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Shortage Of Drinking Water In Bundelkhand Region. on 30 April, 2010

Lok Sabha Debates
Shortage Of Drinking Water In Bundelkhand Region. on 30 April, 2010


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Title: Shortage of drinking water in Bundelkhand region.

श्री घनश्याम अनुरागी (जालौन): महोदया, आपने मुझे एक महत्वपूर्ण विषय पर बोलने का मौका दिया, इसके लिए हम आपके बहुत आभारी हैं।  मैं बुंदेलखंड से संसदीय क्षेत्र जालौन के गरौठा भोगनीपुर क्षेत्र से चुनकर आया हूं।  हमारे यहां लगातार कई वर्षों से कम वर्षा के कारण सूखा पड़ा हुआ है और पानी का स्टेटा बहुत नीचे चला गया है।  तालाब, नहरें पोखर, नदी, बांध और कुएं आदि सब सूख चुके हैं। जनजीवन में पीने के पानी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।  नदी और नहरों का पानी पूरी तरह से सूख गया है।  वहां का स्टेटा नीचे जाने की वजह से हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है।

          माननीय अध्यक्षा जी, वहां जो मवेशी जानवर हैं, वे मरने लगे हैं। किसानों के जानवर मर रहे हैं। स्थिति यहां तक गंभीर है कि जंगलों के भी जानवर मरने लगे हैं।  साफ पानी पीने के लिए लोगों को दूर से पानी लेकर आना पड़ता है। हमारी मातायें और बहनें रात-रात भर जगकर पानी के लिए हैंडपंप की लाइन में खड़े होकर पानी लेती हैं।  जो हैंडपंप पानी दे रहे हैं, वहां रात-दिन भारी हुजूम लगा रहता है और पानी मुश्किल से वहां के लोगों को पीने के लिए मिल पा रहा है।  हम आपके माध्यम से सरकार से अनुरोध करना चाहते हैं कि ऐसी गंभीर पेयजल की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, तत्काल तुंत पेयजल योजना को लागू करके पूरे बुंदेलखंड में एवं हमारे संसदीय क्षेत्र जालौन, गरौठा और भोगनीपुर में तत्काल कम से कम प्रत्येक जिले में आवश्यकतानुसार तीन-तीन, चार-चार हजार हैंडपंप शीघ्र लगवाने का कष्ट करें। जिससे कि वहां के गंभीर संकट को दूर किया जा सके। वहां लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।  भोजन से तो लोग काम चला लेंगे, लेकिन पानी के बिना काम नहीं चल रहा है।  वहां बहुत गंभीर स्थिति है।  वहां अकाल की स्थिति है।  वहां लोगों में उदासीनता है और लोगों में रोष पैदा हो गया है।  सरकारों, जनप्रतिधियों एवं अधिकारियों के प्रति भी आक्रोश व्याप्त है।  इस आक्रोश को ध्यान में रखते हुए हमारे पूरे बुंदेलखंड और संसदीय क्षेत्र जालौन, गरौठा, भोगनीपुर में आठ हजार हैंडपंप शीघ्र लगाए जाएं। ये चाहे बुंदेलखंड पैकेज से लगवाये जाएं।   चाहे संसदीय कार्य मंत्री जी अलग से कोई ऐसी योजना बनाएं जिससे वहां के मौजूदा संकट को हल किया जा सके और वहां पेयजल का संकट दूर हो सके। इससे हम सरकार के आभारी रहेंगे। यदि ऐसे पेयजल के संकट के समय पर पीने के लिए पानी की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है तो निश्चित तौर पर वहां के लोग आपके आभारी रहेंगे तथा हमारा क्षेत्र आपका आभारी रहेगा। पहले लोग हमारे क्षेत्र में सूखे के कारण भूख से मर रहे थे, लेकिन बुंदेलखंड में अब लोग प्यास से भी मरने लगे हैं।…( व्यवधान) पीने के पानी के अभाव में हजारों जानवर मर गए हैं।

          मैं पुन: निवेदन करूंगा कि इस पर सरकार विचार ही नहीं करे बल्कि इसे तत्काल लागू करे, काम करे, तभी वहां के लोगों का कल्याण होगा और तभी हम मानेंगे कि सरकार बुंदेलखंड तथा हमारे पूरे संसदीय क्षेत्र के प्रति संवेदनशील है।