। आई.एस.आई. की वहां जो अभी तक की गतवधियां हैं, जिसके बारे में रिपोर्ट आई है, उस पर सदन को गम्भीरता से विचार करना चाहिए।
उपाध्यक्ष महोदय : श्री रामजी लाल सुमन।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : उपाध्यक्ष महोदय, हमें लगता है कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ।
उपाध्यक्ष महोदय : आपने जो बोलना था वह बोल दिया।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : महोदय, मैंने कभी कोई ऐसा विषय नहीं उठाया। हमारे साथ न्याय नहीं हुआ। मैं चार दिन से लगातार नोटिस दे रहा हूं।
उपाध्यक्ष महोदय : अभी तक चार-पांच दिन से जीरो ऑवर नहीं था।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : उपाध्यक्ष महोदय, मैं दो मिनट में समाप्त कर दूंगा। लोगों ने यहां इतना समय खराब कर दिया…( व्यवधान)
उपाध्यक्ष महोदय : तीस आदमियों को मुझे बोलने का चान्स देना है। आपने जो कहना था वह सब कह दिया, यदि और कहना है तो कहो।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : उपाध्यक्ष महोदय, मुझे लगता है कि यह ठीक नहीं है, यह गलत बात है। मैं कभी विषय से हटकर नहीं बोलता हूं। आप मुझे क्षमा करिये, लेकिन यह बिल्कुल ठीक बात नहीं है।
उपाध्यक्ष महोदय : क्या ठीक बात नहीं है। जो कुछ सरकार के सामने लाना है, लाइये। अगर अभी नहीं लाये हैं तो लाइये।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : आपने मुझे बोलने का मौका दिया, इसके लिए मैं आपको धन्यवाद करता हूं।
उपाध्यक्ष महोदय : आप इस तरह से गुस्सा क्यों होते हैं।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल : उपाध्यक्ष महोदय, मैं गुस्सा नहीं हो रहा हूं। सदन के हालात को देखते हुए हम गुस्सा नहीं हो रहे हैं। लेकिन हमने कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही।…( व्यवधान)
उपाध्यक्ष महोदय : देखिये, ३० मैम्बर्स ने नोटिस दिया है, मुझे सबको अकोमोडेट करना है। इसलिए मैं कह रहा हूं। आपको जो कहना है कहिये। अगर कुछ बाकी है तो बता दीजिए। आप ऐसे गुस्से में मत बैठिये। मुझे सबको चान्स देना है।…( व्यवधान)