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Title: Regarding situation arising out of reported statement of a Cabinet Minister on the killing of Mumbai ATS Chief in terrorist attack in Mumbai on 26.11.2008.
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श्रीमती सुमित्रा महाजन (इन्दौर) : अध्यक्ष जी, मेरी कभी भी लम्बा भाषण देने की आदत नही है, लेकिन मैं जो मामला उठाने जा रही हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण है। जब मंत्रिपरिषद् में शपथ ली जाती है, तो उसमें देश की एकात्मकता और सौवरैनिटी की भी बात आती है। लेकिन जब पूरा देश एक होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था, पूरे सदन ने एक होकर आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ने की सहमति जताई थी और हम कानून भी बना रहे थे, जिसमें एक प्रकार से मुहर लग गई थी, तो ऐसे में एक केन्द्रीय मंत्री कोई गैर-जिम्मेदाराना बयान देता है, जिसमें एक प्रकार से मुहर लग गयी थी, जब कहा गया था कि हेमन्त करकरे की मौत कैसे हुई, उस पर सवालिया निशान उठाकर देश की एकात्मकता पर प्रहार करने की कोशिश एक केन्द्रीय मंत्री द्वारा होती है, तो इस लड़ाई को एक प्रकार से कहीं न कहीं कमजोर किया जाता है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान जो बात कर रहा है, क्या केन्द्रीय मंत्री भी उस बात को पुष्ट करना चाहते हैं, उनकी मदद करना चाहते हैं?
माननीय अध्यक्ष जी, मैं एक बात और कहना चाहती हूं। मैं भी उसी क्षेत्र से आती हूं जिस क्षेत्र से केन्द्रीय मंत्री जी आते हैं। मैं मध्य प्रदेश की हूं लेकिन मेरी ससुराल का गांव उनके गांव के पड़ोस में है। …( व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय : आप देवर के अगेन्स्ट क्या कह रही हैं?
…( व्यवधान)
श्रीमती सुमित्रा महाजन : वह वहां के एमपी हैं। वास्तव में मैं आज एक बात कहूंगी, क्योंकि माननीय सदन के नेता यहां मौजूद हैं। एक बात जो बार-बार उठ रही है, उस बात की जांच भी पुख्ता तरीके से होनी चाहिए। मैं वहां का पूरा एरिया जानती हूं, रायगढ़ का किनारा है और उस जिले में उरण भी आता है। मैं किसी पर अंगुली नहीं उठा रही हूं, लेकिन एक बात यह भी आयी थी कि किसी पोलिटिकल लीडर ने, आतंकवादियों को आने और लाने में मदद की, इस प्रकार की बात महाराष्ट्र में बार-बार कही जा रही है। इसकी भी जांच पुख्ता तरीके से होनी चाहिए, यह मेरी मांग है।
दूसरी बात यह है कि कल सदन के नेता ने इस बात का आश्वासन दिया था, जब हमारी तरफ से इस मामले में बार-बार डिमांड हो रही थी कि उस केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है? …( व्यवधान)
MR. SPEAKER: The Minister said that he will make a statement before the end of the Session.
श्रीमती सुमित्रा महाजन : अध्यक्ष जी, उन्होंने कल यह कहा था कि आज सदन उठने से पहले।…( व्यवधान)
SHRI PRANAB MUKHERJEE: You can go through the proceedings of the House. We have said that the House is meeting for a couple of days more. Before the House is adjourned sine die, I will come and make a statement.[MSOffice3]
श्रीमती सुमित्रा महाजन : अध्यक्ष जी, यह मामला बहुत गंभीर है।…( व्यवधान)
SHRI PRANAB MUKHERJEE: I am speaking to you.… (Interruptions)
अध्यक्ष महोदय : अध्यक्ष जी मना नहीं कर सकते हैं। ठीक है।
SHRI PRANAB MUKHERJEE: Please do not disturb. I said that the House is meeting for a couple of days; before the House adjourns, I would come and explain the Government’s position. I am reiterating that. But there is no point that every day the issue will be raised and every day the Government will have to respond to it. There is no point in it.
श्रीमती सुमित्रा महाजन : अध्यक्ष जी, मुझे केवल एक बात कहनी है। यह मामला ऐसा नहीं है कि इस पर कोई डिस्कशन करना पड़े। मैंने जैसा बताया कि एक केंद्रीय मंत्री ने इस प्रकार का स्टेटमेंट दिया है।…( व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय : मैंने सरकार से जवाब देने के लिए कहा है।
श्रीमती सुमित्रा महाजन : महोदय, राज्य सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि करकरे जी की मृत्यु आतंकवादी की गोली से हुई है। यह बात महाराष्ट्र के सदन में कही गयी है। लेकिन केन्द्रीय मंत्री यहां पर बार-बार यह बात कह रहे हैं।…( व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय : बार-बार नहीं, केवल एक बार कहा है।
श्रीमती सुमित्रा महाजन : कल भी प्रेस के सामने मंत्री जी ने इस प्रकार के स्टेटमेंट दिए हैं। अगर वह इस तरह का स्टेटमेंट देंगे, इस प्रकार की बात बोलेंगे तो यह कहां तक उचित है।…( व्यवधान)
MR. SPEAKER: Now, let us come to the important discussions.
श्रीमती सुमित्रा महाजन : जो मंत्रालय में रहते हैं, इस पद पर रहते हुए इस प्रकार की बात अगर बार-बार कहेंगे, तो उसे कैसे उचित कहा जा सकता है। …( व्यवधान) उन्हें तुंत इस्तीफा दे देना चाहिए।…( व्यवधान)
MR. SPEAKER: The hon. Leader of the House has reiterated today that before the House adjourns, he would come and make a Statement on behalf of the Government. What more can you want? I do not know.
श्रीमती सुमित्रा महाजन : अध्यक्ष जी, इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना बात पर डिस्कशन क्या होना है, यह मुझे समझ में नहीं आता है।
अध्यक्ष महोदय : ठीक है, आपकी बात हो गयी।
I tell you Shrimati Sumitra Mahajan that because of my respect to you, I allowed it. There is no other notice expect a notice of Adjournment Motion which was given beyond time. Under the rules, it is not to be looked at by me. Even then, because you rose, I said: “Why has she risen?” This notice is there. I can assure you honestly that only because of my personal regards to you that I have allowed it. Otherwise, it was not to be raised. Also, for the third time, it is being raised. I am not minimising anything. I am not maximising anything. I am saying that it was raised earlier also. The hon. Leader of the House earlier also, I believe, in the presence of the hon. Prime Minister, gave that assurance. Therefore, the Government is committed to respond to it.
श्री संतोष गंगवार : महोदय, टेलीविजन पर यह न्यूज आ रही है कि माननीय मंत्री जी ने इस्तीफा दे दिया है।
अध्यक्ष महोदय : तब तो आपको खुश होना चाहिए। अब आप बैठ जाइए।
श्री संतोष गंगवार :हम चाहते हैं कि इसकी सत्यता सदन को पता लगनी चाहिए।
अध्यक्ष महोदय : नहीं, मैं नहीं जानता हूं।
…( व्यवधान)
MR. SPEAKER: I thank you very much for your cooperation. बजट पास नहीं होने से पैसा नहीं मिलेगा।
श्री चंद्रकांत खैरे (औरंगाबाद, महाराष्ट्र): महोदय, महाराष्ट्र से फोन आ रहे हैं।
MR. SPEAKER: Now, we take up Item No. 37 regarding Supplementary Demands for Grants (General). Hon. Minister, you can just make a Statement.
… (Interruptions)
MR. SPEAKER: You yourself ask your friends how they behave.
… (Interruptions)
MR. SPEAKER: No other matter will be allowed now. All other matters, unlisted matters will be taken up at Six of the Clock.