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Title: Situation arising out of anomalies in VAT.
श्री रामजीलाल सुमन (फ़िरोज़ाबाद):अध्यक्ष महोदय, वैट का कानून संसद ने पास किया। वैट का उद्देश्य यह था कि सभी प्रदेशों में कर की दरें एक जैसी हों और व्यापार का संतुलन न बिगड़े। दुनिया के जितने भी देश हैं, वहां वैट लगा हुआ है, वहां कोई दूसरा कर नहीं होता।
इतना सब कुछ होने के बावजूद एक जनवरी, 2008 से उत्तर प्रदेश में वैट लगा और चार प्रतिशत कर की जगह कृषि कार्य में प्रयुक्त जैनरेटर, पम्पिंग सैट, पाइप इत्यादि पर टैक्स चार प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत, बिजली के उपकरण जैसे पंखा, इलैक्ट्रिक प्रैस एवं मिक्सी, सर्जिकल एक्विपमेंट्स और 300 रुपये से ऊपर की कीमत का जो जूता है, उस पर भी चार परसेंट से 12.5 परसेंट टैक्स उत्तर प्रदेश में लगा दिया। जूता उद्योग एक कुटीर उद्योग है। अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के लोग इसमें काम करते हैं। यह 12.5 प्रतिशत टैक्स उत्तर प्रदेश में इन चीजों पर होगा, जबकि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह टैक्स चार प्रतिशत होगा…( व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय : कृपया संक्षेप में बोलिये।
श्री रामजीलाल सुमन : इससे कर की चोरी बढ़ेगी। वित्त राज्य मंत्री पवन बंसल जी यहां बैठे हैं, वे जानते हैं कि इसमें यह भी कमिटमेंट था कि अगर वैट से किसी राज्य को राजस्व की हानि हो रही है तो उसकी भरपाई भारत सरकार करेगी।[R5]
अध्यक्ष महोदय, यह बहुत गंभीर मामला है, इससे चोरी बढ़ेगी, व्यापार का संतुलन बिगड़ेगा। उत्तर प्रदेश की सरकार ने जिस तरह से आम आदमियों की जरूरत की चीजों पर 4 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत तक टैक्स लगाया है, मैं आपके मार्फत् भारत सरकार से आग्रह करना चाहूंगा कि सरकार तत्काल इसका संज्ञान ले और उत्तर प्रदेश की सरकार को निर्देशित करे कि जो बढ़ा हुआ टैक्स है, उसे वापस ले।