Title: Regarding letters written by the abducted High Court lawyer Shri S. Krishnaswami to various authorities about a plan of abduction of some personalities by Veerrappan.
श्री रामजीलाल सुमन (फिरोजाबाद) : अध्यक्ष महोदय, चेन्नई हाई कोर्ट के वकील श्री एस. कृष्णास्वामी का वीरप्पन ने अपहरण कर लिया था। ग्यारह दिन तक वीरप्पन के पास रहने के बाद १८.६.१९९८ को श्री एस. कृष्णास्वामी ने हिन्दुस्तान के गृह मंत्री को एक पत्र लिखा था और उसमें इस बात का खुलासा किया था कि वीरप्पन सुश्री जयललिता, श्री देवेगौड़ा, श्री के. मूपनार, श्री रजनीकांत और श्री राजकुमार के अपहरण की योजना बना रहा है। उस पत्र की प्रति मेरे पास है। भारत सरकार के साथ-साथ श्री एस. कृष्णास्वामी ने सैक्रेटरी टू गवर्नमैंट ऑफ इंडिया, सैक्रेटरी टू गवर्नमैंट ऑफ तमिलनाडु, सैक्रेटरी टू गवर्नमैंट ऑफ कर्नाटक और ज्वाइंट कमांडैंट, स्पैशल टास्क फोर्स को भी लिखा कि ग्यारह दिन तक मेरी वीरप्पन से जो बातचीत हुई है, उसमे वीरप्पन इन लोगों के अपहरण करने की योजना बना रहा है। यदि भारत सरकार ने सार्थक पहल की होती, राजकुमार की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की होती तो उस कन्नड़ अभिनेता को बंधक नहीं बनाया जा सकता था। यह अत्यधिक गंभीर मामला है। श्री एस. कृष्णास्वामी ने जो पत्र लिखा था, उस पर न राज्य सरकार ने और न ही हिन्दुस्तान सरकार ने कोई तवज्जो दी है। मैं जरूर चाहूंगा कि इस मामले पर सदन में चर्चा हो और सरकार स्थिति स्पष्ट करे।