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Need To Redress The Grievances Of Bank Employees Regarding Pension. on 13 March, 2007

Lok Sabha Debates
Need To Redress The Grievances Of Bank Employees Regarding Pension. on 13 March, 2007


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Title: Need to redress the grievances of Bank Employees regarding pension.

श्री गिरधारी लाल भार्गव (जयपुर) : महोदय, बैंकिंग उद्योग में पेंशन का एक और विकल्प देने की मांग को लेकर देश भर से आए हजारों अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कल संसद के सामने प्रदर्शन किया था। इस मांग को लेकर बैंकिग उद्योग को २८ मार्च से ७ दिन के लिए ठप्प रखने की चेतावनी दी गई है। यदि सरकार अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ती है तो ३ मई से १० लाख से अधिक बैंक कर्मचारी अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उक्त हड़ताल से देश भर की अर्थव्यवस्था चरमराने की आशंका है। पूर्व में पेंशन का विकल्प सरकार ने दिया था लेकिन उस समय हड़ताल पर कर्मियों के जाने पर पेंशन से वंचित करने का प्रावधान किया था लेकिन बाद में इस प्रावधान को हटा दिया गया। उक्त संशोधन के परिप्रेक्ष्य में व्यापारिक बैंकों में ५२ प्रतिशत से अधिक कर्मचारी पेंशन के विकल्प से वंचित रह गए। बैंकिंग उद्योग में नई भर्ती के अधिकारी और कर्मचारी पेंशन विकल्प से लाभान्वित हो रहे हैं। बैंकिंग उद्योग में हुए सातवें एवं आठवें वेतन समझौते में से एक बड़ी राशि पेंशन फण्ड में डाली गई, जो उन कर्मचारियों एवं अधिकारियों के हिस्से की थी जिन्होंने पेंशन विकल्प नहीं चुना था। उक्त निर्णय से ही पेंशन विकल्प की मांग पर सरकार अनिर्णय की स्थिति में है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया में पेशन लागू होने के बाद विकल्प चुनने के कई मौके दिए गए हैं लेकिन व्यापारिक बैंकों में मना कर दिया गया जो सरकार की फूट डालो राज करो अंग्रेजी नीति के अनुसरण के कारण हो रहा है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पूर्व में भी २८ अक्टूबर २००६ को इस संबंध में राष्ट्रव्यापी सांकेतिक हड़ताल की थी लेकिन सरकार ने अपने अड़ियल रुख के कारण कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए हैं।

अत: मेरा वित्त मंत्री जी से अनुरोध है कि इनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर समाधान निकालें ताकि देश की जनता को बैंकिंग संबंधी सेवाओं में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं भुगतना पड़े। क्योंकि पेंशन कुछ कर्मचारियों को मिल रही थी और हड़ताल के कारण जो कर्मचारी नहीं ले पाए थे, उनके लिए विकल्प खुला हुआ है इसलिए हिंदुस्तान के सारे बैंकों के कर्मचारियों को पेंशन का विकल्प दिया जाए।

श्री संतोष गंगवार (बरेली): मैं अपने आपको इस मामले के साथ संबद्ध करता हूं।

MR. CHAIRMAN : I would like to say one thing.  The very same point which you are going to raise, namely, the need to conduct the work of Madras High Court inTamil.  You can associate with him.  There is no need of making a long submission.